June 29, 2025

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भागलपुर11मई*टीएमबीयू और बांग्लादेश के वरेन्द्र यूनिवर्सिटी के बीच शिक्षण, रिसर्च और नवाचार को लेकर होगा एमओयू।

भागलपुर11मई*टीएमबीयू और बांग्लादेश के वरेन्द्र यूनिवर्सिटी के बीच शिक्षण, रिसर्च और नवाचार को लेकर होगा एमओयू।

भागलपुर11मई*टीएमबीयू और बांग्लादेश के वरेन्द्र यूनिवर्सिटी के बीच शिक्षण, रिसर्च और नवाचार को लेकर होगा एमओयू।

वरेन्द्र यूनिवर्सिटी राजशाही बांग्लादेश की प्रतिनिधि ने टीएमबीयू के कुलपति को सौंपा करार का प्रस्ताव।

भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) और बांग्लादेश के राजशाही स्थित वरेन्द्र यूनिवर्सिटी के बीच जल्द ही शिक्षण, शोध और नवाचार सहित कई क्षेत्रों में करार होगा।
टीएमबीयू के पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर ने बताया की वरेन्द्र विश्वविद्यालय बांग्लादेश ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के साथ शिक्षण और रिसर्च सहित कई क्षेत्रों में एमओयू करने को लेकर दिलचस्पी दिखाई है। बांग्लादेश की प्रतिनिधि के तौर पर वरेन्द्र विश्वविद्यालय बांग्लादेश के सोशियोलॉजी विभाग की फैकल्टी रौनक आरा परवीन ने गुरुवार को टीएमबीयू के कुलपति प्रो. जवाहर लाल से शिष्टाचार भेंट करके दोनों संस्थानों के बीच एमओयू का प्रस्ताव का कागजात सौंपी।
प्रस्ताव वरेन्द्र यूनिवर्सिटी बांग्लादेश के कार्यकारी कुलपति के द्वारा दिया गया है।
इस मौके पर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने कहा की यह एक अच्छी और स्वागत योग्य पहल है। इससे दोनों ही विश्वद्यालयों के बीच ज्ञान का आदान-प्रदान हो सकेगा। साथ ही फैकल्टी और स्टूडेंट एक्सचेंज होने से शिक्षण, शोध, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में बेहतर पहल किया जा सकेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 का भी यही उद्देश्य है की भारतीय संस्थानों को विदेशी संस्थानों के साथ शिक्षण, रिसर्च और इनोवेशन के क्षेत्र में तादात्म्य स्थापित कर ज्ञान का आदान-प्रदान किया जाय। इससे नए और इनोवेटिव आइडियाज आएंगे। टीएमबीयू का नाम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगा।
कुलपति प्रो. लाल ने कहा की करार हो जाने के बाद दोनों ही संस्थानों के बीच ज्वाइंट रिसर्च के कार्य किए जायेंगे। पठन-पाठन की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। दोनों संस्थानों के बीच सेमिनार, कॉन्फ्रेंस, वर्कशॉप आदि का भी आयोजन हो सकेगा। सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को भी इससे बढ़ावा मिलेगा। यहां के छात्र बांग्लादेश के संस्थान के साथ जुड़कर पढ़ाई और रिसर्च करेंगे।
उन्होंने बताया की प्रपोजल का अध्ययन किया जाएगा। फिर उसके बाद एमओयू की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। विश्वविद्यालय में एक समारोह का आयोजन कर एमओयू पर दस्तखत होगा जिसमें बांग्लादेश के कुलपति को भी आमंत्रित किया जाएगा।
कुलपति प्रो. लाल ने कहा की क्वालिटी एजुकेशन तभी होगा जब नॉलेज का आदान प्रदान हो सकेगा। यह एक बड़ी पहल है। आने वाले दिनों में कई अन्य देशों के साथ भी एमओयू की प्रक्रिया शुरू करने का प्रयास किया जाएगा।
इसके पहले तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का यूएसटीएम मेघालय, ग्लोबल लीडरशिप फाउंडेशन नई दिल्ली, जूलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, बीएयू सबौर आदि संस्थानों के साथ एमओयू हो चुका है।
इस मौके पर रजिस्ट्रार डॉ गिरिजेश नंदन कुमार, पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर, पीजी मनोविज्ञान विभाग की शिक्षिका डॉ लक्ष्मी पाण्डेय, नेपाल के त्रिभुवन यूनिवर्सिटी के डॉ एन. ठगुन्ना आदि मौजूद थे।

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