*नई दिल्ली17अप्रैल25*भारत-अमेरिका की व्यापारिक दोस्ती कायम,
लगातार चौथी बार हासिल किया यह मुकाम*
वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका लगातार चौथी बार भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा जिससे दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
* चीन के 125% के जवाब में डोनाल्ड ट्रम्प का 245% टैरिफ
* डोनाल्ड ट्रंप ने 245% टैरिफ का डंडा चलाकर लिख दी चीन की बर्बादी
* *डोनाल्ड ट्रंप ने बीजिंग को जिस तरह से निशाना बनाया है और बाकी दुनिया को राहत दी है, इसने साफ संकेत दिया है कि अमेरिका एक ही मुख्य विरोधी है और वो है चीन*
* अमेरिकी राष्ट्रपति ने बाकी देशों के टैरिफ से राहत देते हुए ध्यान पूरी तरह से चीन के खिलाफ लगा दिया है
* चीनी स्टॉक मार्केट, जो टैरिफ लागू होने से पहले तेजी से चल रहा था, उसपर भी ब्रेक लग चुकी है
*भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका के साथ भारत का ट्रेड सरप्लस बढ़कर 41.18 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो पिछले साल 35.32 अरब डॉलर था।*
*भारत से अमेरिका को प्रमुख निर्यात की जाने वाली वस्तुएं इस प्रकार हैं:*
* औषधि निर्माण और जैविक उत्पाद: 8.1 अरब डॉलर
* दूरसंचार उपकरण: 6.5 अरब डॉलर
* कीमती और अर्ध-कीमती पत्थर: 5.3 अरब डॉलर
* पेट्रोलियम उत्पाद: 4.1 अरब डॉलर
* सोना और अन्य कीमती धातु के आभूषण: 3.2 अरब डॉलर
* सहायक उपकरण सहित सूती तैयार वस्त्र: 2.8 अरब डॉलर
* लोहा और इस्पात के उत्पाद: 2.7 अरब डॉलर
*अमेरिका से भारत में आयातित प्रमुख वस्तुएं हैं:*
* कच्चा तेल: 4.5 अरब डॉलर
* पेट्रोलियम उत्पाद: 3.6 अरब डॉलर
* कोयला और कोक: 3.4 अरब डॉलर
* पॉलिश किए हुए हीरे: 2.6 अरब डॉलर
* इलेक्ट्रिक मशीनरी: 1.4 अरब डॉलर
* विमान, अंतरिक्ष यान और उसके पुर्जे: 1.3 अरब डॉलर
* सोना: 1.3 अरब डॉलर
*अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद से भारत और अमेरिकी रिश्ते चर्चा में जरूर बने हुए हैं लेकिन अभी भी दोनों देशों के बीच संबंध बहुत ही मजबूत हैं। ऐसा इसलिए कि लगातार चौथी बार अमेरिका भारत का नंबर 1 ट्रेड पार्टनर बना है।*
■ भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार आने वाले वर्षों में और तेज़ी से बढ़ेगा, क्योंकि दोनों देश एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। इस समझौते का उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।
■ डोनाल्ड ट्रंप ने बीजिंग को जिस तरह से निशाना बनाया है और बाकी दुनिया को राहत दी है, इसने साफ संकेत दिया है कि अमेरिका एक ही मुख्य विरोधी है और वो है चीन। ट्रंप का प्रयास अमेरिका और बाकी देशों के बीच के ‘व्यापारिक टकराव ‘ को कम करते हुए केवल चीन पर ध्यान केंद्रित करने की ओर है।
■ ट्रंप के इस ऐलान के बाद चीन दुनिया में अलग-थलग पड़ सकता है। खासतौर पर जब वह अमेरिका के खिलाफ लगातार जवाबी टैरिफ से हमला कर रहा है।
*जब तक ट्रंप के टैरिफ अमेरिकी सहयोगियों और दूसरे देशों के खिलाफ थे, तब तक वे चीन की ओर आकर्षित हो रहे थे। लेकिन ट्रंप की बाकी देशों के टैरिफ पर रोक लगाने की घोषणा के साथ स्थिति उलट गई है। अब ये देश अमेरिका की ओर आकर्षित हो सकते हैं, जो माल के सबसे बड़े निर्यातक चीन के लिए बड़ा झटका साबित होगा। ट्रंप की घोषणा के कुछ ही मिनटों के भीतर अमेरिकी शेयर बाजारों में उछाल आ गया।*

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