दिल्ली30जनवरी25*हंगामे के बाद बांग्लादेश में फिर हो रहा इज्तिमा,
भारत के मौलाना साद भी लेंगे हिस्सा बांग्लादेश में फैली अशांति के बीच मुसलमानों के सबसे बड़े इज्तेमों (इस्लामिक सम्मेलन) में से एक बिस्वा इज्तेमा का पहला चरण कल शुक्रवार को तुराग नदी के तट पर शुरू होने जा रहा है. इस इज्तेमे में भारत के जाने-माने मौलाना साद कांधलवी भी शिरकत करेंगे.पिछले साल दिसंबर में इज्तेमे ग्राउंड के कंट्रोल को लेकर भारतीय मौलाना साद और बांग्लादेश के मौलाना जुबैर अहमद के अनुयायी में झड़प हो गई थी. दोनों गुटों की इस लड़ाई में कम से कम चार लोगों की हुई थी और पचास घायल हो गए थे.
अब दोनों गुटों में सहमती के बाद इस इज्तेमे को दो चरण में बांटा गया है. पहला चरण जो 31 जनवरी से 5 फरवरी तक चलेगा, उसमें मौलाना जुबैर अहमद के अनुयायी हिस्सा लेंगे. वहीं दूसरा चरण 14 से 16 फरवरी तक होगा जिसमें भारतीय मौलाना साद के अनुयायी हिस्सा लेंगे.
पहली बार होंगी दो मुनाजात (समापन प्रार्थना)
ऐसा पहली बार हो रहा है कि बिस्वा इज्तेमे में दो मुनाजात की जाएंगी. दरअसल बांग्लादेश में मौलाना साद जो तब्लीगी जमात के अमीर हैं और मौलाना जुबैर अहमद जिनकी जमात को तब्लीगी जमात बांग्लादेश (जुबैर गुट) के नाम से जाना जाता है, दोनों के बड़ी तादाद में अनुयायी और समर्थक. दिसंबर में दोनों के बीच इज्तेमे के ग्राउंड को लेकर झड़प हो गई थी, जिसके बाद दो चरण के जरिए हल निकाला गया.
इज्तेमे की कानून व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. पुलिस महानिरीक्षक बहारुल आलम ने कल कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 58वां बिस्वा इज्तेमा शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित होगा, उन्होंने आश्वासन दिया कि वह किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.
भारत के रिश्तो को बेहतर कर सकती मौलाना साद की यात्रा
भारतीय मौलाना साद का पूरे बांग्लादेश में अच्छा खासा प्रभाव है. उनके बांग्लादेश जाने पर उनकी मुलाकात यूनुस सरकार के बड़े अधिकारियों और नेताओं से भी हो सकती है. कयास लगाए जा रहे हैं कि वह भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में आई दूरी को अपनी इस यात्रा से कम कर सकते हैं.
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