November 22, 2024

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पंजाब18अप्रैल*बागबान किसानों ने मुआवजे के लिए एसडीएम अबोहर को सौंपा मांग-पत्र।

पंजाब18अप्रैल*बागबान किसानों ने मुआवजे के लिए एसडीएम अबोहर को सौंपा मांग-पत्र।

पंजाब18अप्रैल*बागबान किसानों ने मुआवजे के लिए एसडीएम अबोहर को सौंपा मांग-पत्र।

30 अप्रैल तक किन्नौ को खराबा घोषित करने और स्पेशल गिरदावरी करने का दिया अल्टीमेटम
अबोहर,18 मार्च: बल्लुआना विधानसभा क्षेत्र के गांव ढींगा वाली के सैकड़ों बागबान किसानों ने आज एसडीएम अबोहर को किन्नौ-मालटा की हुई भारी ड्रॉपिंग के कारण हुए नुकसान के मुआवजे के लिये मांग-पत्र दिया।बागबान किसानों ने अपनी व्यथा बताई की पिछले तीन वर्षों से किन्नौ घाटे का सौदा बना हुआ है जबकि सरकार की नीति के अनुसार परम्परागत फसली चक्र से निकलकर अबोहर क्षेत्र के किसानों ने फसली विभिन्नता को अपनाते हुए बाग लगाए।इस सीजन में मार्च महीने के अंतिम सप्ताह और अप्रैल महीने के शुरुआत के अंदर 40 प्लस तापमान होने से उनके किन्नू के फूल बूटों के ऊपर ही सूख गए जिससे बागों के फल को 90% से शत-प्रतिशत नुकसान हुआ है।किसानों ने मांग की स्पेशल गिरदावरी का आदेश जारी करके ₹ एक लाख प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाए क्योंकि किन्नू की फसल वार्षिक होने के कारण अन्य दो फसलों के बराबर लागत आती है इसलिए इसको एक नही बल्कि दो फसलों की तरह एसेसमेंट किया जाए।किसानों ने प्रशासन को 30 अप्रैल तक का किन्नौ का खराबा घोषित करने और सपेशल गिरदावरी करने का समय दिया है उसके बाद मुआवजे के लिए बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है।जानकारी देते हुए स्वामीनाथन संघर्ष समिति पंजाब राज्य के उपाध्यक्ष किसान नेता सुशील सियाग ढींगा वाली ने बताया कि पिछले तीन सीजन से किन्नू घाटे का सौदा बना हुआ है क्योंकि 2019-20 के अंदर लॉकडाउन से बहुत नुकसान हुआ और किन्नौ रूल गया।2020-21 के अंदर भी भाव बिल्कुल कम थे।जिससे किसानों ने किन्नौ की MSP की भी मांग के लिये धरना भी दिया था।2021-22 में उपज नाममात्र होने से किसान के हाथ खाली रहे।अब इस बार सीजन के शुरुआत में ही (प्रकृतिक आपदा) तेज गर्मी से लगभग फूलों पे ही फसल तबाह हो गयी।जिससे कुछ किसान तो बागों को उखाड़ रहे हैं।बागबान किसानों ने बताया कि बागों में फरवरी माह में जोरदार सिट्रस सिले का प्रकोप हुआ जिसमें ज़्यादातर किसान बायर कम्पनी की सोलोमन स्प्रे करते हैं जिसका कोई नतीजा नही आया।जिस तरह 2015 में बायर कम्पनी की ओबरोंन स्प्रे से नरमा का सफेद मच्छर नियंत्रण नही हुआ था।उसी तरह सोलोमन की गुणवत्ता पर भी किसानों ने सवाल उठाया।किसानों ने बागबानी विभाग को भी किसानो तकनीकी शिक्षा देने में फिसड्डी बताया तथा सिट्रस एस्टेट अबोहर को सफेद हाथी बताया जिसमें आमूल-चूल परिवर्तन की मांग सरकार से की।इस अवसर जीत राम पंच,जस राम साहू,आशीष सियाग,पंच प्रतिनधि रजनीश नेहरा,राजेश सियाग,मांगी बिस्सू,गौरीशंकर,हरी राम,महावीर गेदर,भगीरथ खोड़,राज कुमार,बबलू सियाग,इत्यादि बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।

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