May 3, 2024

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भागलपुर बिहार* टीएमबीयू में एकेडमिक सीनेट के आयोजन को लेकर कुलपति ने की विद्वत परिषद की ऑनलाइन बैठक

भागलपुर बिहार* टीएमबीयू में एकेडमिक सीनेट के आयोजन को लेकर कुलपति ने की विद्वत परिषद की ऑनलाइन बैठक

भागलपुर बिहार से शैलेन्द्र कुमार गुप्ता यूपी आजतक 

टीएमबीयू में एकेडमिक सीनेट के आयोजन को लेकर कुलपति ने की विद्वत परिषद की ऑनलाइन बैठक।

15 जुलाई के बाद का तीन संभावित तिथि का प्रस्ताव भेजा जाएगा राजभवन को

भागलपुर बिहार 12अप्रैल 2024* तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में राजभवन के निर्देश पर एकेडमिक सीनेट के आयोजन को लेकर कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने शुक्रवार को गूगल मिट पर विद्वत परिषद (एकेडमिक काउंसिल) की ऑनलाइन बैठक की। विद्वत परिषद की बैठक में कुलपति ने एकेडमिक सीनेट के आयोजन को लेकर सदस्यों से विचार-विमर्श किया। उन्होंने आयोजन के लिए संभावित तीन तिथियों के निर्धारण करने के लिए सीनियर प्रोफेसर डा अशोक कुमार ठाकुर और सभी संकायों के डीन को अधिकृत किया गया। यह कमिटी एकेडमिक सीनेट के आयोजन के लिए संभावित तिथि तय करके कुलसचिव को रिपोर्ट करेगी ताकि रजिस्ट्रार के स्तर से राजभवन को प्रस्ताव भेजा जा सके। कुलपति ने कहा की टीएमबीयू में एकेडमिक सीनेट का आयोजन 15 जुलाई के बाद कराया जायेगा। राजभवन से सभी विश्वविद्यालयों को पत्र आया है की वे अपने यहां एकेडमिक सीनेट की बैठक कराने को लेकर एक सप्ताह के भीतर प्रस्ताव भेजें।
मालूम हो की टीएमबीयू में पहली बार एकेडमिक सीनेट की बैठक होगी। आयोजन को लेकर पहल शुरू कर दी गई है। कुलपति प्रो. जवाहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित एकेडमिक काउंसिल की ऑनलाइन बैठक में पठन-पाठन, रिसर्च और नवाचार से जुड़े कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
एकेडमिक काउंसिल की बैठक में मुख्य रूप से सिलेबस का अपग्रेडेशन, नए पाठयक्रमों के संचालन, संस्थानों के साथ विश्वविद्यालय का कोलोबोरेशन, मोड ऑफ टीचिंग, शिक्षकों की कमी को दूर करने, नामांकन, परीक्षा, परिणाम, एफिलिएशन, वेलफेयर एंड ग्रीवांस सेल की भूमिका, ऑर्डिनेंस एंड रेगुलेशंस, रिसर्च एक्टिविटी, कन्वोकेशन, स्पोर्ट्स एंड कल्चरल इवेंट आदि बिंदुओं पर बारी-बारी से चर्चा की गई।
कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने अधिकारियों से कहा की एकेडमिक सीनेट की बैठक के पूर्व विश्वविद्यालय स्तर पर सभी जरूरी तैयारी अभी से ही शुरू कर दें। आयोजन की जिम्मेवारी सबों की है। उन्होंने कहा की जिन विषयों का रेगुलेशन- ऑर्डिनेंस राजभवन से पारित नहीं है वैसे विषयों की पढ़ाई बंद होगी। इसकी जांच के लिए कुलपति ने सीसीडीसी और कॉलेज इंस्पेक्टर को अधिकृत किया। सीसीडीसी पीजी विभागों और अंगीभूत महाविद्यालयों की जांच करेंगे वहीं कॉलेज इंस्पेक्टर संबद्ध महाविद्यालयों की जांच करेंगे। दोनों ही अधिकारी यह देखेंगे की राजभवन द्वारा रेगुलेशंस और ऑर्डिनेंस पास है या नहीं। जांच रिपोर्ट के आधार पर कुलसचिव प्रमाण पत्र देंगे। साथ ही वोकेशनल कोर्सों के संचालन के लिए एआईसीटीई से अनुमोदन लेना जरूरी है। नामांकन के समय एफिलिएशन और ऑर्डिनेंस रेगुलेशंस का ध्यान रखा जाएगा।
नए कोर्सों के संचालन के लिए भी राजभवन से ऑर्डिनेंस और रेगुलेशंस को पारित करवाना जरूरी है। वीसी ने कहा की नामांकन में किसी भी तरह की गलतफहमी और चूक न हो। इसके लिए पूरी नामांकन प्रक्रिया का नोटिफिकेशन डीएसडब्ल्यू जारी करेंगे। नामांकन की सभी प्रक्रियाएं निर्धारित टाइम फ्रेम में ही किया जाएगा। एकेडमिक कैलेंडर का अक्षरक्ष: पालन कराने का निर्देश वीसी ने अधिकारियों को दिए।
कुलपति ने कहा की रिसर्च का कार्य रेगुलेशन के अंतर्गत ही करें। रेगुलेशंस में निहित प्रावधानों के तहत ही पीएचडी के कार्य कराए जाएं। विश्वविद्यालय में रिसर्च नियमावली का सख्ती से पालन किया जाएगा।
वहीं पैट 2023 की परीक्षा यूजीसी की नया नियमावली के अनुसार होगी या यूजीसी रेगुलेशंस 2016 के तहत होगी, इसको तय करने के लिए रिसर्च सेल के कन्वेनर प्रो. अशोक कुमार ठाकुर के नेतृत्व में सभी संकायाध्यक्षों की एक कमिटी बनाने का निर्देश दिया गया। कुलपति ने रिसर्च एक्टिविटी को बढ़ाने की जरूरत जताई। उन्होंने कहा की विश्वविद्यालय का काम रिसर्च को बढ़ावा देना है। इसके लिए इच्छाशक्ति को दृढ़ बनाना होगा। पीजी विभाग और कॉलेज अपने यहां नियमित रूप से राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सेमिनार, कांफ्रेंस, वर्कशॉप आदि का आयोजन कराएं। शिक्षक रिसर्च प्रोजेक्ट बनाकर सरकार और उनकी एजेंसियों को भेजें। विश्वविद्यालय भी आर्थिक सहयोग करने को तैयार और तत्पर है। उन्होंने विश्वविद्यालय में गठित रिसर्च सेल की गतिविधि बढ़ाने के निर्देश दिए।
वीसी ने कहा की सिलेबस को अपडेट करना जरूरी है। सिलेबस ऐसा हो जिससे समाज का भला हो सके। साथ ही यह रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा दे सके। सिलेबस साइंस और तकनीक आधारित और औद्योगिक आवश्यकता के आधार पर बने। कुलपति ने कहा की पाठ्यक्रम में लेटेस्ट चीजों को शामिल करने की जरूरत है। विश्वविद्यालय में क्वालिटी एडुकेशन को बढ़ावा दिया जायेगा। सिलेबस बनाते समय दूसरे यूनिवर्सिटी के सिलेबस का भी तुलनात्मक विश्लेषण करें।
उन्होंने कहा की विश्वविद्यालय में सेरीकल्चर और फिजियोथीरेपी एंड योगा जैसे महत्वपूर्ण कोर्स खोलने की दिशा में पहल जारी है।
कुलपति प्रो. लाल ने कहा की टीएमबीयू में ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन कक्षाओं का भी संचालन होगा। शिक्षकों के लेक्चर की ऑडियो-वीडियो रिकार्डिंग कराकर उसे दूसरे संस्थानों में भेजा जाएगा ताकि उसका लाभ छात्रों को मिल सके। वहीं कुलपति ने बैठक के दौरान ही कुलसचिव को इंटरव्यू हो चुके साइंस और कॉमर्स विषय में गेस्ट टीचर की अधिसूचना जल्द जारी करने का निर्देश दिए।
कुलपति ने परीक्षा नियंत्रक को परीक्षा कैलेंडर का सख्ती से पालन करने का निर्देश देते हुए कहा की सभी परीक्षाएं समय पर लें और उसका परिणाम भी ससमय जारी कर दें। आगामी परीक्षाओं के आयोजन की तैयारी पूर्व से ही शुरू कर दें। साथ ही पेंडिंग रिजल्ट का भी युद्धस्तर पर समाधान करें।
कुलपति ने कहा की छात्रों से जुड़े हुए जितने भी ग्रीवांस हैं उसका तुरंत निराकरण करें। एक भी मामला पेंडिंग नहीं रहे। विश्वविद्यालय अभियंता को निर्देश दिया गया की वे सभी पीजी विभागों में उमस भरी गर्मी में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित कर रिपोर्ट करें।
वीसी ने कहा की एकेडमिक सीनेट की बैठक में सभी संकायाध्यक्षों और पीजी विभागों के विभागाध्यक्षों की महत्पूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने सभी डीन को अपने संकाय अंतर्गत अब तक हुए शोध कार्यों का लिखित ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा है।
ऑनलाइन बैठक में प्रो. अशोक कुमार ठाकुर, डीएसडब्ल्यू प्रो. बिजेंद्र कुमार, कुलसचिव प्रो. विकास चन्द्रा, डीन साइंस प्रो. जगधर मंडल, सोशल साइंस की डीन प्रो. भावना झा, सीसीडीसी डा एसी घोष, कॉलेज इंस्पेक्टर डा संजय झा, परीक्षा नियंत्रक डा आनंद कुमार झा, पीआरओ डा दीपक कुमार दिनकर, मीटिंग ऑफिसर डा राहुल कुमार सहित सभी पीजी विभागों के हेड और एसओ विजय मिश्रा, किरण कुमारी आदि भाग लिए।

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