नई दिल्ली18अप्रैल25**संसद में बननेवाले किसी कानून पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा तत्काल सुनवाई
शुरु कर देना, कार्यपालिका के कार्य को गंभीर न्यायिक चुनौती है।*
सवाल यह नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट निर्णय क्या देता है, सवाल यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल याचिकाओं पर सुनवाई का निर्णय ही क्यों लिया? क्या उसे लगता है कि विधायिका इतनी मूर्ख है कि उसे पता ही नहीं कि क्या कानून बनाना है।
जनप्रतिनिधियों का चुनाव जनता करती है और आखिरकार जनता ही सर्वशक्तिमान है। यही जनप्रतिनिधि संविधान के दायरे में रहकर कानून बनाते हैं। कानून बनाने का अधिकार संसद के पास है और अगर उनके बनाये किसी कानून पर तत्काल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरु हो जाए तो समूचा संसदीय लोकतंत्र शर्मिंदा होता है।
वक्फ विधेयक पर तत्काल बेंच लगाकर सुनवाई शुरु करना ही संसदीय व्यवस्था को चुनौती है। मेरी सामान्य समझ तो यही कहती है। बाकी कानून और संविधान के जानकार जानें।
More Stories
नई दिल्ली19अप्रैल25* मौसम विभाग का कहना है कि इस साल औसत से अधिक वर्षा देखने को मिल सकती है,
फतेहपुर19अप्रैल25बेकाबू कार खड़े में ट्रक में पीछे से घुसी।*
रामपुर19अप्रैल25*दुष्कर्म मामले पर सियासत तेज, राहुल-प्रियंका ने यूपी सरकार को घेरा