भागलपुर 13 मई*मात्री गोष्ठी का आयोजन किया गया
मात्री गोष्ठी का आयोजन नारायणी देवी सालारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर डॉक्टर जयप्रकाश मेहता सरस्वती शिशु मंदिर में किया गया*
आज, दिनांक:-13.05.2023, दिवस शनिवार को नारायणी देवी सालारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर सह डॉक्टर जयप्रकाश मेहता सरस्वती शिशु मंदिर पुंसिया बांका में
मात् गोष्टी आयोजित की गई !कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ! दीप प्रज्वलन का कार्य मुख्य अतिथि श्रीमती पुष्पा देवी अध्यक्ष श्रीमती संजू देवी ,श्रीमती जुली कुमारी श्रीमती रंजना गुप्ता एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री आकाश कुमार के कर कमलों द्वारा संपादित हुआ! तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत स्वागत गान के साथ किया गया उसके बाद विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा मंचासीन अधिकारी एवं मुख्य अतिथि गण का परिचय करवाया गया उसके बाद विद्यालय की वरिष्ठ आचार्या श्रीमती संगीता सिन्हा द्वारा विद्यालय का वृत्त एवं मात् गोष्ठी के उद्देश्य के बारे में अभिभावकों के बीच साझा किया उसके बाद मुख्य अतिथि का उद्बोधन हुआ उन्होंने भैया-बहनों के प्रति माता के कर्तव्य पर प्रकाश डाला और उनके द्वारा बताया गया कि मां प्रथम शिक्षिका होती है बच्चे का प्रथम पाठशाला उसका घर होता है इसलिए मां को बच्चे पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है जिससे भैया-बहन अपना सर्वांगीण विकास कर सके अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री आकाश कुमार का उद्बोधन हुआ उन्होंने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष में भैया-बहनों के सर्वांगीण विकास के लिए विद्यालय और घर दोनों स्थानों में सही रूप से उसका दिशा निर्देश और संरक्षण हो इस कार्य के लिए सभी आचार्य एवं अभिभावकों को समन्वय बनाकर करी के रूप में कार्य करना होगा भैया-बहनों के व्यक्तित्व चारित्रिक एवं शैक्षिक विकास में अभिभावकों और आचार्य आचार्य को आपसी समन्वय बनाकर कार्य करना होगा कभी वर्तमान पीढ़ी के युवाओं का सर्वांगीण विकास संभव है भैया बहनों के बेहतर भविष्य दशा और दिशा बनाने के लिए बचपन से उनके माता पिता की भूमिका अहम होती है! घर का पारिवारिक माहौल स्वच्छ के साथ साथ संस्कार पक्ष का भी होना अनिवार्य है, वर्तमान समय में युवा छात्र छात्राओं के द्वारा इंटरनेट मोबाइल टीवी सीरियल के गलत उपयोग के कारण बहुत हद तक चारित्रिक पतन हुआ है और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में बाधक सिद्ध हुई है इसे रोकना अत्यंत जरूरी है साथ ही साथ बच्चों की गलत संगति ना हो इसका ध्यान रखना जरूरी है तभी बालकों में सर्वांगीण विकास हो सकेगा इसके लिए , हमें बालकों के लिए समय निकालना होगा अंत में आचार्या श्रीमती कंचनमाला
के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन और शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ इस कार्यक्रम में सभी आचार्य बंधु/भगिनी एवं कर्मचारी गण मौजूद थे
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