भोपाल17दिसम्बर24*बिल के पक्ष में 269, विरोध में पड़े 198 वोट; कानून मंत्री ने की JPC में भेजने की मांग*
भोपाल। केंद्र सरकार के कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘एक देश-एक चुनाव’ 129वां संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश कर दिया, जिसका विपक्ष ने भारी विरोध किया। कानून मंत्री ने विधेयक पर व्यापक चर्चा के लिए इसे जेपीसी में भेजने की मांग की। एक देश, एक चुनाव बिल विधेयक को स्वीकार करने के लिए सदन में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक तरीके से वोटिंग हुई। इसमें पक्ष में 269 तो विरोध में 198 वोट पड़े हैं। विपक्ष के कुछ सदस्यों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग पर आपत्ति जताई, तो अमित शाह ने पर्ची से वोट डालने की स्पीकर को सलाह दी।
*विधेयक पर नेताओं की राय*
‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ देश के प्रगति के लिए है। 5 साल में एक बार चुनाव होगा। पहले भी ऐसा ही हुआ करता था। 1952 से पहले चुनाव ऐसे ही होते थे। कांग्रेस ने अनुच्छेद 350 का उपयोग करके विधानसभा को भंग कर दी थी। इस पर बात करें, लेकिन सिर्फ विरोध के लिए विरोध करना ठीक नहीं है।
वन नेशन वन इलेक्शन पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि यह भारत के संविधान और नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर एक हमला है, जिसका पुरजोर विरोध कांग्रेस पार्टा और INDIA गठबंधन करेगा। यह बिल भाजपा की मंशा व्यक्त करता है कि वो किस प्रकार से भारत के चुनाव की निष्पक्षता को छिनने की कोशिश कर रहे हैं। भारत में निष्पक्ष चुनाव की हमारी मांग है।
*एक देश, एक चुनाव’ बिल के बारे में समझें*
* इस बिल के जरिए पूरे देश में लोकसभा व राज्य विधानसभा का एक चुनाव कराया जाएगा।
* बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने इस बिल का समर्थन किया है।
* केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सितंबर में एक साथ चुनाव कराने वाले इस बिल को उच्च स्तरीय समिति को पेश करने वाली सिफारिशों का समर्थन किया था।
* इस समिति के अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बनाए गए थे।
*बिला पास कराना मुश्किल*
* एक देश, एक चुनाव को पारित कराने लिए सरकार ने दो बिल लोकसभा में लेकर आई है। इसमें एक संविधान संशोधन बिल है। ऐसे में इसको पारित कराने के लिए सरकार के पास दो-तिहाई बहुमत का होना बहुत जरूरी है।
* लोकसभा की 543 सीटों में से एनडीए के पास 292 सीटें हैं। यह दो तिहाई बहुमत से काफी कम है।
* एनडीए को 362 सांसदों के समर्थन की जरूरत होगी।
* राज्यसभा की 245 सीटों में एनडीए के पास 112 सांसद हैं। उसके पास छह मनोनीत सांसदों का समर्थन हैं, लेकिन उसको जरूरत दो तिहाई बहुमत की है। यानि कि उसके पास 164 सांसदों का समर्थन होना जरूरी है।
* बिल के विरोध में आइएनडीआइए के 205 सांसद खड़े हैं। ऐसे में सरकार को इस बिल को पास कराने में बहुत बड़ी चुनौती मिलने वाली है।
More Stories
दिल्ली20 जून25*दिल्ली प्रदेश भारतीय किसान यूनियन का सामुहिक गठन किया है ।
लखनऊ20जून25*यूपीआजतक न्यूज चैनल पर शाम 4 बजे की बड़ी खबरें……………….*
लखनऊ20जून25*शिक्षा व्यवस्था पर अखिलेश यादव का तीखा वार, ट्रांसफर रेट बताया 5 लाख!