पूर्णिया बिहार29मार्च25* जन सुराज के संस्थापक ने पूर्णिया में मुख्यमंत्री और सांसद पप्पू यादव को लेकर बड़ा बयान दिया
मोहम्मद इरफान कामिल यूपी आज तक न्यूज़ चैनल पूर्णिया बिहार की रिपोर्ट।
पूर्णियाबिहार । शनिवार को राजनीतिक दौरे पर पहुंचे प्रशांत किशोर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आगामी बिहार दौरे पर कटाक्ष किया।
कहा कि अब बिहार में चुनाव हैं, इसलिए नवंबर तक अमित शाह और मोदी जी को सिर्फ बिहार ही दिखेगा। भाजपा को अब चुनाव तक बिहार का गौरवशाली इतिहास ही दिखेगा।
अब नवंबर तक हर केंद्रीय योजना का शिलान्यास बिहार से होगा, किसान सम्मान निधि का पैसा भी बिहार से भेजा जाएगा, लेकिन अगर गृह मंत्री को वाकई बिहार और बिहार के बच्चों की इतनी चिंता है तो बिहार के जो बच्चे गुजरात की फैक्ट्रियों में मात्र 12 हजार रुपए में काम कर रहे हैं, उन्हें गुजरात के मजदूरों के बराबर फैक्ट्रियों में मजदूरी दिलवाएं।
इसलिए गृह मंत्री अमित शाह जी से हमारी मांग है कि वे सूरत, मोरबी की फैक्ट्रियों में काम कर रहे बिहार के बच्चों को भी गुजरात के मजदूरों के बराबर मजदूरी दिलवाएं।
सीएम नीतीश के लिए कहा कि ने शारीरिक तौर पर थक गए हैं। उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं। ज्यादातर बातें या तो याद नहीं। उनकी याददाश्त कमजोर हो गई है। मंत्रिमंडल के साथियों का नाम तक बताने की स्थिति में नहीं। सीएम अपनी सेहत को लेकर एक मेडिकल फिटनेस जारी कर दें।
पीके बोले, नवंबर तक अमित शाह-मोदी को सिर्फ बिहार दिखेगाः केंद्रीय योजना का शिलान्यास यहीं से होगा, नीतीश की मानसिक स्थिति ठीक नहीं; पप्पू यादव बरसाती मेंढक
प्रशांत किशोर ने पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पप्पू यादव बरसाती मेंढक हैं। उनका काम बारिश में बाहर निकलकर टर्राना है। उन्होंने कहा कि पप्पू यादव कोई फैक्टर नहीं हैं, वे पूर्णिया से इसलिए जीते क्योंकि उदय सिंह जी चुनावी राजनीति में ज्यादा सक्रिय नहीं हैं।
13 करोड़ बच्चों का भविष्य ऐसे हाथ में जिनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं
पूर्व सांसद उदय सिंह के मधुबनी स्थित आवास पर प्रेसवार्ता करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आज अगर किसी सिपाही और शिक्षक की भी भर्ती होती है तो उसने मेडिकल सर्टिफिकेट की जरूरत होती है। अगर मेडिकल फिटनेस न हो तो सिपाही भी नहीं बन सकते। 13 करोड़ बच्चों का भविष्य आज ऐसे इंसान के हाथ में है, जिनकी मानसिक स्थिति को लेकर कई तरह बातें चल रही हैं।
ऐसा नहीं कि इस बात की जानकारी अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी को नहीं। सबको ये बात मालूम है कि सीएम नीतीश शारीरिक तौर पर थक गए हैं। उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं। सीएम के स्वास्थ्य पर सबसे पहले टिप्पणी उन्हीं के साथी पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने की थी। टिप्पणी करते हुए उन्होंने अक्टूबर 2023 में कहा कि नीतीश कुमार को मानसिक रोक गया है। इसके बाद से तमाम नेता ये बात कहते रहे हैं। जनवरी में सरकार से बातचीत के दौरान मुझे अहसास हुआ कि नीतीश कुमार को ज्यादातर बातें या तो याद नहीं रहती या फिर उनकी याददाश्त कमजोर हो गई है। हमलोगों ने डिमांड की है कि ये रोज की चर्चा बंद हो, इसलिए सीएम एक मेडिकल फिटनेस जारी कर दें।
जहां तक हमलोग जानते हैं नीतीश कुमार आज अपने मंत्रिमंडल के साथियों का नाम तक बताने की स्थिति में नहीं हैं। फिर भी उन्हें मुख्यमंत्री बनाए रखा गया है। उन्हें किसी ने रखा तो भाजपाइयों ने रखा है। बिहार में बीजेपी के 75 विधायक हैं फिर इतने बड़े दरियादिल वो कैसे हो गए कि नीतीश कुमार को सीएम बनाए रखा है।
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