June 29, 2024

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राजस्थान11जनवरी*युपीआजतक न्यूज़ से राजस्थान की खास खबरे

राजस्थान11जनवरी*युपीआजतक न्यूज़ से राजस्थान की खास खबरे

[11/01, 2:33 PM] +91 98290 71511: #8599
उधर जयपुर में चिकित्सा विभाग में चहेते अफसरों को हटाया तो इधर रघु शर्मा ने अशोक गहलोत सरकार के फैसलों के विरुद्ध आवाज उठाई।

गुजरात का प्रभारी बनाए जाने के बाद रघु शर्मा को कांग्रेस संगठन में कोई पद नहीं मिला है।

रघु शर्मा की राजनीतिक हैसियत का अब पता चलेगा।
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10 जनवरी को जयपुर में चिकित्सा विभाग में डॉ. केके शर्मा को जन स्वास्थ्य के निदेशक पद से हटा दिया। इसी प्रकार राजाराम शर्मा की भी औषधि नियंत्रक के पद से छुट्टी कर दी गई। ये दोनों ही अधिकारी प्रदेश के पूर्व चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के चहेते थे। डॉ. केके शर्मा ने तो चमचागिरी की तब हद कर दी, जब गत रघु शर्मा के जन्मदिन पर नर्सिंग काउंसिल की राशि में से लाखों रुपए के विज्ञापन अखबारों में दे दिए। राजाराम शर्मा भी औषधि नियंत्रक का काम रघु शर्मा के इशारे पर ही करते थे। उधर जयपुर में इन चहेते अफसरों को हटाने का निर्णय लिया गया तो इधर रघु शर्मा ने अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के फैसलों का विरोध करना शुरू कर दिया। रघु ने 10 जनवरी को अपने गृह जिले अजमेर की दो समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख दिए। इन पत्रों के लिखे जाने से माना जा रहा है कि बदली हुई परिस्थितियों में रघु शर्मा अपनी ही पार्टी की सरकार से नाखुश हैं। रघु शर्मा तीन वर्ष तक गहलोत सरकार में दमदार मंत्री रहे, लेकिन उन्होंने कभी भी अजमेर की भीषण पेयजल समस्या पर आवाज नहीं उठाई। गर्मी के दिनों में जब लोगों को छह दिन में एक बार पेयजल की सप्लाई हो रही थी तब भी रघु शर्मा चुप रहे। लेकिन अब जब मंत्री पद छीन चुका है और चिकित्सा विभाग से चहेते अफसरों को हटाया जा रहा है, तब रघु शर्मा को अपने गृह जिले अजमेर की पेयजल की समस्या याद आई है। रघु शर्मा का कहना है कि बीसलपुर बांध से पानी लेने के मामले में जयपुर के मुकाबले में अजमेर के साथ भेदभाव हो रहा है। रघु ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर बताया है कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर में कनेक्शन देने पर जयपुर जिले के लिए बीसलपुर बांध में 4 टीएमसी अतिरिक्त आरक्षित किया गया, लेकिन जल जीवन मिशन के तहत अजमेर के लिए बांध में अतिरिक्त पानी का आरक्षण नहीं किया गया है। जबकि जयपुर के अनुपात में अजमेर जिले के लिए भी 3.7 टीएमसी पानी आरक्षित किया जाना चाहिए। पूर्व के आरक्षण की ओर भी रघु ने सीएम गहलोत का ध्यान आकर्षित किया। वर्ष 2021 में बीसलपुर बांध में जयपुर के लिए 11 टीएमसी पानी आरक्षित किया, जबकि अजमेर के लिए मात्र 5 टीएमसी पानी ही आरक्षित रखा गया। रघु ने मुख्यमंत्री से अजमेर जिले का पेयजल का कोटा बढ़ाने की मांग की। रघु शर्मा ने दूसरा विरोध माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का संभागीय कार्यालय बीकानेर में खोलने का किया है। शर्मा ने कहा कि इससे अजमेर स्थित शिक्षा बोर्ड का महत्व कम होगा। यहां यह उल्लेखनीय है कि शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला को खुश करने के लिए शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारौली बोर्ड का संभागीय कार्यालय बीकानेर में खोल रहे हैं। यदि बीकानेर में संभागीय कार्यालय खुल जाता है तो फिर राज्य के सभी संभागों पर शिक्षा बोर्ड के दफ्तर खुलेंगे। शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारौली के सामने रघु शर्मा की कितनी चलेगी, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन इन दो पत्रों से रघु शर्मा की राजनीतिक हैसियत का भी पता चल जाएगा। दो माह पहले तक रघु शर्मा की गहलोत सरकार में तूती बोलती थी, लेकिन अब उन्हीं रघु शर्मा को मुख्यमंत्री को पत्र लिखने पड़ रहे हैं। चिकित्सा मंत्री का पद जाने के बाद चिकित्सा विभाग में भी रघु शर्मा के चेहतों को हटाया जा रहा है। रघु शर्मा को गत वर्ष गुजरात का प्रभारी बनाया गया था। आमतौर पर जब किसी नेता को राज्य का प्रभारी बनाया जाता है, तब उसे कांग्रेस में कोई पद भी दिया जाता है। लेकिन चार माह गुजर जाने के बाद भी रघु शर्मा को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का सचिव तक नहीं बनाया गया है। गुजरात से प्राप्त समाचारों के अनुसार कांग्रेस संगठन में प्रदेशाध्यक्ष हार्दिक पटेल का भी प्रभाव है। हालांकि अशोक गहलोत भी गुजरात के प्रभारी रहे, लेकिन तब वे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भी थे और गुजरात कांग्रेस में गहलोत का दबदबा भी देखा गया, लेकिन रघु का गुजरात में कोई प्रभाव नजर नहीं आ रहा है। शायद इसलिए अब अजमेर गृह जिले की समस्याओं के समाधान की सुध आई है। रघु शर्मा अजमेर जिले के केकड़ी से कांग्रेस के विधायक हैं।

[11/01, 2:33 PM] +91 98290 71511: #8600
भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी किसी मुगालते में नहीं रहे। मैं आठ हजार वोटों से हरा था, लेकिन मैंने 16 हजार बोगस मतदाताओं के नाम कटवाए-महेंद्र सिंह रलावता।

अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में सिंधी मतदाता मात्र 15 हजार हैं। देवनानी की उम्र 72 नहीं, 74 वर्ष है।
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वर्ष 2018 में अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह रलावता का कहना है कि भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी को किसी मुगालते में नहीं रहना चाहिए। 2023 के चुनाव में वे फिर से कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे और विधायक बनेंगे। रलावता ने बताया कि 2018 में भी उत्तर क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 2 लाख 8 हजार थी और अब 5 जनवरी 2022 को भी निर्वाचन विभाग ने दो लाख 9 हजार मतदाता माने हैं। क्या पिछले तीन वर्ष में सिर्फ एक हजार मतदाता ही बढ़े। जबकि हर वर्ष जनवरी में 18 वर्ष की उम्र वाले युवा मतदाता अपना नाम जुड़वाते हैं। रलावता ने कहा कि उनके चुनाव हारने का प्रमुख कारण बोगस मतदाता रहे। वे आठ हजार मतों से हारे, लेकिन उन्होंने चुनाव में उत्तर क्षेत्र की मतदाता सूची से 16 हजार मतदाताओं के नाम कटवाए। असल में ये 16 हजार मतदाता उत्तर क्षेत्र के नहीं थे, लेकिन देवनानी ने अपने मंत्री पद के प्रभाव से बाहरी लोगों के नाम जुड़वा लिए। अब चूंकि बोगस मतदाता नहीं है तो चुनाव निष्पक्ष होगा। रलावता ने कहा कि देवनानी को इस तथ्य को भी समझना चाहिए कि जनवरी 2018 में जब लोकसभा के उपचुनाव हुए थे, तब कांग्रेस प्रत्याशी रघु शर्मा को अजमेर उत्तर क्षेत्र से 7 हजार मतों की बढ़त मिली थी, लेकिन तब कांग्रेस को 57 हजार वोट मिले, जबकि नवंबर 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान मुझे 59 हजार 251 वोट मिले। जो अब तक के सर्वाधिक वोट हैं। इतना ही नहीं 2013 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. श्रीगोपाल बाहेती मात्र 680 मतों से पराजित हुए। यानी गैर सिंधी उम्मीदवार के होते हुए भी कांग्रेस की स्थिति अच्छी रहती है। रलावता ने कहा कि सिंधी मतदाताओं की संख्या को लेकर देवनानी भ्रम फैलाते हैं। उत्तर क्षेत्र में मात्र 15 हजार सिंधी मतदाता है। रलावता ने बताया कि पूरे विधानसभा क्षेत्र में सिर्फ वार्ड संख्या 77 ही सिंधी बाहुल्य हे। मौजूदा समय में भाजपा के मात्र तीन सिंधी पार्षद हैं। उन्होंने कहा कि अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र जब पुनर्गठित हुआ, तब 45 प्रतिशत अजमेर पूरब, 40 प्रतिशत पुष्कर तथा मात्र 15 प्रतिशत अजमेर पश्चिम का था। इन विधानसभा क्षेत्रों में कभी सिंधी मतदाताओं का प्रभाव नहीं रहा। ऐसा नहीं कि कांग्रेस का सिंधी मतदाताओं में प्रभाव नहीं है। कांग्रेस को सिंधियों के वोट भी मिलते हैं, लेकिन देवनानी ने ऐसा भ्रम फैला रखा कि वे सिंधी मतदाताओं के दम पर ही चुनाव जीतते हैं। रलावता ने कहा कि जब 16 हजार बोगस मतदाता हट गए हैं, तब 2023 के चुनाव में देवनानी को हकीकत का पता चल जाएगा। जहां तक कांग्रेस में उम्मीदवारी का सवाल है तो उत्तर क्षेत्र के नागरिक जानते हैं कि हारने के बाद भी मैं लगातार सक्रिय रहा हंू। मुख्यमंत्री की बजट घोषणाओं के अनुरूप करोड़ों रुपए के विकास कार्य करवाए हैं। जो क्षेत्र उपेक्षित रहे उसमें भी विकास कार्य करवाए। पार्टी ने डॉ. श्रीगोपाल बाहेती, श्रीमती नसीम अख्तर, हेमंत भाटी को भी दो-दो बार चुनाव लड़ने का अवसर दिया हैं। मैंने तो सिर्फ एक बार ही चुनाव लड़ा है। ऐसा कोई कारण नहीं है, जिसकी वजह से मुझे टिकट नहीं मिले। मैं उन 59 हजार 251 मतदाताओं का आभारी हंू जिन्होंने मुझे गत चुनाव में वोट दिया। रलावता ने कहा कि समझ में नहीं आता कि वासुदेव देवनानी अपनी उम्र कम क्यों बता रहे हैं? क्या उम्र की वजह से भाजपा टिकट कटने का डर है? देवनानी चुनाव नामांकन में अपनी जन्म तिथि 11 जनवरी 1948 बताई है। इस हिसाब से देवनानी की उम्र 74 वर्ष है। मोबाइल नंबर 9414497073 पर अजमेर उत्तर क्षेत्र की और अधिक जानकारी महेंद्र सिंह रलावता से ली जा सकती है।

[11/01, 2:33 PM] +91 98290 71511: #8601
राजस्थान में कोरोना संक्रमण की जांच प्राइवेट लेब में मात्र 50 रुपए में। अधिक राशि वसूलने पर महामारी एक्ट में कार्यवाही होगी।

राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में अनिश्चित काल के श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद।

कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और हरियाणा के प्रभारी विवेक बंसल की माता का निधन।
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राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण की जांच के लिए प्राइवेट लैब में मात्र 50 रुपए का शुल्क निर्धारित किया है। सरकार का यह आदेश राजस्थान भर में 10 जनवरी से लागू हो गया है। 50 रुपए के शुल्क में जीएसटी भी शामिल है। अजमेर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल डॉक्टर वीर बहादुर ने बताया कि आमजन को कम कीमतों पर और सहज जांच सुविधा के लिए राज्य सरकार ने चिकित्सकों की एक कमेटी गठित की थी। इस कमेटी की सिफारिशों पर ही सरकार ने 50 रुपए की दर निर्धारित की है। डॉ. सिंह ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि यदि कोई लैब मालिक सरकार के निर्धारित शुल्क से अधिक राशि वसूलता है तो उसके विरुद्ध राजस्थान महामारी अधिनियम के अंतर्गत सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार अस्पतालों में कोरोना संक्रमण की जांच नि:शुल्क हो रही है।

श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद:

राजस्थान के दौसा जिले में स्थित प्रसिद्ध मेहंदीपुर बालाजी के मंदिर में 11 जनवरी से श्रद्धालुओं का प्रवेश अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है। यह निर्णय मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 11 जनवरी को मंगलवार के दिन बालाजी के मंदिर में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ थी। भीड़ में न तो सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो पाई और न ही श्रद्धालुओं ने मास्क लगाया। हालांकि ट्रस्ट की ओर से श्रद्धालुओं को कोरोना संक्रमण के बारे में जानकारी दी गई, लेकिन इसका कोई असर श्रद्धालुओं पर नहीं पड़ा। मंदिर परिसर में कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं होने पर स्थानीय प्रशासन ने भी ट्रस्ट के पदाधिकारियों के समक्ष नाराजगी प्रकट की। गंभीर स्थिति को देखते हुए ट्रस्ट ने 11 जनवरी से ही श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है। ट्रस्ट की ओर से कहा गया है कि अब मंदिर में सिर्फ धार्मिक रस्मों को संपन्न किया जाएगा, लेकिन किसी भी श्रद्धालु को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

विवेक बंसल को मृत शोक:

कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और हरियाणा के प्रभारी विवेक बंसल की माता जी श्रीमती रत्नेश देवी (90) का निधन हो गया है। रत्नेश देवी का अंतिम संस्कार उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ स्थित किसानपुर शवदाह गृह में किया गया। उल्लेखनीय है कि विवेक बंसल राजस्थान में भी कांग्रेस के सहप्रभारी रह चुके हैं। अजमेर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन महासचिव शिवकुमार बंसल, राजेंद्र गोयल, मुजफ्फर भारती आदि ने श्रीमती रत्नेश देवी के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

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