August 14, 2025

UPAAJTAK

TEZ KHABAR, AAP KI KHABAR

नई दिल्ली14अगस्त25*कार्यालय एवं कारखाना जाने - आने के दौरान हुए कर्मचारियों/ अधिकारियों के सड़क हादसे को ऑन ड्यूटी माना जायेगा -सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली14अगस्त25*कार्यालय एवं कारखाना जाने – आने के दौरान हुए कर्मचारियों/ अधिकारियों के सड़क हादसे को ऑन ड्यूटी माना जायेगा -सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली14अगस्त25*कार्यालय एवं कारखाना जाने – आने के दौरान हुए कर्मचारियों/ अधिकारियों के सड़क हादसे को ऑन ड्यूटी माना जायेगा -सुप्रीम कोर्ट

*सर्वोच्च न्यायालय ने 29 जुलाई 2025 को अपने एक अहम् फैसले में कहा कि कार्यालय एवं कारखाना जाने – आने के दौरान हुए कर्मचारियों/ अधिकारियों के सड़क हादसे को ऑन ड्यूटी माना जायेगा !*

दिनांक 22 अप्रैल 2023 की पहली पाली के लिए कार्य पर जा रहे मजदूर संपतराव जहां नियोजित थे, उस शक्कर कारखाने से 5 किलोमीटर पहले एक सड़क हादसे में मृत्यु हो जाती है।

मृतक मजदूर संपतराव के परिजन उस्मानाबाद ( महाराष्ट्र ) के *कर्मचारी क्षतिपूर्ति आयुक्त* के समक्ष कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम 1923 की धारा 3 के अन्तर्गत क्षतिपूर्ति राशि के लिए आवेदन प्रस्तुत करते हैं। विचारण पश्चात कर्मचारी क्षतिपूर्ति आयुक्त उस्मानाबाद आवेदन को स्वीकार करते हुए चीनी मिल के मालिक को मुवाअजा राशि 3,26140 रूपये मय 12 प्रतिशत ब्याज राशि भुगतान करने का आदेश पारित करते हैं।

*चीनी मिल एसोसिएशन* की सलाह पर मृतक संपतराव का मालिक कर्मचारी क्षतिपूर्ति आयुक्त उस्मानाबाद के आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय मुम्बई में अपील करते हैं। मजदूर के मौत के मुवाअजे राशि के उलट विवेकहीन उच्च न्यायालय मुम्बई कर्मचारी क्षतिपूर्ति आयुक्त उस्मानाबाद के आदेश के खिलाफ फैसला देकर मृतक के आश्रितों को मुवाअजा राशि प्राप्ति से वंचित कर देती है।

संपतराव की विधवा पत्नी अपने एक अदद जमीन का टुकड़ा बेचकर अपने पति के अकाल मौत के मुकदमे को देश के सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष ले जाकर इंसाफ की गुहार लगाती है।

सुप्रीम कोर्ट की द्विसदस्यीय पीठ के न्यायाधीश मनोज मिश्रा और न्यायाधीश केवी विश्वनाथन ने *कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम 1923* की धारा 3 का विस्तृत एवं सारगर्भित व्याख्या करते हुए सड़क दुघर्टना में मारे जाने वाले मजदूर के आश्रितों को मुवाअजा भुगतान करने का शानदार आदेश देकर शक्कर कारखाने के मालिक को अनुपालन करने का निर्देश दिया है।

*”* वह दिन कब आयेगा जब हाड़ – मांस गला देने वाले मजदूरों के आठ घंटे काम एवज़ में उन्हें जीने लायक वेतन मिलेगा ? वह दिन कब आयेगा जब मजदूरों के बेशकीमती ज़िन्दगी के 24 घंटे के एक – एक पल और एक – एक क्षण का पूरी संवेदनशीलता और इंसाफ के साथ उद्योगपति मजदूरों का हक़ अदा करेंगे ? वह दिन कब आयेगा जब मजदूरों के *सांस लेते परिजन को मानवीय ज़िन्दगी जीने* का अधिकार कल्याणकारी राज व्यवस्था का मुखौटा लगाए यह सरकार देगी। *”*

*सलाम – ए – सुबह …*
14 अगस्त 2025

Taza Khabar