November 22, 2024

UPAAJTAK

TEZ KHABAR, AAP KI KHABAR

भागलपुर बिहार*२२/१०/२४*भवन निर्माण के एक्सक्यूटिव इंजीनियर को योजना की जानकारी नहीं, अधर में लटका है कई निर्माण कार्य

भागलपुर बिहार*२२/१०/२४*भवन निर्माण के एक्सक्यूटिव इंजीनियर को योजना की जानकारी नहीं, अधर में लटका है कई निर्माण कार्य

भागलपुर बिहार से शैलेन्द्र कुमार गुप्ता यूपी आजतक 

भागलपुर बिहार*२२/१०/२४*भवन निर्माण के एक्सक्यूटिव इंजीनियर को योजना की जानकारी नहीं, अधर में लटका है कई निर्माण कार्य

भागलपुर जिले के भवन निर्माण विभाग के ईई को योजनाओं की जानकारी नहीं है। यहां तीन करोड़ की लागत से बन रही 67 पंचायत भवन का निर्माण अधूरा है। जबकि खुद सीएम नीतीश इन योजनाओं को पूरा करने को लेकर गंभीर हैं।

भागलपुर बिहार: सरकार अपने किए गए कार्य व प्राक्कलित राशि को आम जनता के बीच लाने के सार्वजनिक करने के लिए जागरुकता अभियान व प्रचार प्रसार के तहत कदम उठा रहे हैं। ताकि सरकार की हर एक योजना की जानकारी जनता के बीच हो। लेकिन जब भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता इंजिनियर राकेश कुमार द्वारा जिला में उनके विभाग के द्वारा चल रहे अपने विभाग के कार्यों के जानकारी नहीं है। इस बात की पुष्टि स्वयं कर रहे हैं। उनको कुछ पता ही नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि जिला के 16 प्रखंडों के किन-किन पंचायतों में पंचायती राज भवन बनवाया जा रहा है। तो उनके द्वारा बताया गया कि इन सारी बातों की जानकारी जिला पंचायती राज विभाग अच्छी तरीके से बता पाएंगे। हमारी जानकारी में नहीं है। 67 पंचायत भवन का निर्माण अधूरा बता दें कि भवन निर्माण विभाग में लगभग 3 करोड़ रुपए की लागत से कुल 67 पंचायत भवन का निर्माण कराना है। सूबे के मुख्यमंत्री भी पंचायत भवन निर्माण को लेकर गंभीर है। विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द भवन निर्माण कार्य को पूरा करा लिया जाए। अब तक काम जिला में अधर में लटका हुआ है। शेष एलयो विभाग द्वारा बनाया जाएगा। वहीं जब उनसे जानकारी लेने का प्रयास किया गया कि भागलपुर के कंबाइंड बिल्डिंग के रिपेयरिंग के लिए कितने रुपए खर्च किया गया। उनके द्वारा बताया गया उनकी जानकारी कनीय अभियंता के पास है। मेरे पास इसकी जानकारी नहीं है। अपनी इन सारी बातों से जिम्मेदारी से बचते नजर आए। गौरतलब हो कि लाखों रुपया खर्च करके संयुक्त भवन को मरमती कार्य करवाया गया है। लेकिन कंबाइंड बिल्डिंग के दीवार के जगह जगह रखरखाव के अभाव में पेड़ पौधा निकल आया है। मरम्मती के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई हो। इस बिल्डिंग में लगभग बहुत सारे विभाग के अधिकारियों का कार्यालय है।उसके बाद भी यहां रिपेयरिंग के नाम पर खानापूर्ति ही की गई है। यहां एक कहावत चरितार्थ हो रही है। चिराग तले अंधेरा। गौरतलब है कि पंचायत में अत्याधुनिक ढंग से पंचायत भवन निर्माण की कार्य चल रही है। मुख्यमंत्री का सपना है कि गांव में भी पंचायत भवन अंदर सरकार की सारी योजना का लाभ मिल सके।

About The Author

Copyright © All rights reserved. | Newsever by AF themes.