भागलपुर बिहार से शैलेन्द्र कुमार गुप्ता यूपी आजतक
भागलपुर6जुलाई24*रेशम उद्योग को बढ़ावा देने को लेकर केंद्रीय रेशम बोर्ड के सदस्य सचिव से डीएम ने की वार्ता*
*रेशम को कृषि से जोड़ने का दिया सुझाव*
भागलपुर 5 जुलाई 2024, श्री पी. शिव कुमार, सदस्य सचिव, केंद्रीय सिल्क बोर्ड, वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम द्वारा बेगूसराय, बांका, भागलपुर सहित रेशम उत्पादक कई जिलों का भ्रमण किया गया, ताकि रेशम के उत्पादन और उत्पाद को बढ़ाया जा सके।टीम के सदस्य में डॉo मुंद्रा मूर्ति, निदेशक केंद्रीय सिल्क बोर्ड, बेंगलुरु, डॉo पेरिया स्वामी, निदेशक केंद्रीय सिल्क ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट, बैंगलोर, डॉo कार्तिक नियोग, सीएनईआरटीआई, जोरहाट, उप सचिव डी. बेहरा, केंद्रीय सिल्क बोर्ड, नई दिल्ली, उप सचिव एस. खान केंद्रीय सिल्क बोर्ड, कोलकाता शामिल थे। भागलपुर के जिला अतिथि गृह में जिलाधिकारी डॉo नवल किशोर चौधरी द्वारा टीम से मुलाकात कर भागलपुर रेशम उद्योग को युद्ध स्तर पर बढ़ावा देने को लेकर सदस्य सचिव केंद्रीय सिल्क बोर्ड एवं उनके टीम के साथ बैठक की गई।जिलाधिकारी ने भागलपुर में रेशम उत्पादन और रेशम उद्योग के विस्तार के लिए अधिक से अधिक रिसोर्स पर्सन तैयार करने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम चलवाने तथा रेशम उद्योग के लिए यहां पदाधिकारियों की पोस्टिंग करने की मांग की।सदस्य सचिव ने कहा कि सरकार बिहार में एरी, मूंगा, तसर, मलवड़ी रेशम को बढ़ावा देने की लिए योजना चला रही है और फंडिंग भी की जा रही है। रेशम उत्पादन में वृद्धि हेतु उन्होंने जीविका के सेल्फ हेल्प ग्रुप के साथ इसे जोड़ने का सुझाव दिया।
जिलाधिकारी ने यहां के बुनकरों को अत्याधुनिक तकनीक की जानकारी देने हेतु प्रशिक्षण दिलवाने तथा रेशम उत्पादन में वृद्धि करने हेतु इसे उद्योग के साथ-साथ कृषि विभाग के साथ जोड़ने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर यहां किसान सलाहकार हैं जिनका स्थानांतरण नहीं होता है, उन्हें रिसोर्स पर्सन के रूप में तैयार करने हेतु प्रशिक्षण दिया जा सकता है, साथ ही रेशम उत्पादन के लिए इसे कृषि विभाग से जोड़ा जाए ताकि किसान भी रेशम उत्पादन कर सके। उत्पादकों को पोस्ट कोकून सहायता के लिए एक योजना की रूपरेखा तैयार की जाए। सदस्य सचिव ने पोस्ट कोकून सहायता के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने हेतु जिलाधिकारी को आश्वस्त किया।उद्योग विभाग के निदेशक (तकनीकि विकास) बिहार श्री विवेक रंजन मैत्रेय द्वारा भी सदस्य सचिव से भागलपुर सहित बिहार के विभिन्न जिलों में रेशम को बढ़ावा देने के लिए वार्ता की गई। बताया गया कि रेशम का अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान यहां खोला जाएगा जो बिहार में एरि, मूंगा, तसर, मलबरी रेशम के विकास के लिए कार्य करेगा।
भागलपुर में 500 मेट्रिक टन रेशम उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। सदस्य सचिव ने बताया कि भागलपुर तसर रेशम का हब है, यहां सड़क किनारे अर्जुन के पेड़ लगाए जा सकते हैं, एनएचएआई की सड़कों के किनारे तथा वन विभाग की जमीनों पर अर्जुन के पेड़ लगाने के लिए केंद्रीय रेशम बोर्ड फंडिंग भी कर रही है। जिलाधिकारी ने मिर्जाचौकी से सुल्तानगंज एवं अन्य एनएचएआई की सड़कों पर रेशम उत्पादन से संबंधित पेड़ लगवाने का प्रस्ताव 7 दिनों के अंदर भेजने हेतु उद्योग विभाग के परियोजना पदाधिकारी को निर्देशित किया। रेशम उद्योग के उत्पाद को एमांजॉन एवं फैशन वर्ल्ड से जोड़ने का भी सुझाव दिया।सदस्य सचिव ने बताया कि रेशम उत्पादन के लिए सड़क एवं वन विभाग की जमीन को उपयोग किया जा सकता है एवं इच्छुक किसान को भी रेशम उत्पादन के लिए तैयार किया जा सकता है। केंद्र सरकार रेशम उत्पादन बढ़ाने के लिए हर संभव वित्तीय सहायता देने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि रेशम उत्पादन में भारत विश्व में दूसरे नंबर पर है इसे एक नंबर पर लाना है। भागलपुर को पोस्ट कोकून में मजबूती दिलाएंगे।
More Stories
हरियाणा 07जुलाई25*में 2 युवकों को गोलियों से भूना:* एक की मौत,
मध्य प्रदेश 07जुलाई25*पुलिस में चौंकाने वाला मामला सामने आया है
*संभल07जुलाई25*आजकल की महिलाएं इतनी स्वार्थी हो गई है कि अपने बच्चों तक को नहीं बक्श रही है