बिजनौर 13मई25*मदरसे में गूंजा देशभक्ति का स्वर,
भारत-पाक संघर्ष में अपने देश भारत के लिए शहीद जवानों और निर्दोष नागरिकों को दी गई श्रद्धांजलि
बिजनौर रिपोर्टर फहीम अख़्तर
दिनांक -13 मई 2025
बिजनौर। मंगलवार को बिजनौर में देशभक्ति, एकता और इंसानियत की मिसाल उस समय देखने को मिली जब चांदपुर रोड स्थित मदरसा माहदुल उलूमिल इस्लामिया व फुरकानिया हायर सेकेंडरी स्कूल में भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष में अपने देश भारत के लिए शहीद हुए वीर जवानों और मारे गए निर्दोष नागरिकों की आत्मा की शांति के लिए विशेष श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम न केवल एक धार्मिक स्थल में आयोजित किया गया, बल्कि एक ऐसे स्थान पर हुआ जहाँ से शिक्षा, शांति और भाईचारे का संदेश समाज को मिलता है।
श्रद्धांजलि सभा में मदरसे के छात्र और शिक्षक उपस्थित थे, सभा के दौरान हर आंख नम थी और हर दिल शहीदों के प्रति सम्मान और गर्व से भरा हुआ था। शांति और एकता का प्रतीक बना यह आयोजन एक सामाजिक सौहार्द्र का भी उदाहरण बन गया, जहाँ धर्म, जाति और भाषा से परे इंसानियत और देशभक्ति सर्वोपरि थी।
मदरसे के प्रबंधक डॉ मौलाना फुरकान मेहरबान अली अल मदनी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा
“हम भारतीय मुसलमान सबसे पहले इस देश के नागरिक हैं। भारत हमारा वतन है, और इसकी मिट्टी में हमारी आस्था, हमारी जड़ें और हमारा भविष्य बसा है। जो जवान सरहद पर खड़े होकर हमें चैन की नींद सुलाते हैं, उनकी कुर्बानी अनमोल है। आज हम उनके लिए दुआ कर रहे हैं, लेकिन कल अगर वक़्त आया, तो उनकी राह पर चलने के लिए भी तैयार हैं।”
“मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का भी दिल से शुक्रिया करता हूँ, जिन्होंने हर समय देश के सिपाहियों की हिम्मत बढ़ाई और राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उन्होंने दुनिया के सामने भारत की ताकत, गरिमा और एकता का परिचय दिया। आज उनके नेतृत्व में भारत एक मज़बूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में खड़ा है।”
“हमारा मजहब हमें अमन, मोहब्बत और भाईचारे का संदेश देता है। किसी भी इंसान का खून बहना केवल एक समुदाय की नहीं, पूरी इंसानियत की हार है। हम उन सभी भारतीय निर्दोष नागरिकों के लिए भी दुआ करते हैं, जो इस संघर्ष में अपनी जान गंवा बैठे। वे भी हमारे अपने थे।”
सभा के दौरान मदरसे के छात्रों ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत क्या, जिनमें देशप्रेम और शांति की भावना स्पष्ट रूप से झलक रही थी। इस दौरान सभी की आंखों से आंसू बह निकले।
कार्यक्रम के अंत में सभी ने मिलकर मौन धारण कर वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह दृश्य इतना मार्मिक था कि पूरा वातावरण एक पल को जैसे ठहर गया हो।
*एकजुटता और मानवता का संदेश*
इस आयोजन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारत की आत्मा उसकी विविधता में है। चाहे किसी का पहनावा, भाषा, या पूजा करने का तरीका अलग हो – जब बात अपने देश भारत की होती है, तो हर दिल एक साथ धड़कता है।
*कार्यक्रम के समाप्ति पर मौलाना का अंतिम संदेश*
“हम भारत के मुसलमान हैं, और हमें गर्व है कि हम इस मिट्टी से जुड़े हैं। यह देश हमारा है और इसका हर जवान हमारा भाई। हमें मिलकर इसकी हिफाज़त करनी है, इसके लिए दुआ भी करनी है और जब ज़रूरत पड़े, तो जान भी देनी है। यही असली इस्लाम है, यही असली देशभक्ति।”
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