November 15, 2025

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नई दिल्ली 12/11/25*भारत की विकास पर स्विट्जरलैंड के बैंक ने लगाई मुहर, इतिहास रचने से बस 3 साल दूर इंडिया*

नई दिल्ली 12/11/25*भारत की विकास पर स्विट्जरलैंड के बैंक ने लगाई मुहर, इतिहास रचने से बस 3 साल दूर इंडिया*

नई दिल्ली 12/11/25*भारत की विकास पर स्विट्जरलैंड के बैंक ने लगाई मुहर, इतिहास रचने से बस 3 साल दूर इंडिया*

*तमाम चुनौतियों के बावजूद 2038 तक भारत के दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने का अनुमान: ईवाई इंडिया*
* भारत 2038 तक 34.2 ट्रिलियन डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (पीपीपी) के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है.
* भारत टैरिफ दबाव और वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद ये कमाल करेगा.
* तमाम चुनौतियों से उबरते हुए भारत दुनिया की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना है.
* मजबूत आर्थिक बुनियाद के साथ देश तेजी से आगे बढ़ रहा है.
* टैरिफ दबाव और धीमे व्यापार जैसी वैश्विक अनिश्चितताओं के बाद भी इंडियन इकोनॉमी घरेलू डिमांड पर उसकी निर्भरता और आधुनिक तकनीकों में बढ़ती क्षमताओं से मजबूत बनी हुई है.
* आने वाले पांच साल में यानी 2030 तक भारत की इकोनॉमी 20.7 ट्रिलियन डॉलर (पीपीपी) तक पहुंच सकती है.
*अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान की तुलना में भारत की स्थिति अच्छी है, हालांकि चीन 2030 तक अनुमानित 42.2 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी (पीपीपी) के साथ इकोनॉमी की रेस में सबसे आगे रह सकता है. लेकिन दूसरी ओर उसकी बूढ़ी होती आबादी और लगातार बढ़ता कर्ज चुनौतियां पेश कर सकता है.*

*भारत की अर्थव्यवस्था अगले कुछ सालों में रिकॉर्ड रफ्तार से आगे बढ़ने वाली है.*

■ UBS ग्लोबल रिसर्च की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, देश की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2028-30 के दौरान औसतन 6.5 प्रतिशत सालाना रहने की उम्मीद है.
■ यह गति भारत को 2026 में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार और 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (अमेरिका और चीन के बाद) बना सकती है.
■ भारत इस समय नीति और निवेश के लिहाज से मजबूत पोजिशन में है, लेकिन आगे की रफ्तार बनाए रखने के लिए भूमि, पूंजी और अनुसंधान एवं विकास (R&D) जैसे स्ट्रक्चरल सुधारों पर और जोर देना होगा.
■ भारत की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ FY27 में 6.4% और FY28 में 6.5% पर स्थिर रहेगी.
■ घरेलू खपत और सरकार की सहायक नीतियों के चलते यह वृद्धि बरकरार रहेगी. बढ़ती वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद, भारत की मैक्रो-इकोनॉमिक स्थिरता नियंत्रण में रहने की उम्मीद है.
■ UBS का यह प्रोजेक्शन भारत की आर्थिक यात्रा में एक बड़ा मील का पत्थर हो सकता है. मजबूत डिमांड, स्थिर नीतियों और एआई जैसे नए सेक्टर्स में उछाल से भारत न सिर्फ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है, बल्कि एशिया की सबसे गतिशील ग्रोथ स्टोरी के रूप में भी उभर सकता है.

*रिपोर्ट साफ करती है कि अगर भारत नीति सुधारों की गति बनाए रखता है और निवेश माहौल स्थिर रखता है, तो आने वाले तीन वर्षों में इसका आर्थिक विस्तार नई ऊंचाइयों को छू सकता है.*

Taza Khabar