November 18, 2025

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बाराबंकी14अप्रैल24*बाबा साहेब के संवैधानिक व सामाजिक योगदान को पढ़ने व आत्मसात करने की जरूरत : डीएम

बाराबंकी14अप्रैल24*बाबा साहेब के संवैधानिक व सामाजिक योगदान को पढ़ने व आत्मसात करने की जरूरत : डीएम

बाराबंकी14अप्रैल24*बाबा साहेब के संवैधानिक व सामाजिक योगदान को पढ़ने व आत्मसात करने की जरूरत : डीएम

– सामाजिक कुरीतियों पर करारा प्रहार,छुआछूत के विभेदीकरण के खिलाफ उठाई आवाज

बाराबंकी। आधुनिक भारत के सामाजिक उत्थान में सबसे अधिक प्रभाव डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के योगदान का है। डॉ. आंबेडकर ने सामाजिक कुरीतियों पर करारा प्रहार करते हुए छुआछूत के विभेदीकरण के खिलाफ जीवन पर्यंत आवाज उठाई। उक्त विचार ज़िलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने शहर कलेक्ट्रेट स्थित लोकसभागार में डॉ भीमराव आंबेडकर की 133 वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते व्यक्त किये। बता दे की ज़िलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने रविवार को लोकसभागार में बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर की जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया। जिसके बाद यहां कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर के जीवन से हम सबको प्रेरणा लेने की जरूरत है। वह जब पढ़ने जाते थे तो वहां पर उन्हें छुआछूत का सामना करना पड़ता था। वह प्रतिभावान थे, उन्होंने अपनी जातिगत पृष्टभूमि के कारण भेदभाव का सामना करते हुए हिम्मत नहीं हारी और लगातार शिक्षा प्राप्त करते रहे। उन्हें कोलंबिया विश्वविद्यालय डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की। बाद में उन्हें अन्य डिग्रियां भी प्रदान कीं गई। मैट्रिक की पढ़ाई के बाद बॉम्बे विश्वविद्यालय से सम्बद्ध एलफिंस्टन कॉलेज से पढ़ाई करने वाले वह अपने समुदाय के सबसे पहले छात्र थे। संविधान के निर्माण में भारत रत्न डॉ भीमराव आंबेडकर का अद्वितीय योगदान रहा है। आज उनके संवैधानिक व सामाजिक योगदान को पढ़ने व आत्मसात करने की जरूरत है। समाज से भेदभाव को मिटाने की जरूरत है। जातिगत भेदभाव समाज व देश की तरक्की में बाधक है। इस दौरान एडीएम अरुण कुमार सिंह ने कहा कि हम सब डॉ आंबेडकर के कार्यों पर चर्चा करते हुए उनसे कुछ सीखें तभी इस महापुरुष की भावना को मूर्तरूप देने का संकल्प पूरा हो पायेगा। शिक्षित बनो, संगठित बनो का नारा देने वाले डॉ आंबेडकर जीवन पर्यंत समाज को जागृत करते रहे। एसडीएम नवाबगंज विजय त्रिवेदी ने कहा कि डॉ आंबेडकर ने लोकतंत्र को मजबूत करने के लिये एक सोच विकसित की थी, जिसे हम सभी लोग आने वाली 20 मई को शतप्रतिशत अपने मताधिकार का प्रयोग करके लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने में अपना योगदान निभाएंगे।