नई दिल्ली03फरवरी25*महाकुंभ भगदड़ पर संसद में हंगामा, विपक्ष ने की मृतकों की सूची जारी करने की मांग।*
*नई दिल्ली*संसद के बजट सत्र में सोमवार (3 फरवरी) को प्रयागराज में हुए महाकुंभ भगदड़ पर भारी हंगामा हुआ। विपक्षी दलों ने भगदड़ में हुई 30 लोगों की मौत को लेकर सरकार से जवाब मांगा। लोकसभा में ‘कुंभ पर जवाब दो’ के नारे गूंजते रहे, जबकि विपक्षी सांसद वेल में आकर विरोध जताने लगे। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने खास तौर पर इस मुद्दे पर सरकार को घेरा और मृतकों की सूची जारी करने की मांग की। विपक्ष ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार मृतकों की वास्तविक संख्या छिपा रही है। इस मुद्दे पर विवाद बढ़ने के बाद कांग्रेस समेत दूसरी विपक्षी पार्टियां सदन से वॉकाउट कर गईं।
*लोकसभा अध्यक्ष ने की शांति बनाए रखने की अपील:*
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सदन में व्यवस्था बनाए रखने की अपील की, लेकिन विपक्षी सांसदों ने विरोध जारी रखा। इस पर ओम बिरला ने नाराज होते हुए कहा कि आप लोगों को जनता ने सवाल पूछने के लिए संसद भेजा है या मेज तोड़ने के लिए। अगर आपको मेज तोड़ने के लिए यहां भेजा गया है तो आप और भी जोर से मारें। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी सांसदों से शांति बनाए रखने और मुद्दे को सही तरीके से उठाने की अपील की। हालांकि, विपक्ष इस मुद्दे पर तुरंत बहस की मांग कर रहा था। कांग्रेस और सपा ने उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि वह महाकुंभ में भगदड़ की जिम्मेदारी लेने से बच रही है।
*अखिलेश यादव के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन:*
शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण के दौरान भी महाकुंभ भगदड़ का मुद्दा उठाया गया था, लेकिन सोमवार को यह विरोध और तेज हो गया। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने संसद में जोरदार विरोध किया और अपनी पार्टी के सांसदों के साथ वॉकआउट भी किया। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “सरकार बजट पेश कर रही है, लेकिन हजारों लोग अभी भी अपनों को खोज रहे हैं। कई लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन सरकार असली आंकड़े छिपा रही है। हिंदुओं की जान गई है, सरकार को जागना चाहिए।
*स्पीकर ने कहा- प्रश्नकाल में दूसरे मुद्दों की चर्चा नहीं:*
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा, “राष्ट्रपति जी ने अपनी स्पीच में महाकुंभ का भी जिक्र किया है। अभी प्रश्नकाल है, इसलिए इस समय किसी अन्य विषय पर चर्चा नहीं हो सकती।” इसके बावजूद विपक्षी सांसद हंगामा करते रहे और सरकार से मौतों का सही आंकड़ा जारी करने की मांग करते हुए नारेबाजी की।
*राज्यसभा में भी महाकुंभ भगदड़ पर हंगामा:*
लोकसभा के अलावा राज्यसभा में भी विपक्ष ने महाकुंभ भगदड़ को लेकर सरकार को घेरा। कांग्रेस, टीएमसी, सपा और सीपीआई के सांसदों ने कार्यवाही स्थगन के नोटिस देकर इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की। इसके बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा, “यह घटना प्रशासन के कुप्रबंधन के कारण हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार भगदड़ में हजारों लोग मारे गए, लेकिन सरकार सही आंकड़ा छुपा रही है।” कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने भी सरकार से मृतकों की सूची जारी करने की मांग की।
*विपक्ष का आरोप – सच्चाई छुपा रही सरकार:*
विपक्ष का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। कांग्रेस सांसदों ने कहा कि राज्य सरकार ने घंटों तक मौतों की पुष्टि नहीं की, जिससे जनता में भ्रम की स्थिति बनी रही। विपक्ष का आरोप है कि सरकार मृतकों और घायलों की सही संख्या नहीं बता रही है और पीड़ित परिवारों को कोई ठोस मदद नहीं मिल रही। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
*महाकुंभ भगदड़ का मुद्दा बना सियासी बहस:*
महाकुंभ में भगदड़ की घटना ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। विपक्ष ने इस मामले को संसद के अलावा सड़क तक ले जाने की चेतावनी दी है। वहीं, भाजपा सांसदों का कहना है कि सरकार घटना की जांच करवा रही है और पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा। लेकिन विपक्ष सरकार की इस सफाई से संतुष्ट नहीं है। यही वजह है कि विपक्षी दल सरकार इस पर स्पष्ट जवाब मांग रहे हैं।
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