पूर्णिया बिहार 29 मार्च 25′ वक्फ संशोधन बिल 2024 पर चंद्रबाबू नायडू बयान काबिले तारीफ : हयात अशरफ ।
मोहम्मद इरफान कामिल यूपी आज तक चैनल पूर्णिया बिहार की रिपोर्ट।
पूर्णिया बिहार । वक्फ संशोधन बिल 2024 को लेकर देशभर में बहस तेज हो गई है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस बिल को अपने राज्य में लागू न करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के साथ खड़ी है और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उनके इस बयान का स्वागत करते हुए हयात अशरफ, पूर्व कसबा विधानसभा प्रत्याशी, पूर्णिया, बिहार ने इसे संवैधानिक मूल्यों की जीत बताया।
वक्फ संपत्तियां इस्लामिक धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए समर्पित होती हैं, जिन्हें वक्फ बोर्डों द्वारा प्रबंधित किया जाता है। 1995 के वक्फ अधिनियम के तहत इन संपत्तियों को सुरक्षा दी गई थी, लेकिन संशोधित बिल के जरिए सरकार को इन पर अधिक नियंत्रण देने की आशंका जताई जा रही है। इस संशोधन का विरोध करते हुए विभिन्न मुस्लिम संगठन और राजनीतिक नेता इसे धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ बता रहे हैं।
चंद्रबाबू नायडू का बयान,,,,
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, “हम अल्पसंख्यक समाज के साथ खड़े हैं और वक्फ संशोधन बिल 2024 को आंध्र प्रदेश में लागू नहीं होने देंगे। हमारी सरकार सभी धर्मों की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।”
हयात अशरफ की प्रतिक्रिया: बिहार के नेताओं को भी स्पष्ट रुख अपनाने की जरूरत
हयात अशरफ ने चंद्रबाबू नायडू के फैसले का स्वागत करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान जी से आग्रह किया कि वे भी इस बिल पर अपना रुख स्पष्ट करें। उन्होंने कहा, “बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी खुद को अल्पसंख्यकों का हितैषी बताते हैं, लेकिन उन्होंने अब तक इस बिल पर कोई ठोस बयान नहीं दिया है। अगर वे सच में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करना चाहते हैं, तो उन्हें भी इस बिल का विरोध करना चाहिए।”
इसी तरह, उन्होंने चिराग पासवान से भी अपील की कि वे अपने पिता स्वर्गीय रामविलास पासवान जी के सिद्धांतों का पालन करें। उन्होंने कहा, “रामविलास पासवान जी हमेशा समाज के हर वर्ग की आवाज़ उठाते थे। अगर चिराग पासवान अपने पिता की विरासत को बनाए रखना चाहते हैं, तो उन्हें इस बिल के खिलाफ खुलकर बोलना चाहिए।”
संविधान का हवाला देते हुए हयात अशरफ ने दी चेतावनी,,,
हयात अशरफ ने संविधान के अनुच्छेद 25, 26, 29 और 30 का हवाला देते हुए कहा कि यह बिल धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों का उल्लंघन करता है। उन्होंने कहा, “भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, जहां हर धर्म के लोगों को अपने धार्मिक कार्यों और संपत्तियों के प्रबंधन का अधिकार है। वक्फ संशोधन बिल न केवल मुस्लिम समुदाय पर हमला है, बल्कि यह भारतीय संविधान के मूलभूत अधिकारों के भी खिलाफ है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिल वापस लेने की अपील
हयात अशरफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से अपील की कि इस बिल को वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था तभी मजबूत होगी जब सभी धर्मों और समुदायों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी।
वक्फ संशोधन बिल 2024 को लेकर देशभर में विरोध हो रहा है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इसे लागू न करने का जो फैसला लिया है, वह अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल बन सकता है। हयात अशरफ (पूर्व विधानसभा प्रत्याशी, कसबा, पूर्णिया) ने बिहार के नेताओं से भी अपील की कि वे इस बिल पर अपना रुख स्पष्ट करें और अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए आगे आएं।
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