October 19, 2025

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मिर्जापुर07मई25*किसी भी आपदा तथा एअर स्ट्राइक के दौरान बचाव हेतु मॉक ड्रिल किया गया।

मिर्जापुर07मई25*किसी भी आपदा तथा एअर स्ट्राइक के दौरान बचाव हेतु मॉक ड्रिल किया गया।

मिर्जापुर07मई25*किसी भी आपदा तथा एअर स्ट्राइक के दौरान बचाव हेतु मॉक ड्रिल किया गया।

मिर्जापुर से बसन्त कुमार गुप्ता की रिपोर्ट यूपीआजतक।

मीरजापुर। मंगलवार को पुलिस लाइन ग्राउंड में दोपहर 2:00 बजे जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन व पुलिस अधीक्षक सोमेन वर्मा के नेतृत्व में जनपद में किसी भी आपदा तथा एअर स्ट्राइक के दौरान उससे बचाव हेतु जिला प्रशासन और पुलिस ने किया मॉक ड्रिल। उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जिले को हाई अलर्ट पर रखा गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर मंगलवार, 7 मई 2025 को मीरजापुर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम ने दोपहर 2: 00 बजे पुलिस लाइन स्थल पर नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल का आयोजन किया। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य युद्ध जैसी आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, प्रशासनिक तैयारियों को परखना और आम लोगों में जागरूकता फैलाना था। जिसमें जिले के सभी विभागों के प्राअभारियों को शामिल किया गया था।

**मॉक ड्रिल का आयोजन और उद्देश्य**
पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले और इसके जवाब में भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। इस स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित करने का आदेश दिया, जिसमें मीरजापुर भी शामिल है। मीरजापुर को इस ड्रिल के लिए ‘बी कैटेगरी’ में रखा गया है, जो मध्यम स्तर की संवेदनशीलता को दर्शाता है।

मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित था:
1. **नागरिक सुरक्षा की तैयारी**: हवाई हमले, ब्लैकआउट, और अन्य आपात स्थितियों में नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की प्रक्रिया का अभ्यास।
2. **प्रशासनिक समन्वय**: पुलिस, अग्निशमन सेवा, आपदा प्रबंधन टीम, और सिविल डिफेंस वालंटियर्स के बीच तालमेल को मजबूत करना।
3. **जागरूकता अभियान**: आम लोगों को युद्धकालीन परिस्थितियों में आत्मरक्षा, प्राथमिक चिकित्सा, और सरकारी निर्देशों का पालन करने के लिए प्रशिक्षित करना।

*मॉक ड्रिल की गतिविधियां*
मीरजापुर में मॉक ड्रिल का आयोजन सुबह 10 बजे से शुरू हुआ और शाम 4 बजे तक चला। इस दौरान जिले के प्रमुख स्थानों जैसे विंध्याचल, कटरा कोतवाली, चुनार, और लालगंज में सायरन बजाए गए, जो हवाई हमले की चेतावनी का प्रतीक थे। सायरन की आवाज सुनते ही लोग अपने घरों, स्कूलों, और कार्यस्थलों से सुरक्षित स्थानों की ओर निर्देशित किए गए।

– **ब्लैकआउट अभ्यास**: शहर के कुछ हिस्सों में बिजली आपूर्ति को अस्थायी रूप से बंद कर ब्लैकआउट की स्थिति का अनुकरण किया गया। लोगों को अंधेरे में सुरक्षित रहने और टॉर्च जैसे उपकरणों के उपयोग की जानकारी दी गई।
– **प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण**: घायलों को अस्पताल पहुंचाने और आग बुझाने की तकनीकों का प्रदर्शन किया गया। सिविल डिफेंस वालंटियर्स ने दिखाया कि विस्फोटक हमले की स्थिति में आग को कैसे नियंत्रित किया जाए।
– **स्कूलों और कॉलेजों में भागीदारी**: मॉक ड्रिल में एनसीसी, एनएसएस, और स्कूल-कॉलेज के छात्रों ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। उन्हें आपातकाल में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षित निकासी के तरीके सिखाए गए।

– **पब्लिक एड्रेस सिस्टम**: सरकारी रेडियो और लाउडस्पीकरों के माध्यम से लोगों को निर्देश दिए गए कि सायरन सुनने पर घबराएं नहीं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

*जिला प्रशासन और पुलिस की भूमिका**
मीरजापुर के जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन (आईएएस) और पुलिस अधीक्षक सोमेन वर्मा ने मॉक ड्रिल की तैयारियों की समीक्षा की। जिलाधिकारी ने कहा, “यह मॉक ड्रिल किसी भी आपात स्थिति में हमारी तैयारियों को परखने और नागरिकों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारा उद्देश्य डर फैलाना नहीं, बल्कि लोगों को आत्मविश्वास देना है कि हम किसी भी परिस्थिति से निपटने में सक्षम हैं।”

पुलिस प्रशासन ने जिले के सभी 13 पुलिस स्टेशनों (जैसे कटरा कोतवाली, कोतवाली देहात, अदलहाट, अहरौरा आदि) को अलर्ट मोड पर रखा। पुलिस ने ट्रैफिक प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण, और संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी पर विशेष ध्यान दिया। इसके अलावा, अस्पतालों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया ताकि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो।

*नागरिकों से अपील**
जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे मॉक ड्रिल के दौरान घबराएं नहीं और अफवाहों से बचें। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि यह ड्रिल केवल एक अभ्यास है और इसका उद्देश्य वास्तविक युद्ध की स्थिति पैदा करना नहीं है। लोगों से अनुरोध किया गया कि वे सरकारी निर्देशों का पालन करें और अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करें।

### **मीरजापुर की संवेदनशीलता**
मीरजापुर को बी कैटेगरी में शामिल किया गया है, लेकिन इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व इसे विशेष रूप से संवेदनशील बनाता है। विंध्याचल धाम, अष्टभुजा, और काली खोह जैसे तीर्थस्थल हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। इसके अलावा, मीरजापुर अपने कालीन और ब्रासवेयर उद्योगों के लिए भी जाना जाता है, जो इसे आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण बनाता है। इन कारकों को देखते हुए, जिला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने का फैसला किया है।

**आगे की योजना**
मॉक ड्रिल के बाद जिला प्रशासन इसकी समीक्षा करेगा और कमियों को सुधारने पर काम करेगा। नागरिकों से फीडबैक लिया जाएगा ताकि भविष्य में और बेहतर तैयारी की जा सके। प्रशासन ने यह भी संकेत दिया है कि आने वाले समय में डिजिटल सायरन और मोबाइल अलर्ट जैसे तकनीकी उपायों का उपयोग बढ़ाया जाएगा

*निष्कर्ष**
मीरजापुर में आयोजित इस मॉक ड्रिल ने न केवल प्रशासन की तैयारियों को परखा, बल्कि नागरिकों में आत्मविश्वास भी जगाया। भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए यह कदम समय की मांग है। मीरजापुर जिला प्रशासन और पुलिस की यह पहल निश्चित रूप से आपातकालीन परिस्थितियों में जान-माल के नुकसान को कम करने में महत्वपूर्ण साबित होगी। नागरिकों से अपील है कि वे इस तरह के अभ्यासों में सक्रिय रूप से भाग लें और अपनी सुरक्षा के लिए जागरूक रहें।