पूर्णिया बिहार 7 मार्च25*बिहार ने पूरे विश्व को ज्ञान दिया, वहीं मुकाम पाने के लिए नई ऊर्जा की जरूरत : प्रवीण
मोहम्मद इरफान कामिल यूपी आज तक चैनल पूर्णिया बिहार की रिपोर्ट।
– गुरुदेव बिहार को ज्ञान के शिखर पर पहुंचाने का विजन लेकर आ रहे हैं
पूर्णिया । बिहार पूरे विश्व को ज्ञान दिया है। बुद्ध और चाणक्य व महानशासकों की यह भूमि है। नालंदा और विक्रमशिला के अवशेष इस बात की गवाही दे रहे हैं कि ज्ञान और आध्यात्म के क्षेत्र में यह प्रदेश कभी शिखर पर था। आर्य भट्ट की यह भूमि ज्ञान और आध्यात्म के लिए हमेशा से उर्वरक रही है। परंतु बीते कालखंड में कुछ बदलाव जरूर हुए हैं। लेकिन अब बिहार को एक बार फिर से ज्ञान और आध्यात्म के शिखर पर ले जाने का समय आ गया है। इसके लिए नई ऊर्जा की जरूरत है। उक्त बातें 8 मार्च को शहर के रंगभूमि में होने जा रहे महासत्संग में मुख्य गायक के रूप में पधारे आर्ट ऑफ लिविंग के अंतरराष्ट्रीय गायक प्रवीण मेहता ने कही। उन्होंने कहा कि गुरुदेव बिहार को एक बार पुण: ज्ञान और आध्यत्म के शिखर पर पहुंचाने का विजन लेकर उज्ज्वल बिहार यात्रा पर निकले हैं और इसी उद्देश्य को लेकर वे यहां आ रहे हैं। मीडिया से बात करते हुए इंटरनेशनल सिंगर प्रवीण मेहता ने बताया कि वे 90 के दशक में गुरुदेव श्रीश्री रविशकंर के सानिध्य में आए। उसके बाद से वे हमेशा के लिए उनके हो गए।
14 साल की सरकारी नौकरी छोड़कर बने आर्ट ऑफ लिविंग के शिक्षक:::
प्रवीण मेहता ने बताया कि वे आर्ट ऑफ लिविंग में फुल टाईम टीचर बनने से पहले राजस्थान सरकार के आर्ट एंड कल्चर विभाग में अधिकारिक पद पर कार्यरत थे। करीब 14 साल तक प्रवीण ने सरकारी नौकरी की। उसके बाद नौकरी छोड़कर आर्ट ऑफ लिविंग के टीचर बने। प्रवीण बताते हैं कि मूल रूप से वे संगीतज्ञ है। गायकी शुरू करने से पहले वे वायलन बजाया करते थे और इसके लिए उन्होंने अलग-अलग मंचों पर कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है। लेकिन गुरुदेव की शरण में आने के बाद उन्होंने गायकी शुरू की और आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्ट ऑफ लिविंग के भजनों की प्रस्तुति दे रहे हैं।
3 विषयों में प्रवीण ने ले रखी है मास्टर डिग्री,
प्रवीण मेहता ने बताया कि उनका जन्म उदयपुर में हुआ और उनकी शिक्षा-दीक्षा वहीं से हुई है। विज्ञान की पढ़ाई के बाद उन्होंने 3 विषयों से पीजी की डिग्री प्राप्त की। प्रवीण ने संगीत, दर्शनशास्त्र और जैनिजस्म में मास्टर डिग्री हासिल की है। वे कहते हैं कि आर्ट ऑफ लिविंग में आना महज संयोग रहा। संगीत की साधना करने के बाद भी उन्हें जीवन में कमी महसूस हो रही थी। वे सदेव रहने वाले अनंद की कमी महसूस हो रहे थे। उस कमी को पूरा करने की खोज में गुरुदेव से मिला। उनसे मिलने के बाद लोगों की सेवा में जुड़ा और तृप्ति मिली।
युवाओं को संदेश : जीवन घटनाओं से बड़ा, आत्मविश्वस से बढ़ें आगे:
पूर्णिया पहुंचे आर्ट ऑफ लिविंग के अंतरराष्ट्रीय सिंगर और शिक्षक प्रवीण मेहता ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि असफलता से निराश होने और डिप्रेशन में जाने की बजाय आत्मविश्वास के साथ उससे दुबारा से सफल होने की कोशिश करें।
जीवन को विशल दृष्टिकोण से देखें, जीवन में होने वाली घटनाएं जीवन से अधिक महत्वपूर्ण नहीं, जीवन घटनाओं से बड़ा है, आर्ट ऑफ लिविंग आपको समझाती है कि व्यक्ति, वस्तु और परिस्थिति जीवन का हिस्सा है, वे जीवन से महत्वपूर्ण नहीं हैं। घटनाएं आपको विचलित कर सकती हैं परंतु आत्मविश्वस हो तो हर मुश्किल से निकला जा सकता है।
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