मऊ02मई25*घोसी तहसील बनी भ्रष्टाचार और अत्याचार का अड्डा: दबंग लेखपालों ने दिव्यांग की कर दी पिटाई,
24 घंटे में ही घूसखोर राजस्व निरीक्षक एंटी करप्शन टीम के हत्थे चढ़ा; जिम्मेदार चुप, पीड़ित न्याय को तरसा
मऊ/घोसी। मऊ जनपद की घोसी तहसील इन दिनों भ्रष्टाचार और सरकारी अमले की दबंगई का प्रतीक बनती जा रही है। हाल ही में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जहां तहसील के दबंग लेखपालों ने एक दिव्यांग व्यक्ति की बेरहमी से पिटाई कर दी। इस घटना से तहसील परिसर में हड़कंप मच गया, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि 24 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
और इससे पहले कि यह मामला शांत होता, एंटी करप्शन टीम ने तहसील के ही एक राजस्व निरीक्षक (RI) को घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। यह गिरफ्तारी पहले से ही तहसील के अंदर चल रही अवैध वसूली और भ्रष्टाचार की पुष्टि करती है।
आम जनता का कहना है कि घोसी तहसील अब “घूसखोरी और गुंडागर्दी” का केंद्र बन गई है, जहां न तो दिव्यांग सुरक्षित हैं और न ही न्याय के लिए आने वाले आम लोग।
दूसरी ओर, जिम्मेदार अधिकारी इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। न लेखपालों पर कोई कार्रवाई हुई, न ही तहसील के कामकाज में पारदर्शिता लाने की कोई ठोस पहल दिखी है।
पीड़ित परिवार लगातार इंसाफ के लिए भटक रहा है, लेकिन प्रशासन की चुप्पी और मिलीभगत पर कई सवाल खड़े कर रही है।
अब जनता पूछ रही है –
क्या मऊ प्रशासन भ्रष्टाचारियों के आगे बेबस हो चुका है?
क्या दिव्यांगों और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए किसी उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया जाएगा?
या ये भी एक और मामला बनकर फाइलों में दफन हो जाएगा?
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