प्रयागराज24सितम्बर2024*यूपी बोर्ड:बोर्ड परीक्षा के केंद्र निर्धारण में भी मेक इन इंडिया*
*परीक्षा केंद्रों में भारतीय कंपनी के उपकरण लगाने के निर्देश*
*पहली बार माध्यमिक शिक्षा विभाग ने किया विशेष प्रावधान*
प्रयागराज, मुख्य संवाददाता। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 के केंद्र निर्धारण में भी मेक इन इंडिया को प्राथमिकता दी गई है। शासन के विशेष सचिव आलोक कुमार की ओर से 17 सितंबर को जारी केंद्र निर्धारण नीति में पहली बार प्रावधान किया गया है कि विद्यालयों में भारतीय कंपनियों के निर्मित डीवीआर एवं स्ट्रांग रूम में उच्च गुणवत्ता युक्त नाइटविजन सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने की व्यवस्था की जाए।पिछले साल की केंद्र निर्धारण नीति में डीवीआर, राउटर और सीसीटीवी वगैरह लगाने की व्यवस्था तो थी लेकिन भारतीय कंपनियों के निर्मित होने का कोई जिक्र नहीं था।साफ है कि चाइनीज या दूसरे देशों के उपकरण की बजाए भारतीय कंपनियों के उत्पाद का उपयोग ही किया जाए।परीक्षा केंद्रों के निर्धारण के लिए बोर्ड के पोर्टल पर विद्यालयों की अवस्थापना संबंधी भौतिक संसाधनयुक्त विविध सुविधाओं एवं आधारभूत सूचनाएं 25 सितंबर तक अपलोड की जाएंगी। बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने विद्यालयों की आधारभूत सूचनाएं अपडेट करने के साथ ही डीवीआर का नाम, यूजर आईडी, पासवर्ड इत्यादि की सूचना भी अपडेट करने के निर्देश दिए हैं।
*नौ और 11 में 54,31,685 बच्चों ने लिया दाखिला*
प्रयागराज। यूपी बोर्ड के 27 हजार से अधिक स्कूलों में इस साल 54,31,685 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया है। कक्षा नौ और 11 में पंजीकरण की अंतिम तिथि 20 सिंतबर थी। अंतिम तिथि तक कक्षा नौ में 29,22,188 और कक्षा 11 में 25,09,497 छात्र-छात्राओं का पंजीकरण हुआ है। अब प्रधानाचार्य 24 से 27 सितंबर तक पोर्टल पर विद्यार्थियों के नाम, माता-पिता के नाम आदि में त्रुटि संशोधन करेंगे। उसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक के जरिए पांच अक्तूबर तक बोर्ड के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय में फोटोयुक्त नामावली भेजेंगे। वहीं दूसरी ओर कक्षा दस और 12 में क्रमश 27,43,851 और 26,83,426 कुल 54,27,277 विद्यार्थियों के पंजीकरण हुए हैं। हालांकि 10वीं-12वीं के छात्र-छात्राओं के विवरण ऑनलाइन अपलोड करने की अंतिम तिथि 25 सितंबर है। अब तक कक्षा नौ से 12 तक में कुल 1,08,58,962 पंजीकरण हो चुके हैं।स्कूलों में उपलब्ध संसाधन से जुड़ी सूचनाओं को अपडेट करने के लिए तहसील स्तरीय समिति को अलग आईडी देने की व्यवस्था की गई थी। पूर्व के वर्षों में स्कूल के प्रधानाचार्य जिस आईडी से सूचनाएं अपलोड करते थे बाद में उसी आईडी से तहसील स्तरीय समिति सूचनाओं का सत्यापन करती थी। इसके चलते कई बार पता ही नहीं चलता था कि वास्तव में सूचनाएं समिति ने अपडेट की है या प्रधानाचार्य ने।
*खाली पद समय से भरें:योगी*
*मुख्यमंत्री ने समस्त भर्ती बोर्ड और आयोगों के अध्यक्षों के साथ की महत्वपूर्ण बैठक*
*सकुशल संपन्न हुई उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती की परीक्षा मॉडल बनी है*
*मुख्यमंत्री ने कहा, इस प्रक्रिया को अन्य भर्ती बोर्ड भी अपनाएं*
लखनऊ, विशेष संवाददाता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न बोर्ड व आयोगों के अध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि रिक्त पड़े पदों पर भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी व समयबद्ध ढंग से पूरा कराया जाए। साथ ही चिकित्सा व तकनीकी विभागों में स्थानीय स्तर पर बोर्ड गठित कर शीघ्र भर्ती की जाए। सभी भर्ती प्रक्रियाओं में आरक्षण के नियमों का पालन हर हाल में सुनिश्चित हो। मुख्यमंत्री ने सोमवार को विभिन्न पदों पर भर्ती प्रक्रियाओं के संबंध में बैठक की और जरूरी निर्देश दिए।मुख्यमंत्री को पुलिस भर्ती प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष डीजीपी राजीव कृष्ण ने हाल में ही सकुशल संपन्न कराई गई पुलिस भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया व संचालन के संबंध में अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती की परीक्षा प्रदेश में सकुशल संपन्न हुई है। यह एक मॉडल बना है। परीक्षा की इस प्रक्रिया को अन्य भर्ती बोर्ड द्वारा भी अपनाया जाए। परीक्षा सकुशल संपन्न कराने के दौरान ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस व सीसीटीवी की भी सहायता ली जाए। अफवाह को रोकने पर पूरा ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने सभी बोर्ड व आयोग से कहा कि सभी भर्ती प्रक्रियाओं को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाने के लिए प्रश्न बैंक तैयार करें। परीक्षा की शुचिता के लिए यह नितांत आवश्यक है। बैठक में प्रदेश लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष, अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष, विद्युत सेवा आयोग के अध्यक्ष, पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष, सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के अध्यक्ष, डीएम, एसएसपी मौजूद रहे।
*प्राइवेट संस्था को न बनाएं परीक्षा केंद्र*
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ट्रांसपोर्ट, एजेंसी एवं परीक्षा केंद्रों के चयन की प्रक्रिया में सावधानी बरतें और गोपनीयता हर हाल में सुनिश्चित की जाए। अधिकृत एजेंसी के साथ चयन बोर्ड व आयोग का एमओयू भी होना चाहिए। किसी भी प्राइवेट संस्था को परीक्षा केंद्र न बनाया जाए। केवल राजकीय व राजकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाए। परीक्षा केंद्र का चयन डीएम, डीआईओएस के निर्देशन में किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि परीक्षा सकुशल संपन्न कराने में सभी बोर्ड एवं आयोग अध्यक्ष मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक संग बैठक करें।
*तत्काल प्राप्त करें अधियाचन*
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ई-अधियाचन पोर्टल की व्यवस्था की गई है। सभी विभाग इसका उपयोग कर अधियाचन प्राप्त करें। जिन विभागों में नियुक्ति की जानी है, वहां से तत्काल अधियाचन आयोग को भेजकर नियुक्ति प्रक्रिया को संपन्न कराया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि किसी भी विभाग की तरफ से भर्ती प्रक्रिया को लेकर कार्रवाई लंबित न हो। हर हाल में समय सीमा के अंदर सुचारू रूप से सभी प्रक्रियाएं संपन्न की जाएं।
*82 बीईओ पर कार्रवाई की तैयारी*
लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। शिक्षकों के वेतन वृद्धि को रोकने वाले 82 बीईओ पर निलंबन की तलवार लटक गई है। शासन ने ऐसे सभी बीईओ (खण्ड शिक्षा अधिकारी) के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है, जिन्होंने एक जिले से दूसरे जिले में स्थान्तरित होकर गए 2700 शिक्षकों की वेतन वृद्धि संबंधी मामले को अब तक लटका कर रखा है।दरअसल विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने इस मामले को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाते हुए तत्काल शिक्षकों के वेतन वृद्धि के आदेश जारी कराने की मांग की थी। मुख्यमंत्री सचिवालय ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए तत्काल अद्यतन जानकारी मांगी थी। इसी परिप्रेक्ष्य में शासन ने विभाग से इसकी विस्तृत जानकारी तलब की।विभाग ने जब संबंधित बीईओ से पूछताछ की तो ज्यादातर बीईओ ने वेतन वृद्धि संबंधी पत्रावलियों को लंबित रहने का मुख्य कारण रिकॉर्ड मिलान न हो पाने को बताया। शासन ने उनके इस तर्क से असहमति जताते हुए कहा कि सभी की सेवा पुस्तिकाएं ऑनलाइन हैं, लिहाजा इस जवाब को कतई संतोषजनक नहीं माना जा सकता। ऐसे में शासन ने नई नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर संबंधित सभी बीईओ से जवाब मांगने के निर्देश दिए हैं। बताया जाता है कि साल भर से अधिक समय तक चली लंबी प्रक्रिया के बाद पिछले वर्ष सरकार ने प्राइमरी स्कूलों के 2700 शिक्षकों का बीते जून माह में एक जिले से दूसरे जिले में परस्पर तबादला किया था। नियमानुसार जुलाई में ऐसे सभी शिक्षक जिनके खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्रवाई लम्बित नहीं है, उन्हें वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाता है। स्थानांतरित होकर नए जिलों में पहुंचे शिक्षकों का वेतन वृद्धि जुलाई तो क्या अगस्त के वेतन में भी जुड़कर नहीं आई, जिससे शिक्षकों के बीच बेचैनी बढ़ी।उन्होंने इस बारे में खण्ड शिक्षा अधिकारियों से पूछताछ शुरू की। कुछ ने तो इसके लिए अपने क्षेत्र के खण्ड शिक्षा अधिकारी को आवेदन पत्र तक दिया लेकिन आनाकानी जारी रही। अलबत्ता कुछ खण्ड शिक्षा अधिकारियों की ओर से यह जवाब भी मिला है कि अभी शिक्षकों के रिकार्ड का मिलान किया जा रहा है।मसलन, शिक्षक जिस जिले से उनके जिले में आए हैं, वहां से रिकॉर्ड का मिलान किया जा रहा है।
*58 शिक्षकों के लिए अनुदान की मंजूरी*
लखनऊ। शासन के उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के आठ राज्य विश्वविद्यालयों के 58 शिक्षकों को ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के लिए अनुदान मंजूर किया है। इसके तहत उन्हें कुल 3.88 करोड़ रुपये दिए गए हैं। राज्य विश्वविद्यालयों से ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ योजना के तहत प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अधीन गठित विशेषज्ञ पैनल से कराया गया था। परिषद के अपर सचिव के माध्यम से प्राप्त संस्तुतियों पर विचार करने के बाद शासन ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्राविधानित धनराशि के सापेक्ष 3 करोड़ 88 लाख 77 हजार 800 रुपये के कुल 58 प्रस्तावों को मंजूरी दी।इनमें महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के आठ, वीर बहादुर पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के 10, लखनऊ विश्वविद्यालय के 20, डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विवि अयोध्या के चार, ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विवि के छह, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी के एक, लोहिया विधि विवि के तीन,साहू जी महाराज विवि कानपुर के छह शिक्षकों के लिए अनुदान राशि दी गई है।अनुदान राशि न्यूनतम 1.15 लाख रुपये से लेकर अधिकतम 14.60 लाख रुपये तक दी गई है।
*बायोमीट्रिक हाजिरी से निजी स्टाफ को छूट*
लखनऊ। सचिवालय के समस्त विभागों में बायोमैट्रिक्स उपस्थिति प्रणाली को अनिवार्य किया गया है। वहीं दूसरी ओर विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिवों ने अपने निजी स्टाफ को बायोमीट्रिक हाजिरी से छूट दे दी है। इसका कारण कार्यालय का देर रात तक और अवकाश के दिनों में भी खोला जाना बताया गया है। प्रमुख सचिव के. रविंद्र नायक द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि बायोमैट्रिक्स हाजिरी को लेकर 20 नवंबर 2023 को जारी विस्तृत दिशा-निर्देशों में किसी कार्मिक को विशेष परिस्थिति में बायोमैट्रिक्स हाजिरी से छूट दिए जाने का प्रावधान है। नायक ने कहा है कि उनके पास सचिवालय प्रशासन, प्रशासनिक सुधार, लोक सेवा प्रबंधन, दुग्ध विकास, मत्स्य एवं पशुधन विभाग का प्रभार है।इस कारण शासन में कार्य की अधिकता के कारण अधिकांशत: कार्यालय देर रात्रि तक तथा अवकाश के दिनों में भी खोला जाता है। उन्होंने 2023 के शासनादेश का हवाला देते हुए अपने निजी स्टाफ में संबद्ध निजी सचिव गजोधर प्रसाद, अपर निजी सचिव जमाल अहमद, सहायक समीक्षा अधिकारी सैयद अज्मी हुसैन, अनुसेवक पार्थ त्रिवेदी, शाहरुख खान व आशीष कुमार मिश्रा को बायोमैट्रिक्स उपस्थिति से छूट प्रदान कर दी है।वहीं प्रमुख सचिव पी. गुरु प्रसाद ने कहा जारी द्वारा आदेश में कहा गया है कि उनके पास राजस्व, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग एवं आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन का प्रभार है। इस वजह से शासन में कार्य की अधिकता के कारण देर रात तक और अवकाश में भी दफ्तर खुलने का हवाला देते हुए अपने निजी सचिव मुकेश कुमार व पवन कुमार सिंह को बायोमैट्रिक्स हाजिरी से छूट प्रदान कर दी है।
*एमटीएस और हवलदार परीक्षा के स्टेटस अपडेट*
प्रयागराज। केंद्र सरकार के मंत्रालयों, कार्यालयों और विभागों में मल्टी टॉस्किंग स्टाफ (एमटीएस) और सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एवं सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स में हवलदार के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए प्रथम चरण की कंप्यूटर आधारित परीक्षा 30 सितंबर से 14 नवंबर तक होगी। एसएससी मध्य क्षेत्र की वेबसाइट पर अभ्यर्थियों के स्टेटस अपडेट कर दिए गए हैं और परीक्षा से चार दिन पहले प्रवेश पत्र उपलब्ध हो जाएंगे
*सहायक नगर नियोजक मुख्य परीक्षा कल*
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से सहायक नगर नियोजक मुख्य परीक्षा 2023 आयोग के परीक्षा हाल में 25 सितंबर को दो पालियों सुबह 9:30 से 11:30 तक और दो से पांच बजे तक कराई जाएगी। भर्ती के 24 पदों के लिए मुख्य परीक्षा में 30 अभ्यर्थी शामिल होंगे। प्रारंभिक परीक्षा में 2374 अभ्यर्थियों में से 754 शामिल हुए थे। वैसे तो कुल रिक्तियों के 15 गुना को मुख्य परीक्षा में शामिल होना था लेकिन 30 अभ्यर्थी ही सफल हो सके।
*राजर्षि टंडन और जेटी में भी सीधे प्रवेश प्रारंभ*
प्रयागराज। राजर्षि टंडन महिला महाविद्यालय और जगत तारन (जेटी) गर्ल्स डिग्री कॉलेज में भी स्नातक में छात्राओं को सीधे प्रवेश मिलेगा। राजर्षि टंडन ने बीए और बीकाम के लिए 12वीं पास सभी छात्राओं को गैर सीयूईटी वर्ग में प्रवेश के लिए 27 सितंबर आखिरी तारीख तय की है। वहीं जगत तारन डिग्री कॉलेज ने 23 सितंबर तक पंजीकरण कराने वाले सीयूईटी और गैर सीयूईटी छात्राओं को प्रवेश के लिए 24 सितंबर को सुबह साढ़े नौ से साढ़े 11 के बजे के बीच बुलाया है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने सोमवार को कई पाठ्यक्रमों का कटआफ जारी किया है।
*असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में शामिल करने को प्रदर्शन*
प्रयागराज। अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती में अवसर देने की मांग को लेकर एक बार फिर अभ्यर्थियों ने सोमवार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के बाहर प्रदर्शन किया। जून एवं दिसंबर 2022 के संयुक्त सत्र, जून 2023 एवं दिसंबर 2023 में यूजीसी नेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मांग की कि विद्यार्थियों के हित में विज्ञापन संख्या 51 के आवेदन पोर्टल को एक सप्ताह के लिए पुन: खोलने की कृपा करें। अन्यथा की स्थिति में न्यायालय की शरण में जाने के लिए बाध्य होंगे।
*आरटीओ कार्यालय में बाबुओं की हाजिरी बायोमीट्रिक से लगेगी*
लखनऊ।आरटीओ दफ्तर में अब बायोमीट्रिक से हाजिरी लगेगी। ऐसे में परिवहन विभाग के बाबुओं की लेटलतीफी नहीं चलेगी। उन्हें हर हाल में समय पर कार्यालय पहुंचना होगा। क्योंकि अब बाबुओं का कंप्यूटर आईडी से नहीं खुलेगा। बल्कि बाबू अपने कंप्यूटर सिस्टम को बायोमीट्रिक के जरिए ही खोल सकेंगे। अभी तक आईडी के जरिए ओटीपी देकर कोई भी सिस्टम खोल सकता है। आरटीओ कार्यालय में यह व्यवस्था लागू करने के पीछे परिवहन विभाग के अधिकारी तर्क देते हैं कि जब बायोमीट्रिक या फेस ऑथेंटिकेशन की व्यवस्था शुरू होगी तो मजबूरन कार्यालय के कर्मचारियों को सही समय पर दफ्तर पहुंचना होगा, नहीं तो कार्यालय में आवेदक अपने काम को लेकर परेशान होंगे, इससे देर से आने वाले बाबुओं की लगाम कसी जा सकती है। जल्द बायोमीट्रिक या फेस ऑथेंटिकेशन की व्यवस्था लागू करने पर परिवहन विभाग विचार कर रहा है।
*पुरानी पेंशन बहाली के लिए मैदान में उतरे रेलकर्मी*
लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता:पुरानी पेंशन बहाली के लिए उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन के बैनर तले रेलकर्मियों ने मोर्चा खोल दिया है। रेलकर्मी ओपीएस की मांग पर मैदान में उतर आए हैं। मंडल के कई स्टेशनों पर हजारों रेलकमी पांच दिवसीय प्रदर्शन में अपनी ताकत दिखाएंगे। यूनियन के मंडल अध्यक्ष आरपी राव ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली होने तक संघर्ष किया जाएगा।केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लाकर रेलकर्मियों के साथ छल किया है। ऐसे में यूपीएस को हटाने और ओपीएस यानी ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने तक आवाज बुलंद की जाएगी। पांच दिवसीय प्रदर्शन उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की शाखाओं में डीजल शेड, रनिंग, विद्युत, मेडिकल, इंजीनियरिंग, मेडिकल शाखा, डीआरएम कार्यालय सहित अयोध्या कैंट, जौनपुर, प्रतापगढ, रायबरेली, प्रयाग, वाराणसी शाखाओं में किया जा रहा है। मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की रणनीति को आगे बढ़ाया जाएगा।
*छात्रवृत्ति के लिए 1.46 लाख आवेदन, फिर बढ़ाई तिथि*
प्रयागराज, मुख्य संवाददाता। राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति योजना परीक्षा 2025-26 के लिए आवेदन की अंतिम तिथि एक बार फिर से बढ़ा दी गई है। इससे पहले अंतिम तिथि पांच सितंबर से बढ़ाकर 20 सितंबर की गई थी। इसके बावजूद आवेदकों की संख्या 146012 होने के कारण वेबसाइट www.entdata.co.in पर आवेदन की अंतिम तिथि 28 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। पिछले साल 2024-25 सत्र के लिए रिकॉर्ड 1,85,762 विद्यार्थियों ने आवेदन किए थे।इस बार भी अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का लाभ दिलाने के उद्देश्य से आवेदन की अंतिम तिथि दोबारा बढ़ाई गई है। मनोविज्ञानशाला की निदेशक ऊषा चन्द्रा ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन में त्रुटि संशोधन के लिए 29 और 30 सितंबर को पोर्टल खुला रहेगा। राजकीय, सहायता प्राप्त एवं परिषदीय स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा आठ के विद्यार्थियों के लिए परीक्षा दस नवम्बर को प्रदेश के सभी जिलों में कराई जाएगी।छात्रवृत्ति परीक्षा में शैक्षिक सत्र 2023-24 में कक्षा सात की परीक्षा न्यूनतम 55 प्रतिशत (अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 5 प्रतिशत की छूट) अंकों के साथ उत्तीर्ण और 2024-25 सत्र में राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त व स्थानीय निकाय (परिषदीय) के विद्यालय में कक्षा आठ में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं शामिल हो सकते हैं।जवाहर नवोदय विद्यालय, केन्द्रीय विद्यालय, सैनिक स्कूल, राजकीय आवासीय एवं प्राइवेट विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं इस परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए अर्ह नहीं हैं। ऐसे छात्र-छात्राओं के अभिभावकों की आय सभी स्रोतों से 3.5 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। 2023-24 सत्र में 179971 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया था।
*उच्च शिक्षा निदेशालय के एक सहायक निदेशक हटाए गए*
प्रयागराज। उच्च शिक्षा निदेशालय में अनियमित तरीके से तैनात चार में से एक सहायक निदेशक को हटा दिया गया है। आपके अपने समाचार हिन्दुस्तान ने बीते मंगलवार को ‘सहायक निदेशक के तीन पद, चार अफसरों की तैनाती’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसका संज्ञान लेते हुए 25 जून को यहां सहायक निदेशक के पद पर भेजे गए डॉ. केशरीनंदन मिश्र को राजकीय महाविद्यालय रानीगंज प्रतापगढ़ में प्रोफेसर इतिहास विषय के पद पर स्थानान्तरित कर दिया गया है। उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव गिरिजेश त्यागी की ओर से इस संबंध में सोमवार को आदेश जारी किया गया। मजे की बात है सहायक निदेशक के पद पर पिछले सात सालों से तैनात बीएल शर्मा को बरकरार रखा गया है जबकि एक पद पर अधिकतम तीन साल तक तैनाती का ही नियम है।
*पति-पत्नी दोनों नौकरी में तो अलग रहना परित्याग नहीं*
प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि नौकरी के कारण यदि पति-पत्नी अलग रह रहे हैं तो इसे परित्याग करना नहीं माना जा सकता और इस आधार पर पति की तलाक की अर्जी खारिज किए जाने में कोई अवैधानिकता नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह एवं न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने अरविंद सिंह सेंगर की प्रभा सिंह के विरुद्ध दाखिल अपील को खारिज करते हुए दिया है।दोनों की शादी 1999 में हुई थी। वर्ष 2000 में उनके एक बच्चा भी हुआ। पति झांसी में लोको पायलट है और पत्नी औरैया में सहायक अध्यापिका हैं। पति ने वर्ष 2004 में वैवाहिक प्रतिस्थापन की अर्जी दी और एकपक्षीय आदेश प्राप्त कर लिया लेकिन अदालत ने पत्नी की अर्जी स्वीकार करते हुए वर्ष 2006 में एकपक्षीय आदेश रद्द कर दिया तो पति ने अर्जी वापस ले ली। इसके बाद पति ने तलाक का मुकदमा किया। उसने पत्नी पर परित्याग व क्रूरता का आरोप लगाया। पत्नी ने कहा कि 2003 में जब वह बीमार थी तो उसके पति ने ही प्रधानाध्यापक से मिलकर मेडिकल लीव स्वीकृत कराई थी और उसका इलाज कराया था।
इस आधार पर परिवार न्यायालय ने यह मानने से अस्वीकार कर दिया कि पत्नी ने पति को छोड़ दिया है। पति को मालूम था कि पत्नी नौकरी पाने का प्रयास कर रही थी और सहायक अध्यापिका बन गई, इसलिए तलाक मंजूर करने से इनकार करने का परिवार न्यायालय कानपुर नगर का आदेश सही है।
*शिक्षक हैं ही नहीं, कौन पढ़ाए हिंदी-अंग्रेजी और गणित विषय*
*जनपद के 26 संस्कृत विद्यालयों का हाल*
*अब संस्कृत स्कूलों में हर विषय पढ़ाने की अनुमति*
*संस्कृत छोड़ अन्य विषयों के अध्यापक ही तैनात नहीं*
सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता। उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद की ओर से पहली बार प्रदेश के सभी संस्कृत विद्यालयों में अनिवार्य संस्कृत विषयों के साथ सभी आधुनिक विषयों को लागू कर दिया है। परिषद की ओर से तैयार सिलेबस भी जारी है। जिसे विद्यालयों में लागू किया जा रहा है। प्रथमा यानी कक्षा छह से आठवीं तक परिषदीय विद्यालयों की किताबें और मध्यमा-उत्तर मध्यमा यानी कक्षा नौवीं से 12वीं तक यूपी बोर्ड की किताबें लगाई गई हैं। ऐसे में अब सवाल यह है कि जनपद के 26 संस्कृत स्कूलों में सिर्फ संस्कृत विषय के ही अध्यापक हैं तो हिंदी, गणित, विज्ञान, अंग्रेजी कौन पढ़ाएगा। यही कारण है कि विद्यालयों में नामांकन की संख्या बढ़ने की बजाए घटती जा रही है।पूर्व मध्यमा यानी हाईस्कूल और उत्तर मध्यमा यानी इंटरमीडिएट कक्षाओं में माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश यानी यूपी बोर्ड का सिलेबस लागू कर दिया गया है। पूर्व मध्यमा यानी कक्षा नौवीं-10वीं में छात्र अनिवार्य संस्कृतम और संस्कृतशास्त्रत्त्म के अलावा प्रारंभिक हिंदी, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञानम पढ़ेंगे। दो वैकल्पिक विषय भी होंगे। छात्र 12 वैकल्पिक विषयों में विज्ञान, गणित, कंप्यूटर, वाणिज्य, संगीत, चित्रकला, वास्तुशास्त्रत्त् आदि चुन सकते हैं। ऐच्छिक विषयों में नैतिक शिक्षा, शारीरिक शिक्षा आदि हैं। सभी पेपर 100 अंक के होंगे, जिनमें 70 थ्योरी व 30 आंतरिक के होंगे। उत्तर मध्यमा यानी कक्षा 11वीं-12वीं में तीनों वर्ग लागू हैं। इनमें मानविकी वर्ग, विज्ञान वर्ग और वाणिज्य वर्ग शामिल हैं। तीनों वर्ग में अनिवार्य संस्कृत और संस्कृत शास्त्रत्त् विषयों के अलावा मानविकी वर्ग में हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास, समाजशास्त्रत्त्, शिक्षाशास्त्रत्त्, संगीत आदि विषय हैं। विज्ञान वर्ग में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित या जीव विज्ञान हैं। वाणिज्य वर्ग में भी बहीखाता एवं लेखाशास्त्रत्त्, व्यापारिक संगठन, अर्थशास्त्रत्त् आदि विषय हैं। ऐच्छिक विषय के तौर पर छात्र वास्तुशास्त्रत्त्, योगविज्ञानम्, कंप्यूटर, कर्मकांड आदि ले सकते हैं। फिलहाल संस्कृत विद्यालयों में संस्कृत के अलावा अन्य सभी विषय हिंदी में ही पढ़ाए जाएंगे। संस्कृत परिषद, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान सहित तमाम संस्थान संस्कृत में कोर्स मैटेरियल तैयार करने में जुटे हैं। भविष्य में संस्कृत विद्यालयों में अंग्रेजी को छोड़कर हर विषय संस्कृत में ही पढ़ाने की व्यवस्था हो सकती है।
*विद्यालयों में चाहिए शिक्षक*
संस्कृत विद्यालयों में संस्कृत शिक्षकों के पद ही रिक्त हैं। संस्कृत परिषद के तहत कक्षा आठवीं से 12वीं तक हर कक्षा की बोर्ड परीक्षा होती है। कक्षा नौवीं व 11वीं के छात्र सभी आधुनिक विषयों के साथ बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे। इन विषयों को पढ़ाने के लिए विद्यालयों में शिक्षकों के पद सृजित नहीं हैं। पद सृजन व नियुक्तियों तक सेवानिवृत्त शिक्षकों को नियुक्त किया जा सकता है।
संस्कृत की पढ़ाई के लिए सरकार की ओर से संस्कृत विद्यालयों को बढ़ावा देते हुए अब अन्य विषयों की पढ़ाई कराने का निर्णय लिया है। हालांकि अनुमन्य विषयों के लिए स्थायी शिक्षकों की तैनाती नहीं है, आमंत्रित शिक्षकों की नियुक्ति करके शैक्षणिक गतिविधियां संचालित की जा रही है। – सोमारू प्रधान, डीआईओएस
*बिना मान्यता के चल रहे 190 स्कूलों को नोटिस*
*बीईओ की रिपोर्ट पर बीएसए ने विद्यालयों को थमा दिया नोटिस*
सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता। जनपद में बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों पर डीएम डॉ. राजागणपति आर ने शिकंजा कसने का निर्देश दिया है। बांसी और मिठवल ब्लॉक में 33 विद्यालयों के साथ अब जिले के अन्य 11 ब्लॉकों में चिन्हित 190 निजी स्कूलों को बंद करने के लिए बीएसए ने नोटिस जारी किया है। बंद न करने की दिशा में आरटीई के तहत अर्थदंड लगाने की चेतावनी भी दी है।डीएम ने जिले में बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों को बंद करने और न मानने पर अन्य कार्रवाई करने के लिए बीएसए को अभियान चलाने का निर्देश दिया है। खंड शिक्षा अधिकारियों की रिपोर्ट पर जिन विद्यालयों को नोटिस जारी किया गया है उनमें डुमरियागंज ब्लॉक के 12, भनवापुर के 38, बढ़नी के 27, खुनियांव के 25, बर्डपुर के पांच, शोहरतगढ़ के 19, इटवा के 21, लोटन के 11, खेसरहा के सात, जोगिया के नौ, नौगढ़ के 16 निजी विद्यालय शामिल हैं। इन पर बिना मान्यता के स्कूल संचालन का आरोप है। इससे पहले बांसी और मिठवल ब्लॉक में 33 विद्यालयों को सप्ताह पूर्व नोटिस जारी किया जा चुका है।
*मान्यता से अधिक कक्ष संचालन का है आरोप*
बीएसए की ओर से बगैर मान्यता चल रहे निजी स्कूलों को जारी नोटिस में कुछ ब्लॉकों में ऐसे विद्यालय हैं, जहां मान्यता से अधिक कक्षा कक्ष संचालन की शिकायतें मिली हैं। उन्हें भी नोटिस दी गई है।
सभी स्कूलों के प्रबंधकों को नोटिस जारी करते हुए तत्काल बंद करने का निर्देश दिया गया है। संचालन बंद न करने की दिशा में अर्थदंड लगाने समेत विधिक कार्रवाई भी की जाएगी। उस्का बाजार ब्लॉक क्षेत्र में गैर मान्यता स्कूलों की सूची तैयार करते हुए नोटिस जारी करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।- देवेंद्र कुमार पांडेय, बीएसए
*140 परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को नोटिस*
सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता। सीएम डैशबोर्ड में एमडीएम ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं का प्रतिशत अत्यंत न्यून होने के कारण जनपद की रैकिंग प्रभावित हुई है। डीएम के निर्देश पर सभी खंड शिक्षा अधिकारियों ने अपने-अपने ब्लॉक में नामांकन के सापेक्ष बच्चों की उपस्थिति कम होने वाले 10-10 परिषदीय विद्यालयों यानी जिले के 14 ब्लॉकों में 140 विद्यालयों को नोटिस भेजी है।बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय की ओर से सभी बीईओ को जारी पत्र के मुताबिक सीएम डैशबोर्ड में अगस्त 2024 में मध्यान्ह भोजन ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं की उपस्थिति का प्रतिशत जनपद में 69.08 फीसदी होने के कारण जनपद की रैकिंग डी श्रेणी में चली गई है, जबकि डीएम की ओर से हर सप्ताह बेसिक शिक्षा विभाग की बैठक में निर्देशित किया जाता है कि तीन या उससे अधिक दिवस में अनुपस्थित छात्रों के निरंतर दूरभाष पर कॉल करते हुए या व्यक्तिगत संपर्क कर नामांकन के सापेक्ष शत-प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति बढ़ाएं। इतना ही नहीं एक सितंबर से 11 सितंबर तक जिले के 270 विद्यालयों में 60 फीसदी से कम मध्यान्ह भोजन वितरण करने वाले विद्यालयों की सूचना मिली है। डीएम की ओर से जारी एसओपी में भी छात्र उपस्थिति पर विशेष ध्यान दिया गया है पर शिक्षकों के स्तर से छात्र उपस्थिति बढ़ाने के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किया जा रहा है।बीएसए ने बताया कि जनपद के 14 ब्लॉकों में 10-10 ऐसे विद्यालय जहां नामांकन के सापेक्ष बच्चों की उपस्थिति कम रही है। ऐसे विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को बीईओ की ओर से नोटिस जारी की गई है। नोटिस के बाद भी सुधार न होने पर भविष्य में दोषी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई प्रस्तावित कर दी जाएगी।
*एकल शिक्षक के भरोसे 146 छात्रों का भविष्य*
ककरहवा, हिन्दुस्तान संवाद। ककरहवा कस्बे में संचालित पूर्व माध्यमिक विद्यालय 10 वर्षों से एकल शिक्षक के भरोसे चल रहा है। इस विद्यालय में कक्षा छठवीं से आठवीं तक 146 छात्र पंजीकृत हैं लेकिन शिक्षक न होने से पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। परेशान हाल में तैनात शिक्षक ने शिक्षकों की संख्या बढ़ाने के लिए बीएसए को पत्र लिखा है।पूर्व माध्यमिक विद्यालय ककरहवा वर्ष 2014 से एक ही शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग में पठन-पाठन को अच्छे ढंग से संचालित करने के लिए शिक्षक रामसेवक को तैनात कर रखा है, लेकिन अब इनका भी सब्र जवाब दे गया है। इस विद्यालय में हर वर्ष छात्र नामांकन संख्या में इजाफा हो रहा है। छठवीं से आठवीं तक के बीच इस वर्ष छात्र संख्या 146 पहुंच गया है। एक शिक्षक के भरोसे तीन कक्षाओं के छात्र-छात्राओं के सभी विषयों का पठन-पाठन करना परेशानी का सबब बन गया है।
शिक्षक अभिलेखों को पूर्ण करें, विभागीय बैठक में शामिल हो या फिर कक्षा का संचालन करें यह सवाल बन गया है। एकल शिक्षक के भरोसे संचालित इस विद्यालय की समस्या को आसानी से समझा जा सकता है, बावजूद जिम्मेदार अधिकारी कुछ सुनने को तैयार नहीं हैं। शिक्षक रामसेवक बताते हैं कि हर वर्ष बच्चों का नामांकन संख्या बढ़ता जा रहा है। अकेले कक्षा का संचालन करने के साथ अन्य कार्यों को निपटना समस्या बना है।
इस समस्या के दृष्टिगत बीईओ बर्डपुर के माध्यम से बीएसए को पत्र भेजा गया है। शिक्षक संख्या बढ़ जाने से पठन-पाठन कार्य और भी आसान हो जाएगा।
क्षेत्र के ककरहवा में संचालित पूर्व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक ने पत्र दिया गया है। पत्र बीएसए को भेजकर समस्या से अवगत करा दिया गया है। बीएसए के अनुमोदन के बाद विद्यालय पर अन्य शिक्षकों को तैनात/संबद्ध कर दिया जाएगा।
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