June 22, 2025

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पूर्णिया बिहार 21 जून 25* सार्वजनिक छठ पोखर की जमीन पर पड़ी भूमाफियाओं की गिद्ध दृष्टि

पूर्णिया बिहार 21 जून 25* सार्वजनिक छठ पोखर की जमीन पर पड़ी भूमाफियाओं की गिद्ध दृष्टि

पूर्णिया बिहार 21 जून 25* सार्वजनिक छठ पोखर की जमीन पर पड़ी भूमाफियाओं की गिद्ध दृष्टि

पूर्णिया से मोहम्मद इरफान कामिल की खास खबर यूपी आज तक न्यूज़ चैनल

पूर्णिया बिहार।। पूर्णिया जिले के जलालगढ़ प्रखंड मुख्यालय पर
गुरुवार को छठ पोखर का 75 कट्ठा जमीन को लेकर प्रखंड प्रमुख भिखारी यादव के अगुवाई में
भू माफिया एवं हल्का कर्मचारी खिलाफ होने वाले धरना प्रदर्शन को सीओ के आश्वासन मिलने के बाद स्थगित कर दिया गया। सीईओ ने यह आश्वासन दिया कि छठ पोखर की जमीन में अनियमित बरतने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जायेगी। मालूम हो कि हरचंदपुर मौजा
अंतर्गत छठ पोखर खाता 139 खेसर 187 188 189 कुल 75 कट्ठा जमीन में फैला हुआ है। छठ पोखर में कई दशकों से यहां के सैकड़ों लोग श्रद्धा और आस्था के साथ छठ पूजा करते आ रहे थे कि उक्त पोखर पर भू माफियाओं की नजर पड़ गई और जमींदार द्वारा दशकों पूर्व से छठ पूजा के लिए दी गयी पोखर की 75 कट्ठा जमीन में से कुछ जमीन को जमींदार के वारिस गानों से मिलकर गुपचुप तरीके से लिखवा लिया है। जिसका सार्वजनिक छठ पूजा समिति द्वारा यह कहकर विरोध कर दिये कि वर्षों पूर्व हमारे पूर्वजों ने छठ पूजा के लिए
सार्वजनिक चंद के पैसे से जमींदार से उक्त खाता खेसरा की जमीन को खरीद कर पोखर खुदवाये थे जो अब तक छठ कमेटी के अधीन है। जमींदार ने उस वक्त पोखर का पैसे ले लिया किंतु वे जमीन रजिस्ट्री के लिए टालते रहे। इधर समय गुजारने के साथ-साथ उस समयकाल के अधिकांश बुजुर्ग लोग और खुद जमींदार नरसिंह दास रुंगटा एवं उनके दो सुपुत्र लक्ष्मी नारायण रूंगटा एवं गोपाल रुंगटा भी गुजर बसे। इस दौरान ना तो किसी ने पोखर पर कभी दावा किया और ना ही छठ कमेटी को वे लोग पोखर रजिस्ट्री कर के ही दिये। छठ पोखर पर हमेशा से यहां के लोगों एवं सार्वजनिक छठ पूजा कमेटी का ही कब्जा रहा और हर साल छठ कमेटी ही पोखर का जीर्णोद्धार करते चले आ रहे है । इस दौरान जमींदार के अधिकांश वारिस गण बाहर बस गए और उन लोगों के द्बारा भी पोखर के मुतल्लिक कभी कोई चर्चा नहीं की गई।बचे ललित मोहन रूंगटा तो इन्होंने 75 कट्ठा पोखर की जमीन में से 53 डिसमिल जमीन वर्ष 2023 में सार्वजनिक श्री श्री 108 छठ पोखर समिति को दान स्वरूप में रजिस्ट्री कर दी। इसके बाद से ही उक्त
छठ पोखर की जमीन पर यहां के भूमाफियाओं का खेल शुरू हो गया और सबको लगने लगा कि यहां करोड़ का खेल है। इस दौरान छठ कमेटी को पता चला कि परमेश दुबे ने गुपचुप तरीके से काफी पहले ही गोपाल रुंगटा से 53 डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री करवा लिए थे। इस मामले का भंडा फोड़ा तब हुआ जब उक्त जमीन में से 5 कट्ठा जमीन को ट्रायल्स स्वरूप में। आजमाने के लिए परमेश दुबे ने चितरंजन ठाकुर को रजिस्ट्री कर दिए और चितरंजन ठाकुर आनन फानन में दलबल के साथ जमीन को कब्ज़ा करने लिए पोखर आ धमके ,जिसका सार्वजनिक छठ पूजा कमेटी के लोगों ने आक्रोश प्रकट करते हुए एक स्वर से विरोध कर दिये और जब यह मामला प्रखंड प्रमुख भिखारी यादव के पास पहुंचा तो उन्होंने घोर आश्चर्य प्रकट करते हुए इस अनियमितता के विरुद्ध धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया। इस दौरान सीओ के समझाने बुझाने के बाद आक्रोशित लोग शांत हुए एवं सीईओ ने सार्वजनिक छठ पूजा कमेटी के लोगों से । एक लिखित आवेदन लेते हुए जांच कर दोषी लोगों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिये।
शनिवार को जलालगढ़ थाना में लगे जनता दरबार में मोगरा छठ पोखर का मामला गरमाये रहा। हुआ ये की चितरंजन ठाकुर ने पांच कट्ठा पोखर की जमीन खरीदने का हाल रसीद के साथ दावा पेश करते हुए पुलिस प्रशासन से जमीन दखल करवाने का आवेदन दिया था। पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए छठ कमेटी को आज होने वाले थाना परिसर के जनता दरबार में तलब कर लिए जहां छठ कमेटी ने विस्तार पूर्वक अपना पक्ष रखते हुए बताया कि कैसे जमींदार से उसके पूर्वजों व छठ कमेटी को छठ पूजा के लिए जमीन प्राप्त हुआ था और कैसे जमींदार द्वारा दिए गये छठ पोखर की जमीन को उसके वारिस गण भू माफिया के साथ सांठगांठ स्थापित कर 75 कट्ठा सार्वजनिक छठ पूजा की पोखर की जमीन को वे सब हड़पने का योजना बना रहे हैं। उक्त पक्ष सुनने के बाद थाना अध्यक्ष एवं सीओ ने अगली सुनवाई के लिए 28 तारीख मुकर्रर किये। इस दौरान उन्होंने आदेश दिये
कि जमीन से मुतल्लिक जमींदार के जो भी वारिस गण है उन्हें भी बजरिया नोटिस देकर थाना बुलाया जाए और परमेश दुबे को जमीन कैसे प्राप्त हुआ, और किस आधार पर उसने छठ पोखर वाली जमीन की खरीद बिक्री की, सभी कागजातों के साथ उन्हें भी नोटिस देकर बुलाया जाय।

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