November 22, 2024

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भागलपुर बिहार 03/10/23*पंजीयन, परीक्षा और रिजल्ट को लेकर बैठक करते हुए कुलपति प्रो. जवाहर लाल।

भागलपुर बिहार 03/10/23*पंजीयन, परीक्षा और रिजल्ट को लेकर बैठक करते हुए कुलपति प्रो. जवाहर लाल।

भागलपुर बिहार से शैलेन्द्र कुमार गुप्ता(यूपी आजतक)

भागलपुर बिहार 03/10/23*तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने मंगलवार को सिंडिकेट हॉल में पीजी विभागों के हेड, विश्वविद्यालय अधिकारियों और परीक्षा विभाग में टेबुलेशन कार्य से जुड़े टेबुलेटरों के साथ बैठक कर स्नातक स्तर पर न्यू कोर्स के तहत सीबीसीएस पैटर्न पर नामांकित वर्तमान सत्र के छात्रों के रजिस्ट्रेशन, मिड टर्म एग्जाम और प्रथम सेमेस्टर की फाइनल परीक्षा की रूपरेखा और रजिस्ट्रेशन कार्यों के प्रगति की समीक्षा की। कुलपति ने कहा की विश्वविद्यालय में समय पर छात्रों का नामांकन, पंजीयन, परीक्षा का आयोजन और परिणाम जारी होंगे।
सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया की स्नातक सेमेस्टर वन के जिन छात्रों ने अब तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, छात्र हित को देखते हुए वे दो सौ रुपए विलंब शुल्क के साथ 5 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक पंजीयन करा सकते हैं। समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई की अब तक करीब पांच हजार से भी अधिक छात्र पंजीयन से वंचित रह गए हैं। व्यापक छात्र हित को देखते हुए रजिस्ट्रेशन की तिथि लेट फाइन के साथ बढ़ाई गई। पहले यह तिथि 21 सितंबर से 25 सितंबर तक थी। बाद में पुनः इसे 26 सितंबर तक विस्तारित किया गया था।
वहीं स्नातक सेमेस्टर वन सत्र 2023- 2027 के जिन छात्रों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है, वे 5 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक बिना विलंब शुल्क के परीक्षा प्रपत्र भर सकते हैं। जबकि 13 से 14 अक्टूबर तक विलंब शुल्क के साथ परीक्षा फॉर्म भरेंगे।

छात्रों की 75% उपस्थिति को सख्ती से लिया जाएगा लागू ।

कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने कहा की कक्षा में छात्रों की 75% उपस्थिति हर हाल में पूरा कराएं। बिना पचहत्तर प्रतिशत उपस्थिति पूरा किए छात्र परीक्षा फॉर्म नहीं भर सकते हैं। इस नियम को सख्ती से लागू किया जाएगा।
75% उपस्थिति पूरा कराए बगैर यदि कोई कॉलेज छात्रों का फॉर्म भराता है तो ऐसे प्राचार्यों पर कार्रवाई की जाएगी। इसकी पूरी जिम्मेवारी कॉलेजों के प्रधानाचार्यों की होगी।

सिलेबस पूरा कराने की जिम्मेवारी कॉलेजों के प्रधानाचार्यों पर

वीसी ने कहा की नए पैटर्न पर नामांकित छात्रों का सिलेबस समय पर पूरा कराने की जिम्मेवारी कॉलेजों के प्रधानाचार्यों की है। वे अपने स्तर से छात्रों का सिलेबस पूरा कराएं। परीक्षा, मूल्यांकन या अन्य कारणों से पठन-पाठन बाधित होता है तो वैसी स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत प्राचार्य स्पेशल क्लास कराकर कोर्स पूरा कराएं। कुलपति ने कहा की कॉलेजों में पठन-पाठन बाधित न हो, इसके लिए प्राचार्यों को छात्र हित में निर्देश दिए गए हैं। दिसंबर माह में स्नातक प्रथम सेमेस्टर की फाइनल परीक्षा होनी है।

सीबीसीएस पैटर्न पर आयोजित होने वाली स्नातक सेमेस्टर वन की पहली बार आयोजित होने वाली परीक्षा और परिणाम के लिए फॉर्मेट और खाका तैयार करने के लिए कुलपति ने लोकपाल, डीएसडब्ल्यू और परीक्षा नियंत्रक की तीन सदस्यीय कमिटी बनाने के निर्देश दिए।
हालांकि बीपीएससी बैच के नए शिक्षकों ने कुलपति को सुझाव दिया की मूल्यांकन केंद्र से ही परीक्षक द्वारा सीधे परीक्षा विभाग को अंक भेज दिए जायेंगे और परीक्षा विभाग उन अंकों को सीधे अंक पत्र में प्रिंट कर सकेंगे। सुझाव देने वालों में डा संदीप सुमन, डा अमित रंजन सिंह आदि शामिल थे। हालांकि इस योजना का ब्लू प्रिंट डा संदीप सुमन के अलावे डा निशांत सिंह, डा बद्रीनाथ झा और विवेक कुमार हिन्द ने तैयार कर कुलपति को पिछले दिनों दिया था। इस तकनीक को कुलपति ने काफी सराहा भी था।

कुलपति की स्वीकृति के बिना शिक्षक और संस्थान के प्रधान नहीं छोड़ेंगे मुख्यालय।

कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने कहा की पीजी विभागों के हेड और शिक्षक अब कुलपति की स्वीकृति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे। यदि किसी विभाग के शिक्षक को अवकाश लेना हो तो उन्हें सबसे पहले संस्थान के प्रधान द्वारा अग्रसारित आवेदन पर कुलपति से स्वीकृति लेनी होगी। हालांकि कुलपति ने इस कार्य के लिए प्रतिकुलपति को अधिकृत किया है। समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई की कुछ शिक्षक हेड की स्वीकृति से ओरियेंटेशन, रिफ्रेशर, शैक्षणिक सर्वे आदि कार्यों के लिए मुख्यालय से बाहर गए हुए हैं। इस पर कुलपति ने नाराजगी जाहिर करते हुए सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए की वे शिक्षकों के अवकाश की स्वीकृति कुलपति या कुलपति द्वारा अधिकृत अधिकारी प्रोवीसी से लेकर ही मुख्यालय छोड़ेंगे।
साथ ही टेबुलेशन कार्यों से जुड़े शिक्षकों को निर्देश दिया गया की यदि उन्हें अवकाश में जाना हो तो वे इसकी तत्क्षण सूचना अपने संस्थान के प्रधान सहित विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक को अवश्य रूप से देंगे। ताकि टेबुलेशन का काम बाधित न हो।

टेबुलेटरों के कार्यों की हुई समीक्षा।

बैठक में कुलपति ने विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग में कार्यरत टेबुलेटरों के कार्यों की भी बारी-बारी से समीक्षा की। समीक्षा के दौरान टेबुलेशन कार्य से गैर हाजिर रहने वाले शिक्षकों को अंतिम चेतावनी देकर उन्हें कल से ही कार्य शुरू करने का निर्देश दिया गया। टेबुलेटरों के कार्यावधि का भी निर्धारण किया गया। अब सभी टेबुलेटरों को प्रतिदिन कम से कम 3 घंटा परीक्षा विभाग में टेबुलेशन का काम करना होगा। उनके आने-जाने का समय अंकित किया जाएगा। साथ ही प्रतिदिन उनकी हाजरी भी परीक्षा विभाग में बनेगी। वीसी ने कहा की कंट्रोल रूम प्रतिदिन 8 बजे रात्रि तक खुला रहेगा।

कॉलेजों में स्नातक स्तर पर गांधियन थॉट की पढ़ाई शुरू कराने के लिए कुलपति से लगाई गुहार।

पीजी गांधी विचार विभाग के हेड डा विजय कुमार सहित विभाग के शिक्षकों ने कुलपति से सभी महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर गांधियन थॉट की पढ़ाई शुरू कराने की दिशा में पहल करने का अनुरोध किया। विभाग के हेड ने वीसी को बताया की स्नातक स्तर पर गांधियन थॉट की पढ़ाई शुरू करने के लिए एकेडमिक काउंसिल, सिंडीकेट समेत विश्वविद्यालय के सभी कमिटीयों से अनुमोदित हो चुका है। सिलेबस भी एप्रूव्ड है।
कुलपति ने इस मामले में सभी कॉलेजों के प्रधानाचार्यों से अपने यहां गांधियन थाउट की पढ़ाई स्नातक स्तर पर शुरू कराने के लिए विश्वविद्यालय को प्रस्ताव भेजने को कहा है। इसके अलावे विभाग के शिक्षकों ने कुलपति से गांधी संग्रहालय सह गांधी रिसर्च सेंटर के स्थापना की दिशा में भी पहल करने का अनुरोध किया। कुलपति ने मौके पर गांधी विचार विभाग की मरम्मती व जीर्णोद्धार कार्यों की अद्यतन जानकारी इंजीनियर से लिए।बैठक में लोकपाल डा योगेन्द्र, डीएसडब्ल्यू डा बिजेंद्र कुमार, बीएन कॉलेज के प्रिंसिपल डा अशोक कुमार ठाकुर, कॉलेज इंस्पेक्टर डा संजय कुमार झा, जनसंपर्क पदाधिकारी डा दीपक कुमार दिनकर सहित सभी पीजी विभागों के हेड और शिक्षक मौजूद थे।

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