September 20, 2024

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प्रयागराज17सितम्बर24*यूपीआजतक न्यूज चैनल पर प्रयागराज की कुछ महत्वपूर्ण खबरें

प्रयागराज17सितम्बर24*यूपीआजतक न्यूज चैनल पर प्रयागराज की कुछ महत्वपूर्ण खबरें

प्रयागराज17सितम्बर24*यूपीआजतक न्यूज चैनल पर प्रयागराज की कुछ महत्वपूर्ण खबरें

➡️……दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को डीएलएड प्रवेश में आरक्षण नहीं*

*पहली बार गैर यूपी के अभ्यर्थियों को डीएलएड में मिलेगा प्रवेश*

*पहले चरण में केवल उत्तर प्रदेश के आवेदकों को ही देंगे दाखिला*

संजोग मिश्र प्रयागराज। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस सत्र से डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षण के लिए दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों के लिए भी दरवाजे खोल दिए हैं। हालांकि प्रवेश में प्राथमिकता यूपी के अभ्यर्थियों को ही दी जाएगी। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की निशुल्क सीटों पर यूपी के अभ्यर्थियों को ही प्रवेश मिल सके। यही नहीं गैर यूपी के अभ्यर्थियों को किसी प्रकार का आरक्षण नहीं मिलेगा और उन सभी को अनारक्षित श्रेणी में रखा जाएगा। डीएलएड में प्रवेश के लिए आवेदन 18 सितंबर से शुरू हो रहे हैं।शासन के विशेष सचिव यतीन्द्र कुमार की ओर से नौ सितंबर को जारी डीएलएड 2024-25 प्रशिक्षण के शासनादेश के अनुसार डीएलएड प्रवेश के समय होने वाले अभिलेखीय जांच में अभ्यर्थी को उत्तर प्रदेश में अपने गृह जनपद के सक्षम अधिकारी की ओर से प्रवेश की तिथि तक जारी निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा, अन्यथा की स्थिति में अभ्यर्थी का आवेदन पत्र निरस्त कर दिया जाएगा। प्रथम चरण के बाद यदि सीटें रिक्त रह जाती हैं तो दूसरे राज्य के अभ्यर्थियों को द्वितीय चरण में रिक्त सीटों पर अवसर प्रदान किया जाएगा।अभ्यर्थियों को प्रवेश की तिथि तक राज्य सरकार की ओर से अधिकृत अधिकारी के निर्धारित प्रारूप पर जारी निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। उत्तर प्रदेश के अभ्यर्थियों के चयन में राज्य सरकार की आरक्षण नीति के अनुसार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण व्यवस्था की जाएगी। आरक्षित श्रेणी (ओबीसी/ एससी/एसटी/विशेष आरक्षित श्रेणी) के अभ्यर्थी उपलब्ध न होने पर, उक्त आरक्षित श्रेणी की रिक्त सीटों को अनारक्षित/सामान्य वर्ग की सीटों पर परिवर्तित करते हुए प्रवेश होगा। उत्तर प्रदेश के अभ्यर्थियों के अतिरिक्त दूसरे राज्य के सभी अभ्यर्थी अनारक्षित श्रेणी में मान्य होंगे, ऐसे अभ्यर्थियों को किसी भी तरह का आरक्षण देय नहीं होगा।

*पिछले साल खाली रह गई थीं 70,100 सीटें*

प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती में बीएड को अमान्य करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पिछले साल डीएलएड की 70,100 सीटें खाली रह गईं थी। प्रदेश के 67 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की 10600 व 2974 निजी कॉलेजों की 2,22,750 कुल 2,33,350 सीटों पर प्रवेश के लिए 3,36,187 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। जिनमें से 1,63,250 अभ्यर्थियों ने ही प्रवेश लिया। छह साल से शिक्षक भर्ती नहीं आने के कारण भी बड़ी संख्या में सीटें खाली रह जा रही हैं। यही कारण है कि इस साल दूसरे राज्य के अभ्यर्थियों को भी मौका दिया गया है ताकि सीटें खाली न रह जाएं।

*मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त*

लखनऊ। उत्तर प्रदेश मरदसा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार जावेद का कार्यकाल समाप्त हो गया। वह तीन वर्ष तक इस पद पर रहे। उनकी अध्यक्षता में बोर्ड की आखिरी बैठक गत 10 सितंबर को हुई थी। डॉ. जावेद के कार्यकाल में मदरसा बोर्ड नए प्रयोगों के लिए चर्चाओं में रहा। परीक्षाओं में सख्ती की वजह से मदरसों में छात्र संख्या भी घटी। बोर्ड की आखिरी बैठक में 513 मदरसों के मान्यता छोड़ने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी।साथ ही मदरसा बोर्ड की 2025 की परीक्षाएं आगामी फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में कराए जाने का फैसला लिया गया था।

*शिक्षक भर्ती के लिए धरना दे रहे छात्र की हालत बिगड़ी*

प्रयागराज, मुख्य संवाददाता। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती शुरू करने की मांग को लेकर पत्थर गिरजाघर स्थित धरनास्थल पर धरना दे रहे कौशाम्बी निवासी प्रतियोगी छात्र विनय सिंह की तबीयत सोमवार रात तकरीबन आठ बजे बिगड़ गई। उसके साथी एंबुलेस से लेकर स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद कमजोरी बताते हुए घर भेज दिया। देर रात विनय के माता-पिता उसे लेकर घर चले गए। लगातार 12 दिन से धरने पर डटे रजत सिंह ने बताया कि धरना स्थल पर कोई व्यवस्था नहीं है। रात में मच्छर काटते रहते हैं। छह साल से भर्ती नहीं निकलने के कारण डीएलएड बेरोजगार दर-दर भटकने के मजबूर हैं।

*सहायक निदेशक के तीन पद, चार अफसरों की तैनाती*

प्रयागराज, मुख्य संवाददाता। शिक्षा निदेशालय में अफसरों की तैनाती में भी जमकर मनमानी हो रही है। उच्च शिक्षा निदेशालय में सहायक निदेशक के सिर्फ तीन पद सृजित हैं लेकिन पहली बार चार अफसरों की नियुक्ति कर दी गई है। यही नहीं इन्हें कार्य भी आवांटित कर दिया गया है। उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से एक सहायक निदेशक के तबादले का प्रस्ताव भी भेजा गया लेकिन शासन से आपत्ति लगकर फाइल वापस आ गई।वर्तमान में डॉ. वृन्दावन लाल शर्मा, डॉ. केशरी नंदन मिश्रा और डॉ. एसकेएस पांडेय पहले से कार्यरत थे जबकि सबसे अंत में नियम विरुद्ध तरीके से डॉ. अजीत प्रताप सिंह को सहायक निदेशक के पद पर भेज दिया गया। यही नहीं उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज ने तीन सितंबर को चारों अधिकारियों को कार्य भी आवंटित कर दिया। सूत्रों के अनुसार उच्च स्तर पर दबाव के कारण अतिरिक्त अधिकारी की तैनाती की गई है।

*प्रायोगिक परीक्षा के अंक करें अपलोड*

प्रयागराज। प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) राज्य विश्वविद्यालय ने संबद्ध कॉलेजों को विशेष परीक्षा के संबंध में दिशानिर्देश जारी किया है। स्नातक स्तर के परीक्षार्थियों के लिए वोकेशनल प्रश्न पत्र की परीक्षा 25 सितंबर तक पूरी कराकर कॉलेज लागिन पर अंकों को अपलोड करना होगा। वार्षिक प्रणाली में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों की प्रायोगिकी/मौखिकी परीक्षा भी इसी तिथि तक पूरी होगी। पीजी में लघु शोध प्रबंध (डिसर्टेशन) के लिए परीक्षार्थियों को 20 सितंबर तक अपनी फाइल तैयार करनी होगी। इसके बाद विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के लिए एक साथ परीक्षा केंद्र निर्धारित किया जाएगा।

*321 परिषदीय स्कूलों में लगेंगे टच स्क्रीन स्मार्ट पैनल*

प्रयागराज। जिले के 321 परिषदीय उच्च प्राथमिक और कंपोजिट (कक्षा एक से आठ तक) विद्यालयों में टच स्क्रीन वाले इंटरैक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले (आईएफपीडी) लगाए जाएंगे। शिव नाडर फाउंडेशन ने शिक्षा इनिशिएटिव कार्यक्रम के तहत सभी विकास खंडों के 281 विद्यालयों को आईएफपीडी उपलब्ध कराए हैं, जबकि अन्य स्रोतों से 40 अन्य डिवाइस मिली है। शिव नाडर फाउंडेशन के विशेषज्ञ ही इन सभी स्मार्ट क्लास में डिजिटल कंटेंट (सीएमएस) स्थापित करेंगे।बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देशित किया है कि प्रधानाध्यापकों की बैठक कर सभी एआरपी, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर एमआईएस तथा ब्लॉक क्वालिटी कोऑर्डिनेटर के सहयोग से स्मार्ट क्लास शिक्षण एवं सचालन के लिए कंटेंट इंस्टालेशन सुनिश्चित करें। टच स्क्रीन वाले स्मार्ट क्लास में उपलब्ध विषयवस्तु से चहक एवं निपुण भारत मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करना है।

*इविवि श्रीमद्भागवत गीता में बताए योग की पढ़ाई करेंगे छात्र*

प्रयागराज, कार्यालय संवाददाता। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को श्रीमद्भागवत गीता में बताए गए योग को पढ़ाया जाएगा। इसमें कर्म योग, भक्ति योग, ध्यान योग, ज्ञान योग आदि शामिल किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के अनुरूप पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड यौगिक साइंस पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। यह पाठ्यक्रम इविवि के दर्शनशास्त्रत्त् विभाग के अंतर्गत संचालित किया जाएगा। नए शैक्षिक सत्र से 40 सीटों पर प्रवेश होगा। प्रवेश कॉमन युनिवर्सिटी इंट्रेंस टेस्ट के (सीयूईटी) के स्कोर पर दिया जाएगा। पाठ्यक्रम के संचालन की अनुमति कार्य परिषद एवं विद्वत परिषद से मंजूरी मिल गई है।विभाग के प्रो. ऋषिकांत पांडेय ने बताया कि योग का उद्देश्य मानव व्यक्तित्व का समग्र विकास करना है। जिसमें शारीरिक व मानसिक के साथ-साथ आध्यात्मिक विकास भी करना है। आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्वास्थ्य प्रबंधन में योग की अहम भूमिका माना जाने लगा है।

*पहले साल की पढ़ाई पर मिलेगा सार्टिफिकेट*

प्रो. पांडेय ने बताया कि पहले साल की पढ़ाई पूरी करने पर सार्टिफिकेट, दो साल में डिप्लोम, तीन साल में स्नातक, चार साल में आनर्स और पांच साल की पढ़ाई पूरी करने पर छात्र-छात्राओं को पीजी की डिग्री प्रदान की जाएगी।

*भारतीय इतिहास की उपलब्धियों पर विशेष ध्यान दें अभ्यर्थी*

प्रयागराज, मुख्य संवाददाता। संघ लोक सेवा आयोग की 20 सितंबर से शुरू हो रही सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में इतिहास (वैकल्पिक) की तैयारी में खास सावधानी बरतने की आवश्यकता है। दृष्टि आईएएस के इतिहास के विशेषज्ञ अख्तर मलिक के अनुसार भारतीय इतिहास की उपलब्धियों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। मानचित्र पर विशेष ध्यान देने के ही निम्न बिन्दुओं को ध्यान में रखना चाहिए-

*प्रथम प्रश्न पत्र* प्राचीन भारत पाषाणकालीन एवं सैंधव कालीन पुरास्थल एवं पुरातात्विक स्रोत, सिंधु घाटी सभ्यता, वैदिक काल का विश्लेषणात्मक अध्ययन, धर्म दर्शन, विशेषत शैव, जैन, बौद्ध एवं वैष्णव (नयनार, अलवार), इनसे संबधित आचार्य, साहित्यिक ग्रंथ, संप्रदाय एवं उप संप्रदाय पर विशेष ध्यान।महाजनपद एवं मौर्य काल के महत्वपूर्ण शासक एवं उनकी उपलब्धियां तथा पतन के कारण आदि, अशोक के अभिलेख, अशोक द्वारा किए गए धम्म प्रचार तथा अशोक कालीन सांस्कृतिक उपलब्धियां तुलनात्मक समीक्षा, मौर्योत्तर काल की सांस्कृतिक उपलब्धि एवं साहित्यिक योगदान, सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति की अवधारणात्मक जानकारी।संगम काल विशेष रूप से चोल, चेर, पांड्य, सातवाहन आदि से संबंधित प्रशासन, आर्थिक एवं सांस्कृतिक उपलब्धि, विशेषकर स्थापत्य शैली के सन्दर्भ में, गुप्त कालीन राजनीति, समाज एवम् सामरिक स्थिति, सांस्कृतिक उपलब्धि आदि, गुप्तोत्तर काल के राजवंश तथा उनकी सांस्कृतिक उपलब्धियां, कालीदास, वराहमिहीर, शुद्रक, चरक आदि विद्वानों के साहित्यिक ग्रंथ तथा इनमें वर्णित विषय।कला के अन्तर्गत मंदिर, स्थापत्य कला, मुद्रा, मूर्ति कला, गुफा, गुहा आदि कलाओं पर तथ्यात्मक जानकारी एवं मानचित्र पर महत्त्वपूर्ण क्षेत्र को लोकेट करना। पूर्व मध्यकाल में शहरीकरण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, व्यापार, वाणिज्य एवं महिलाओं की स्थिति से सम्बंधित जानकारी, धर्म-दर्शन शंकराचार्य, वेदांत आदि में, धर्म , साहित्य, कला एवं स्थापत्य।

*मध्यकाल* दिल्ली सल्तनत में प्रशासन, सामाजिक सांस्कृतिक एवं विभिन्न शासकों द्वारा किए गए सुधार, हिंद इस्लामी संस्कृति; विशेषत साहित्य एवं कला के तत्व तथा मध्यकालीन महत्वपूर्ण शासकों के विषय में राजनीतिक एवं वैचारिक दृष्टिकोण खिलजी, तुगलक तथा अकबर के विशेष सन्दर्भ, मुगल काल का सांस्कृतिक प्रभाव।

*द्वितीय प्रश्न पत्र* आधुनिक भारत- 1600 यूरोपीय आगमन लेकर 1885 तक की महत्वपूर्ण घटनाओं की तुलनात्मक समीक्षा की दृष्टी से अध्ययन, ब्रिटिश विस्तार तथा अर्थव्यवस्था, समाज, संस्कृति आदि पर पाश्चात्य प्रभाव, समाज सुधार आंदोलन, जनजातीय, कृषक आदि के सन्दर्भ।

1885 से 1947 तक राष्ट्रवाद के उदय, उदारवादी चरण, उग्रवादी चरण ,गांधीवादी चरण आदि तथा गांधीवादी आंदोलन के विषय में अवधारणात्मक जानकारी, महत्वपूर्ण व्यक्तित्व तथा उनकी विचारधारा। यूरोपियों द्वारा लाए गए विभिन्न नियम कानून अधिनियम आदि, स्वतंत्रता आंदोलन के समय प्रकाशित होने वाले विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं के विषय में अवधारणात्मक समझ, भारत में समाजवादी, पूंजीवादी, साम्यवाद जैसे समकालीन विचारधारा का प्रभाव।

*विश्व इतिहास* अमेरिकी, फ्रेंच क्रांतियां, राष्ट्रवाद एवं लोकतंत्र के दृष्टिकोण से राष्ट्रों के एकीकरण एवं सीमाओं का पुनर्निर्धारण, औद्योगिकरण, उपनिवेशवाद, उदारीकरण एवं मार्क्सवादी विचारधारा आदि, दो विश्व युद्ध तथा शीत युद्ध, तृतीय विश्व आदि की तुलनात्मक समीक्षा। उपरोक्त विषयों को वैश्विक प्रभाव के विशेष सन्दर्भ में देखें।

*एनपीएस वात्सल्य में कल से निवेश शुरू करें*

*वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस योजना का शुभारंभ करेंगी*

नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 18 सितंबर को एनपीएस-वात्सल्य योजना की शुरुआत करेंगी। दिल्ली समेत देशभर में 75 स्थानों पर इस योजना को लॉन्च किया जाएगा। इस मौके पर योजना से जुड़ने वाले नाबालिग सदस्यों को स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (प्रान) कार्ड भी जारी किए जाएंगे।साथ ही योजना से जुड़े अनिवार्य दिशा-निर्देश भी जारी किए जाएंगे। गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई में पेश हुए बजट में इस योजना को शुरू करने की घोषणा की थी। यह नई पहल बच्चों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने के लिए शुरू की जा रही है, जो देश की पेंशन प्रणाली में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार की इस योजना को पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा संचालित किया जाएगा।

*कौन होंगे पात्र* सभी माता-पिता और कानूनी संरक्षक, चाहे वे भारतीय नागरिक हों, एनआरआई हों या ओसीआई, अपने नाबालिग बच्चों के लिए एनपीएस-वात्सल्य खाता खोलने के पात्र हैं। जब तक बच्चा बालिग नहीं हो जाता, वे ही इसे संचालित करने के अधिकारी होंगे।

*क्या है एनपीएस वात्सल्य* इस योजना विशेष रूप से युवाओं के लिए तैयार की गई है। इसके तहत माता-पिता या अभिभावक अपने नाबालिग बच्चों के लिए खाता खोल सकते हैं और उनकी सेवानिवृत्ति के लिए दीर्घकालिक बचत कर सकते हैं। बालिग होने के बाद इस योजना को नियमित एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा

*ऑनलाइन मंच पर पंजीकरण करना होगा*

वित्त मंत्री एनपीएस वात्सल्य योजना के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की शुरुआत करेंगी। यहां बच्चे के माता-पिता या कानूनी संरक्षक को पंजीकरण कराना होगा। इस प्रक्रिया को पूरी करने के बाद स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या जारी कर दी जाएगी।

*न्यूनतम 1000 रुपये से कर सकते हैं निवेश*

इस योजना में माता-पिता बच्चे के नाम पर सालाना 1,000 रुपये का न्यूनतम निवेश कर सकते हैं। इससे यह योजना सभी आर्थिक पृष्ठभूमि वाले परिवारों के लिए सुलभ हो जाएगी। लंबे निवेश समय में चक्रवृद्धि ब्याज की ताकत से रिटर्न में काफी वृद्धि हो सकती है।

*नौ राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी*

नई दिल्ली, एजेंसी। मौसम विभाग ने सोमवार को नौ राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान शामिल है।मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो से तीन दिनों तक उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और झारखंड के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तेज गति की हवा से साथ भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है और तटीय इलाकों में मछुआरों को सावधानी बरतने की अपील की गई है। वहीं, गांगेय पश्चिम बंगाल पर बना गहरा दबाव धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया। अगले 12 घंटों में इसके कमजोर होने की संभावना है। इसके बाद मौसम प्रणाली झारखंड और उत्तर छत्तीसगढ़ की दिशा में बढ़ जाएगी।

*पश्चिम बंगाल में भारी बारिश* पश्चिम बंगाल में गहरा दबाव क्षेत्र बनने से सोमवार को कोलकाता सहित राज्य के दक्षिणी हिस्से में कई जगहों पर मध्यम से भारी बारिश हुई। मौसम विभाग ने बताया कि बारिश के कारण आम जनजीवन प्रभावित रहा।

*हिमाचल प्रदेश में 74 सड़कें बंद*

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बाद सोमवार को चंडीगढ़ और शिमला को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-5 (हिंदुस्तान-तिब्बत रोड) सहित कुल 74 सड़कें बंद कर दी गईं। स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र ने बुधवार को राज्य के छह जिलों में आंधी-तूफान और बिजली गिरने का ‘येलो’ अलर्ट जारी किया है। अधिकारियों ने बताया कि दोपहर में भारी भूस्खलन के कारण सोलन जिले में कुमारहट्टी के पास एनएच-5 बंद हो गया।

*परीक्षार्थी की तलाशी मामले की जांच के आदेश*

गुवाहाटी। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को डीजीपी को नौकरी की इच्छुक छात्रा के आरोपों की जांच का निर्देश दिया है। छात्रा ने आरोप लगाया है कि ग्रुप III पदों की भर्ती को आयोजित परीक्षा के दौरान नलबाड़ी के एक परीक्षा केंद्र में प्रवेश के दौरान एक महिला कांस्टेबल ने उसके निजी अंगों की तलाशी ली। आपत्ति के बाद भी तलाशी बंद नहीं

*अब आयोग को दो दिन करानी होगी आरओ/ एआरओ परीक्षा*

प्रयागराज। पर्याप्त संख्या में केंद्र नहीं मिल पाने के कारण उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 दो दिन कराने का विकल्प भी रखा है। पीसीएस परीक्षा के बाद आयोग के लिए अगली चुनौती समीक्षा अधिकारी (आरओ) / सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 होगी, जिसके लिए पीसीएस परीक्षा से भी अधिक केंद्रों की जरूरत पड़ेगी।वैसे आयोग के लिए आरओ/ एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 का सफल आयोजन बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि पेपर लीक होने से 11 फरवरी- 2024 हुई परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। अब यह परीक्षा 22 दिसंबर को दोबारा होगी। इसके लिए 10,76,004 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं।

*शिक्षक भर्ती के लिए धरना दे रहे छात्र की हालत बिगड़ी*

प्रयागराज।परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती शुरू करने की मांग को लेकर पत्थर गिरजाघर स्थित धरनास्थल पर धरना दे रहे कौशाम्बी निवासी प्रतियोगी छात्र विनय सिंह की तबीयत सोमवार रात तकरीबन आठ बजे बिगड़ गई। उसके साथी एंबुलेस से लेकर स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद कमजोरी बताते हुए घर भेज दिया। देर रात विनय के माता-पिता उसे लेकर घर चले गए। लगातार 12 दिन से धरने पर डटे रजत सिंह ने बताया कि धरना स्थल पर कोई व्यवस्था नहीं है। रात में मच्छर काटते रहते हैं। छह साल से भर्ती नहीं निकलने के कारण डीएलएड बेरोजगार दर-दर भटकने के मजबूर हैं

*हर मंडल में होगा सैनिक स्कूल, 16 मंडल से मांगी आख्या*

*माध्यमिक विद्यालय को चयनित कर बदला जाएगा रूप, रक्षा मंत्रालय ने मांगे आवेदन*

लखनऊ। प्रदेश के 16 मंडल मुख्यालयों में अब एक-एक माध्यमिक विद्यालय सैनिक स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। लखनऊ व गोरखपुर मंडल में एक एक सैनिक विद्यालय पहले से हैं।यह केंद्र सरकार की देश भर में 100 विद्यालयों को सैनिक स्कूल की तरह पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर विकसित करने की योजना के तहत है। इसके लिए सैनिक स्कूल सोसायटी, रक्षा मंत्रालय ने इच्छुक विद्यालयों से आवेदन मांगे हैं।योजना के अनुसार कोई भी राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त या निजी विद्यालयों को किसी निजी संस्था के सहयोग से सैनिक स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। आवेदन करने वाले विद्यालयों की स्क्रूटनी के बाद इसके लिए विद्यालयों का चयन होगा। इसे लेकर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सभी 16 मंडल मुख्यालय वाले जिलों के डीएम को पत्र भेजकर आवेदन प्रक्रिया पूरी करने व इसकी सूचना शासन को उपलब्ध कराने को कहा है।

*16 मंडल से मांगी आख्या*

सैनिक स्कूल के रूप में विकसित करने के लिए अयोध्या, गोंडा, आगरा, अलीगढ़, प्रयागराज, आजमगढ़, बस्ती, बरेली, बांदा, मुरादाबाद, झांसी, कानपुर नगर, मेरठ, सहारनपुर, मिर्जापुर व वाराणसी से आख्या मांगी गई है।महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा कि पूर्व में शासन की ओर से दिए गए निर्देश के अनुसार इसकी आवश्यक प्रक्रिया नहीं पूरी की गई है। ऐसे में संबंधित जिलों के डीएम विद्यालयों के प्रबंधक व प्रधानाचार्यों के साथ बैठक कर योजना से अवगत कराकर सूचना शासन व निदेशालय को उपलब्ध कराएं।

*बीबीएयू: यूजी में एडमिशन के लिए विभागवार मेरिट सूची जारी*

*सत्र 2024-25 में प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय में जारी प्रवेश प्रक्रिया*

लखनऊ, कार्यालय संवाददाता।बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में स्नातक पाठ्यक्रमों की विभागवार मेरिट लिस्ट जारी कर दी गई है। सोमवार को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर मेरिट सूची अपलोड की गई। चयनित अभ्यर्थियों को ऑनलाइन 17 सितम्बर तक सीट कन्फर्मेशन शुल्क जमा करना होगा।बीबीएयू ने 10 सितम्बर को सत्र 2024-25 स्नातक प्रवेश के लिए मेरिटी सूची जारी की थी। जिसके बाद विभागवार सीट के अनुसार के अब मेरिट सूची जारी कर दी गई है। जारी मेरिट लिस्ट में बीकॉम आनर्स, बीएससी लाइफ सांइस, बीएससी आईटी, इंटीग्रेटेड बीएससी-एमएससी (बेसिक साइंस), बीएससी जियोलॉजी, बीएसससी एफएसटी, बीकॉम, बीसीए, बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, बीबीए-एलएलबी, बीए पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, बीए के साथ ही बीवोक, डिप्लोमा इन फार्मेसी, बीटेक, डिप्लोमा (अर्ली चाइल्डहुड केयर एण्ड एजुकेशन), बीए फिल्म थिएटर एण्ड मीडिया स्ट्डीज, बीफार्मा के कोर्स शामिल हैं।

*पीजी में 500 सीटों के लिए आएगी मेरिट लिस्ट*

बीबीएयू में यूजी से पूर्व पीजी एडमिशन प्रक्रिया शुरू हुई थी लेकिन अभी भी तकरीबन 500 सीटों पीजी पाठ्यक्रमों में रिक्त हैं। एडमिशन मानिटरिंग कमेटी की चेयरमैन प्रो. सुदर्शन वर्मा ने बताया कि पीजी कोर्स की रिक्त सीटों को भरने के लिए आवेदन लिए जा चुके हैं। दो से तीन दिन में इसकी भी मेरिट सूची कर दी जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर स्पॉट काउंसलिंग भी की जा सकती है।

*बिजली इंजीनियरों के कार्यालय व निवास कार्यक्षेत्र में ही होंगे*

*भौगोलिय कार्यक्षेत्र में ही निवास करेंगे मुख्य अभियंता से लेकर एसडीओ स्तर के अधिकारी*

लखनऊ। विशेष संवाददाता उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने इंजीनियरों को अपने भौगोलिक कार्यक्षेत्र में निवास करने का आदेश दिया है। बिजली विवरण की व्यवस्थाएं बेहतर रहे और उपभोक्ताओं की शिकायतों का त्वरित समाधान हो सके इसे ध्यान में रखते हुए यह आदेश जारी किया गया है। नवसृजित वितरण क्षेत्रों के मुख्य अभियंता (वितरण) का कार्यालय उनके नाम में अंकित कार्यक्षेत्र में स्थापित किए जाने का आदेश दिया गया है।उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डा. आशीष कुमार गोयल क्षेत्रीय तथा खंडीय बिजली वितरण कार्यालय को उनके भौगोलिक क्षेत्र में स्थापित किए जाने का आदेश जारी किया है। उन्होंने लिखा है कि कई स्थानों पर क्षेत्रीय वितरण कार्यालय उनके भौगोलिक कार्यक्षेत्र में स्थित न होकर अन्य स्थान (पूर्ववर्ती वितरण क्षेत्र मुख्यालय) पर कार्यरत है। कुछ वितरण अधिकारी भी अपने कार्यक्षेत्र में निवास न कर अन्य स्थानों पर निवास कर रहे हैं, जिसके कारण बिजली वितरण से संबंधित कार्यों का प्रभावी क्रियान्यवन नहीं होने से उपभोक्ताओं को दिक्कतें आती हैं।उन्होंने उदाहरण दिया है कि मुख्य अभियंता रायबरेली क्षेत्र, सीतापुर क्षेत्र तथा प्रयागराज-दो का मुख्यालय कार्यालय क्रमश: रायबरेली, सीतापुर और प्रयागराज में स्थापित किया जाएगा। ये मुख्य अभियंता उसी स्थान पर निवास भी करेंगे। मुख्यालय अथवा अपना क्षेत्र छोड़ने से पहले प्रबंध निदेशक की अनुमति लेंगे। अधिशासी अभियंता वितरण तथा उपखंड अधिकारी के कार्यालय भी उनके भौगोलिक कार्यक्षेत्र में ही होंगे। इन अधिकारियों को उनके भौगोलिक कार्यक्षेत्र में निवास करना होगा। यह भी आदेश दिया है कि बिजली वितरण खंडों के नाम उनके भौगोलिक कार्यक्षेत्र के नाम के मुताबिक ही रखा जाए।

*तैयारी:एमबीबीएस की 75 हजार सीटें और बढ़ेंगी*

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। सरकार अगले पांच वर्षों में मेडिकल की 75 हजार नई सीटें बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए एक योजना का खाका तैयार किया जा रहा है।देश में इस समय एमबीबीएस की 1,12,117 सीटें हैं। इसके बावजूद बड़े पैमाने पर छात्र पूर्व सोवियत देशों, चीन, बांग्लादेश आदि में मेडिकल की पढ़ाई के लिए जा रहे हैं। एक आकलन के अनुसार, मौजूदा समय में करीब 30-35 हजार छात्र इन देशों में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं।सरकार ने अगले पांच वर्षों में 75 हजार नई सीटें सृजित करने का लक्ष्य रखा है। कोशिश है कि सीटों की संख्या को दो लाख सालाना के आसपास पहुंचाई जाए। योजना के तहत जिन मेडिकल कॉलेजों के पास अच्छा बुनियादी ढांचा है, उन्हें और सीटें बढ़ाने के अवसर दिए जाएंगे। नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना, जिला अस्पतालों को अपग्रेड कर मेडिकल कॉलेज बनाना, बड़े निजी अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए प्रेरित करना आदि शामिल है।देश में इस समय 731 मेडिकल कॉलेज हैं। 2014 में इनकी संख्या 387 थी।

*80 हजार शिक्षकों का दो अरब बकाया जल्द मिलेगा*

लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। प्रदेश के एडेड स्कूलों के 80 हजार से अधिक पूर्व, वर्तमान शिक्षकों के जल्द ही बकाये का भुगतान होगा। सरकार मंडल स्तर पर शिविर लगा डेढ़ दशक से भी अधिक समय से लंबित बकाया धनराशि के शीघ्र भुगतान की व्यवस्था करने जा रही है। शासन स्तर से हर पखवाड़े के आवंटन प्रक्रिया की मॉनिटरिंग भी की जाएगी।एडेड स्कूलों के पूर्व,वर्तमान शिक्षकों के करीब 15 सालों से बकाया चल रहे एसीपी, चयन वेतनमान, प्रोन्नत वेतनमान, पदोन्नति पर मिलने वाली वेतनवृद्धि, स्वैच्छिक परिवार कल्याण के तहत वेतनवृद्धि आदि के भुगतान की प्रक्रिया शीघ्र शुरू होने जा रही है। मंडल स्तरों पर शिविर लगा भुगतान किया जाएगा। वित्त विभाग से 200 करोड़ का चार से पांच चरणों में देने का भरोसा मिलने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए रणनीति तैयार की है।

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