October 14, 2025

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मुगलसराय17दिसम्बर24*योगी सरकार कॉंग्रेस से बहुत डरी हुई है-रामजी गुप्ता।

मुगलसराय17दिसम्बर24*योगी सरकार कॉंग्रेस से बहुत डरी हुई है-रामजी गुप्ता।

मुगलसराय17दिसम्बर24*योगी सरकार कॉंग्रेस से बहुत डरी हुई है-रामजी गुप्ता।

*मुगलसराय शहर कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान अध्यक्ष रामजी गुप्ता ने कहा कि योगी सरकार कांग्रेस से इतना डर गई हैं कि पुलिस से कांग्रेस नेताओं को हाऊस अरेस्ट करा रही हैं*
*आज रात मेरे घर पर पुलिस मुझे हाऊस अरेस्ट करने के लिए पहुंची। मै घर पर नही था विधानसभा घेराव_करने लिए लखनऊ कांग्रेसजनो के साथ रवाना हो गया था जिसकी जानकारी पुलिस को होने के बाद भी बिना लेडीस पुलिस के मेरे घर के अंदर घुसकर तलाशी ली गई जो घोर निंदनीय है लोकतंत्र की हत्यारी योगी सरकार है*
*लोकतंत्र में सिर्फ उसी की बात सुनी जाती है जिसकी आवाज में दम होता है। जनता की चुनी हुई जनता की सरकार जब अहंकार में चूर होती है तो वह सिर्फ अंधी ही नही बहरी भी होती है। वर्तमान प्रदेश सरकार का रवैया कुछ ऐसा हो चला है। राजनैतिक दलों की और जनता की आवाज को दबाने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग हो रहा है। प्रदेश में चोरी ,हत्या,डकैती, छिनैती, अपहरण, साइबर क्राइम, बलात्कार , दलित उत्पीड़न, बढ़ती आत्महत्या के बढ़ते मामले , चौपट होती शिक्षा व्यवस्था, लचर स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भयावह है । कोढ़ में खाज की स्थिति ये की FIR के लिए आम आदमी को दर दर भटकना हो रहा है। इसके अलावा बढ़ती हुई बेरोजगारी , बेरोजगारी के सवाल , निजीकरण के मुद्दे, पुरानी पेंसन के बहाली को लेकर किये जा रहे धरना प्रदर्शन , संविदाकर्मियों के उत्पीड़न, ग्राम विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी, नगर -ग्रामीण की लिंक सड़को, मार्गो का खस्ताहाल , बिजली और किसानों की खाद की समस्या पर उठाए जा रहे आवाजों को डंडे के बल पर दबाया जा रहा है। आवाज उठाने वालों का पुलिसिया उत्पीड़न हो रहा है। उनको हर तरह से डराने-धमकाने का पूरा प्रयास जारी है। धरना-प्रदर्शन करने वाले व्यक्तियो, सामाजिक संस्थाओं, विभागीय यूनियनों, किसान संगठनों सहित राजनैतिक दलों के लोगो के ऊपर प्रतिबंध लगाये जा रहे है। अथवा जायज मांगो के समर्थन में भी हो रहे धरना प्रदर्शन के दौरान बर्बर लाठीचार्ज हो रहे है, जो अंग्रेजी शासन काल की याद दिला रहे है। सरकार ने लोगो की आवाज दबाने का हर घृणित हथकंडा अपनाया है और किसी भी आंदोलन को कुचलने के लिए सरकार कुत्सित मानसिकता से उसे राष्ट्र विरोधी,शांति भंग करार दे रही है। प्रदेश की गंगा-जमुनी तहजीब को धक्का लगा है , जिलों जिलों में जानबूझकर धार्मिक भावनाएं भड़कायी जा रही है। संविधान की धज्जियां खुले आम उड़ाई जा रही है। आम आदमी के हर मसले को धार्मिक अमली जामा पहनाया जा रहा है। विपक्ष इनको राष्ट्रद्रोही और जुल्म के विरुद्ध आवाज बुलंद करने वाला हर शख्स विदेशी समझ मे आ रहा है। सरकार और भाजपाइयों के इशारे पर प्रशासन एकतरफा कार्यवाही में हरदम लगा हुआ है ।मीडिया और अखबार चारण गाथा में तल्लीन है।*
*संविधान की रक्षा के मुद्दे पर, भय,भूख,भ्रष्टाचार, बलात्कार , बढ़ते अपराध , बेतहासा महंगाई , किसानों के सवाल , बेरोजारी की बात पर , प्रदेश की कानून व्यवस्था पर आम आदमी की आवाज को अंधी बहरी सरकार के आंखों और कानों तक पहुँचाने के लिए 18 दिसंबर को प्रदेश कांग्रेस ने विधानसभा के घेराव का निर्णय अपने प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व मंत्री जांबाज़ जुझारू और कद्दावर अजेय नेता माननीय अजय राय जी के नेतृत्व में लिया है।*
*कांग्रेस के इस घेराव कार्यक्रम को असफल करने के लिए सरकारी मिशनरी 36 घंटे पहले से सक्रिय हो गयी है। जिलों से कांग्रेस के पदाधिकारियों और कांग्रेसियों का लोकेशन लेने, हाउस अरेस्ट करने , उन्हें डराने-धमकाने की भयावह खबरे आ रही है जो स्वस्थ लोकतंत्र के प्रति चिंता का विषय है । अभिव्यक्ति की आज़ादी खतरे में है। यह सरकार किसी तरह का न विरोध चाहती है और न ही विपक्ष । यह सरकार के तानाशाह और निरंकुश होने के लक्षण है। जनता की आवाज़ को सरकार को सुनना पड़ेगा और इनको कांग्रेसियों के अलावा और कोई दूसरा सुना भी नही सकता है।* *कांग्रेस का इतिहास संघर्षों का इतिहास है । भारत के कांग्रेसियों के अदम्य साहस को दुनिया ने सलाम किया है। अन्याय, अत्याचार के विरुद्ध खड़ा होने वाला हर व्यक्ति कांग्रेसी ही होता है। हमें कांग्रेस परिवार का होने पर गर्व है। कांग्रेसी होने का अभिमान है।*
*हम कांग्रेसजन अपने शीर्ष नेतृत्व के साथ खड़े है। अवाम की आवाज़ और जननायक राहुल गाँधी के साथ खड़े है। माननीय अजय राय जी के नेतृत्व में होने वाले जन आंदोलनों और संघर्षों के साथ हम सब मजबूती से खड़े है। जन समस्याओं को लेकर 18 दिसम्बर को हर कांग्रेसजनों को शांतिपूर्वक ढंग से एक अनुशासन में लखनऊ पहुँचना है। ताकि सरकार को उसका वादा याद दिलाया जा सके और जनता के दुखों की ओर ध्यान आकर्षित कराया जा सके।*
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