बिहार15अप्रैल 25*के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खेल प्रतियोगिता को गौरव की बात कह रहे हैं
वही दूसरी ओर डेहरी रोहतास के खिलाड़ी वह युवा पीढ़ी,खेल मैदान के लिए तरस रहे हैं यह सरकार का कैसा नीति है?*
*देश के प्रधानमंत्री खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आगाज बिहार के 5 जिलों में बड़े पैमाने पर करने जा रहे हैं,वही दूसरी ओर बिहार में खेल मैदान की कमी के वजह से अच्छे खिलाड़ी स्पोर्ट्स से कोसों दूर हो रहे हैं,*
*20/12/2024, को बिहार के 533 प्रखंडों में 6659 खेल मैदान बनाने की मंजूरी मिली है, जिसमें डेहरी प्रखंड मुख्यालय इसमें शामिल नहीं है,*
*बिहार:54 हजार स्कूल में खेल का मैदान नहीं, कैसे खेल में बढ़ेगा राज्य?*
*रोहतास से ब्यूरो चीफ मोहम्मद इमरान अली की रिपोर्ट यूपी आज तक ✍️*
सोन तटीय शहर डेहरी एक अदद खेल मैदान के लिए तरसता है। रोहतास उद्योग के समय में डेहरी के कई खिलाडी अपना दबदबा देश में बना चुके है। परन्तु आज अच्छे खिलाडी चाहे वो फूटबॉल या क्रिकेट के क्षेत्र के हो उन्हें अपने प्रैक्टिस के लिए मैदान मय्यसर नहीं है। नए और उभरते खिलाडी डेहरी शहर से मायूस है।……नौशाद आलम
ज्ञात हो पहले डेहरी में पड़ाव और चित्रगुप्त मैदान खिलाड़ियों के प्रैक्टिस के लिए उपलब्ध रहा करता था। धीरे धीरे यह मैदान छोटा होता गया और अब बंद ही हो गया है। चित्रगुप्त मैदान सिंचाई विभाग के आवासीय परिसर में आता है। लेकिन अब मैदान गिट्टी जब्त वाहनों से भर दिए गए है। अब इसमें खेल तो क्या आने जाने में भी दिक्क्त होती है। ऐसे में यह मैदान भी जब्त वाहनों के रखाव के कारण लुप्त हो चूका है।
वही पड़ाव मैदान दानापुर आर्मी के अंतर्गत आता है। हलाकि यह प्रतिबंधित नहीं है खेल के लिए ,लेकिन पानी जल जमाव और खुले में शौच के कारण बंद रहता है। स्थानीय निकाय इसे सही करने में लाचार दिखती है। बल्कि खुद ही यहां शहर का कचड़ा डम्प कराती है। चुनाव के समय इसे साफ सुथरा किया जाता है और चुनावी सभाये ही किये जाते है। खेल के लिए आस पास के इलाके जंगल और मकानों से घिरे हुए है। बेहतर साफ सफाई नहीं होने से यह मैदान भी खेल के लिए अब उपयुक्त नहीं है। मैदान में गड्ढे भी कई जगह है।
कयूम अंसारी भवन जो डिहरी हाई स्कूल के निकट है वो जमीन भी अवैध कब्जे में है। जमीन के मुहाने पर मंदिर बना दिए गए है और चारो तरफ जब्त वाहनों का जमावड़ा है। वही भूमिहीन दलित भी अपना जुग्गी झोपडी बना कर रहते है। ऐसे में यह मैदान भी डिहरी शहर से बाहर कर दिया गया है। बी एम पी के कैम्पस में मैदान बचा हुआ है। लेकिन यह बिहार पुलिस के लिए बना हुआ है।
डिहरी शहर का दूसरा इलाका डालमियानगर में मैदान है ,जिसमे खेल का आयोजन होता है। इस क्षेत्र में आवागमन का साधन सुविधा जनक नहीं रहने से यह मैदान भी प्रैक्टिस के लिए सही नहीं है। खेल मैदान को लेकर क्षेत्र के विधायक और सांसद भी संवेदनशील नहीं है। चुनाव के समय हर चीज पूरा करने का वादा करते है ,लेकिन जीतने के बाद सब कुछ भूल जाते है।
वही खेल से उच्च पद पर सरकारी सेवा में जाने वाले रोहतास जिला फुटबॉल संघ के सचिव आर बी आई के मैनेजर नौशाद आलम और पुलिस सेवा में सब इसंपेक्टर विजय चंद चौधरी तथा जनार्दन चौधरी व रवि प्रताप सिंह अंडर 21 नेशनल इंडिया कैंप में थे जो अभी खेल कोटे से बेगूसराय में दरोगा पद पर स्थापित हैं, वही डेहरी के अभिवक्ता मनोज अज्ञानी जो स्पोर्ट्स में काफी रुचि रखते हैं साथ ही अफ़ज़ल मल्लिक ने संयुक्त रूप से कहा कि खेल में बेहतर प्रदर्शन करने वालो का भविष्य बहुत ही अच्छा है। हम सभी मिलकर चाहते है कि डिहरी के प्रतिभावान बच्चो को अच्छी ट्रेनिंग दे और उनको बड़े स्तर पर पहुंचाने का प्रयास करें।इससे उनको कोच की कमी नहीं आने देंगे। लेकिन खेल मैदान के बगैर यह संभव नहीं है। रोहतास के डीएम और एसडीएम को इसमें पहल करने की जरूरत है ,ताकि डिहरी के खिलाड़ियों का भविष्य उज्जवल हो सके ।
विदित हो कि डिहरी से करीब 25 से अधिक खिलाडी नौकरी में है और आगे भी खिलाडी चैनल में है।
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