April 27, 2025

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पूर्णिया 14 अप्रैल25*कमजोर नवजातों की डोर मजबूती से थाम रहा

पूर्णिया 14 अप्रैल25*कमजोर नवजातों की डोर मजबूती से थाम रहा

पूर्णिया 14 अप्रैल25*कमजोर नवजातों की डोर मजबूती से थाम रहा

कैमूर एसएनसीयू  मोहम्मद इरफान कामिल यूपी आज तक न्यूज़ चैनल पूर्णिया बिहार की रिपोर्ट।सबसे ज्यादा नवजातों की भर्ती में कैमूर आगे, वैशाली दूसरे स्थान पर नवजात मृत्यु दर में कमी लाना है एसएनसीयू का मुख्य उद्देश्य

पूर्णिया बिहार। कमजोर एवं बीमार नवजातों जीरो से 28 दिन को विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में भर्ती करने में कैमूर जिला वित्तीय वर्ष 2024 —25 में अव्वल रहा। अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक 16 बेड वाले एसएनसीयू में कुल 1 हजार 733 नवजातों की भर्ती हुई है। वहीं 1563 नवजातों की भर्ती के साथ वैशाली दूसरे तथा 1398 नवजातों के भर्ती के साथ रोहतास तीसरे स्थान पर रहा। मालूम हो कि नवजात मृत्यु दर में कमी लाना राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में है। राज्य के विभिन्न जिला अस्पतालों में कुल 35 विशेष नवजात चिकित्सा इकाई एसएनसीयू संचालित हैं। एसएनसीयू की महत्ता को बताते हुए पूर्व विभागाध्यक्ष, शिशु रोग विभाग,पीएमसीएच डॉ निगम प्रकाश नारायण कहते हैं कि एसएनसीयू जीवन रक्षक सभी उपकरण एवं विशेषज्ञ होते हैं। अपने स्थापना से ही राज्य में एसएनसीयू नवजातों के उपचार में सहायक रहा है। राज्य के स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट में डिस्चार्ज रेट में बढ़ोतरी और दी जाने वाली सुविधाओं में बढ़ोतरी के कारण पिछले एक वर्ष में नवजातों की मृत्यु दर में 2 अंक की कमी भी आयी है।
प्रतिवर्ष 55 से 60 हजार बीमार नवजातों का होता है इलाज
राज्य के एसएनसीयू में प्रतिवर्ष औसतन 55 से 60 हजार बीमार नवजातों की भर्ती कर उपचार किया जाता है। एसएनसीयू के माध्यम से बीमार नवजातों को शिशु रोग विशेषज्ञ या विशेष रूप से प्रशिक्षित चिकित्सक के द्वारा चिकित्सा सेवा प्रदान की जाती है। इसके अंतर्गत कंगारु मदर केयर की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। साथ ही मां को भी नवजात की देखभाल करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
बिना प्राथमिक उपचार के रेफर नहीं
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सभी एसएनसीयू को यह निर्देश प्राप्त है कि वह बिना प्राथमिक उपचार के किसी भी नवजात को उच्चतर संस्थान में रेफर नहीं करेंगे। एसएनसीयू के तहत रेफरल केस को 10 प्रतिशत से कम करने का भी निर्देश प्राप्त है। इसके अलावा डिस्चार्ज रेट को बढ़ाने और नवजातों की भर्ती बढ़ाने संबंधी निर्देश भी एसएनसीयू को प्राप्त है।

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