November 18, 2025

UPAAJTAK

TEZ KHABAR, AAP KI KHABAR

धार23जून24*भोजशाला में जटाधारी भोलेनाथ और भगवान वासुकी की 7 फन वाली मूर्तियां मिलीं*

धार23जून24*भोजशाला में जटाधारी भोलेनाथ और भगवान वासुकी की 7 फन वाली मूर्तियां मिलीं*

धार23जून24*भोजशाला में जटाधारी भोलेनाथ और भगवान वासुकी की 7 फन वाली मूर्तियां मिलीं*

धार। ऐतिहासिक भोजशाला में शनिवार को 93वें दिन का सर्वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने उत्तरी भाग में किया। यहां खुदाई में काले पाषाण की भगवान वासुकी के 7 फनों वाली मूर्ति मिली। इसका निचला भाग खंडित है। इसी स्थान से भगवान भोलेनाथ की भी काले पाषाण की मूर्ति मिली है। यह जटाधारी भोलेनाथ का स्वरूप है।

*27 जून तक जारी रहेगा सर्वे*
दो मूर्तियां और एक कलश के साथ छह अन्य अवशेष मिले हैं। सर्व कार्य 27 जून तक जारी रहेगा।14 सप्ताह के सर्वे के 98 दिनों में से 93 दिन गुजर चुके हैं। पांच दिन और सर्वे होगा। इसके बाद में उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में एएसआई द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय सीमा चार जुलाई है। इसी दिन सुनवाई भी होनी है।

भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक गोपाल शर्मा और याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने बताया कि उत्तरी भाग में 7वें दिन लगातार खुदाई कार्य किया गया। इसमें पहले तो करीब 10 फीट ऊंचाई पर मिट्टी का जमाव हटाया गया था। अब जमीन की सतह से 5 फीट गहराई तक खुदाई हो चुकी है। इस तरह से 15 फीट मिट्टी हटाने के बाद कई अवशेष मिल रहे हैं। शनिवार को 9 अवशेष मिले हैं, जिसमें वासुकी नाग की खंडित मूर्ति भी है।

काले पाषाण की करीब 2 फीट की मूर्ति में सातों सर्प के फन दिख रहे हैं। नीचे का भाग खंडित है। भगवान भोलेनाथ की गोल आकार वाली काले पाषाण की करीब डेढ़ से 2 फीट की मूर्ति मिली है। यह जटाधारी है और बैठक स्वरूप में है, वहीं एक कलश मिला है, जो सामान्य से बड़े आकार का है। अलग-अलग पत्थरों के अवशेष भी मिले हैं। इसमें भी विभिन्न आकृतियां हैं। इन्हें सुरक्षित कर लिया गया है।

*अब तक 33 मूर्तियां मिल चुकी*
भोजशाला सर्वे में अब तक 33 मूर्तियां मिल चुकी हैं। इनमें महिषासुर से लेकर भगवान गणेश की दो मूर्तियां, भैरवनाथ सहित मयूर पंख वाले कृष्ण, हनुमानजी, ब्रह्माजी की परिवार सहित मूर्तियां खास हैं। अब तक हुई खुदाई में 1800 अवशेष मिले हैं। इनमें से 550 टुकड़े बड़े आकार के हैं जबकि शेष छोटे हैं।

*संग्रहालय की तर्ज पर रखेंगे अवशेष*
शर्मा व गोयल ने बताया कि शेष 5 दिनों में भी उत्तरी भाग में ही खुदाई होने का अनुमान है। यहां पर अधिक गहराई तक खुदाई होगी। इधर, भोजशाला से जो अवशेष मिले हैं, उनको स्थानीय स्तर पर ही रखे जाने की संभावना है।

बरसों पहले यहां से निकले अवशेष जिन्हें उत्तरी भाग में रखा गया था, उनको अब भोजशाला के सुंदरीकरण के तहत कंक्रीट की दीवार के पास पुरा संग्रहालय की तर्ज पर ही रखने का कार्य शुरू हो गया है। हालांकि यह अभी शुरुआती दौर में है। आने वाले समय में जितने भी महत्वपूर्ण अवशेष भोजशाला से निकले हैं उन्हें लोग यहां पर देख सकेंगे।