पटना09जून2023*बिहार कांग्रेस में सिर फुटौव्वल…’अखिलेश’ को लेकर भी भारी नाराजगी !
अजित शर्मा को नेता पद से क्यों हटाया गया ? बैठक को लेकर भी नहीं दी गई थी सूचना
पटना: बिहार कांग्रेस में भूचाल है. सीएलपी लीडर अजीत शर्मा को हटाए जाने के बाद पार्टी में अंदर ही अंदर सिर फुटौव्वल है. तीन जून को कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक बुलाई गई थी. बैठक से 19 में 11 विधायक दूर रहे. महज आठ विधायकों की उपस्थिति में विधायक दल के नेता अजित शर्मा को हटाकर शकील अहमद खां को नेता चुन लिया गया था. नेता पद से हटाए गए अजित शर्मा ने साफ कहा है कि उन्हें क्यों हटाया गया,इस बात की कोई जानकारी नहीं. मौजूदा प्रदेश नेतृत्व को लेकर भी अजित शर्मा कहीं न कहीं नाराज दिखे।
हमें नहीं दी गई कोई जानकारी-अजित शर्मा
पूर्व सीएलपी नेता अजित शर्मा ने साफ कहा है कि उन्हें विधान मंडल दल की बैठक की सूचना ही नहीं थी. विधायक दल के नेता पद से क्यों हटाया गया इस बारे में भी कोई जानकारी नहीं है. मैं 2.5 साल तक इस पद पर रहा. सभी विधायकों को साथ लेकर चला. हमारे पहले जो सीएलपी थे सदानंद सिंह, उनके टाइम में ये बहुत चर्चा होती थी कि पार्टी टूट रही है,दूसरे पार्टी में विधायक जा रहे हैं. लेकिन हमारे टाईम में जो भी 19 विधायक और चार एमएलसी थे, सभी एकटजुट रहे. हमने सभी को एकजुट रखा. अब नए सीएलपी बने हैं…जो भी निर्णय हुआ वो ठीक ही है. होता है , वक्त वक्त की बात होती है।
आलाकमान का फैसला सबको मानना होता है-अखिलेश
वहीं, अजित शर्मा को सीएलपी से हटाए जाने और बैठक की सूचना नहीं होने के आरोप को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बहुत हल्के में लेते दिखे. अखिलेश सिंह से जब अजीत शर्मा के आरोपों पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान का फैसला कांग्रेस में सर्वोपरी है. आलाकमान का जो फैसला आता है उसे अजित शर्मा समेत सभी विधायकों को मानना होता है. आलाकमान कै फैसला सिर सिरोधार्य होता है।
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