November 19, 2025

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भोपाल23जून24*भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर में भी पहुंचा मानसून, कई इलाकों में हो सकती है झमाझम बारिश*

भोपाल23जून24*भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर में भी पहुंचा मानसून, कई इलाकों में हो सकती है झमाझम बारिश*

भोपाल23जून24*भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर में भी पहुंचा मानसून, कई इलाकों में हो सकती है झमाझम बारिश*

भोपाल। मानसून की लगातार सक्रियता बनी रहने से प्रदेश के अधिकतर शहरों में रुक-रुककर वर्षा होने का सिलसिला जारी है। उधर रविवार को इंदौर, जबलपुर, शहडोल संभाग के सभी जिलों के अलावा भोपाल एवं सागर के कुछ हिस्से में मानसून ने प्रवेश कर लिया है।

*इन इलाकों में हुई वर्षा*
उधर पिछले 24 घंटों के दौरान रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक प्रदेश के अधिकतर जिलों में कहीं-कहीं वर्षा हुई। इनमें जबलपुर में 54, हरदा 53.1, बुरहानपुर में 48.2, सिवनी में 47.2, खरगोन में 46, डिंडौरी में 45, छिंदवाड़ा में 42.2, बड़वानी में 42 मिमी वर्षा दर्ज की गई। इसी तरह आलीराजपुर में 41, देवास में 41, शहडोल में 40, राजगढ़ में 37, बालाघाट में 36.4, भोपाल में 33, झाबुआ में 32, मंडला में 31, नर्मदापुरम में 30.5, धार में 29.4, दतिया में 29, उज्जैन में 28.6, रायसेन में 28, गुना में 27, विदिशा में 21, भिंड में 20, शिवपुरी में 20, सीहोर में 19, देवास 18, सिंगरौली में 17.3, जबलपुर में 17.2, इंदौर में 13, सतना में 12, नरसिंहपुर में 12, , रीवा में 10, अनूपपुर में 8.2, पन्ना में 8.2, सागर जिले में आठ मिलीमीटर बारिश हुई।

मौसम विज्ञानियों के अनुसार पूरे प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा होने का सिलसिला बना रहेगा। विशेषकर भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, शहडोल, इंदौर एवं उज्जैन संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने के आसार हैं। इस दौरान इंदौर, उज्जैन में कहीं-कहीं झमाझम वर्षा भी हो सकती है।

*ये वेदर सिस्टम सक्रिय*
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक मानसून ने इंदौर, जबलपुर, शहडोल संभाग के सभी जिलों के अलावा भोपाल एवं सागर के कुछ हिस्से में मानसून ने प्रवेश कर लिया है। वर्तमान में हरियाणा, दक्षिणी छत्तीसगढ़ एवं दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग पर चक्रवात बने हैं। राजस्थान के मध्य में भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर एक द्रोणिका अरब सागर तक बनी हुई है। इसी चक्रवात से दूसरी द्रोणिका छत्तीसगढ़ तक बनी हुई है, जो मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है। महाराष्ट्र से लेकर केरल तक भी एक द्रोणिका बनी है।

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अलग-अलग स्थानों पर बनी इन मौसम प्रणालियों के प्रभाव से मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों में रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला बना हुआ है। विशेषकर इंदौर, उज्जैन में रविवार-सोमवार को रुक-रुककर झमाझम वर्षा होने का सिलसिला बना रह सकता है।

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