झाँसी02सितम्बर*ग्राम कुरैचा स्थित सपरार बांध इस वर्ष भी छमता से कम भरा।
झांसी 02 सितंबर *। सपरार नदी पर तीन अलग अलग ग्रामों के पास लघु सिंचाई विभाग द्वारा तीन चैकडैम बना देने से कमला सागर बांध में इस वर्ष भी छमता से कम अभी तक बरसाती पानी आ सका है। जबकि बांध से करीब 13000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल के एरिया के किसानों के खेतों की सिंचाई रानीपुर नगर प्रणाली से निकली 14 छोटी छोटी नहरों के माध्यम से होती चली जा रही है। यह बांध जब पूर्ण छमता से भर जाता है तो इससे 13, 459 हेक्टेयर खेतों के जमीन की सिंचाई हो जाती है। झांसी जिले के मऊरानीपुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने ग्राम कुरैचा स्थित सपरार बांध इस वर्ष मानसून आखरी पड़ाव में पहुंच जाने पर भी बांध में महज 44 फीसदी ही पानी भर पाया है। जबकि इसे भरने वाली सपरार नदी की जलधारा को तीन चैक डैमों ने रोक दिया है। जिससे संबंधित सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने टीम सहित नदी के बहाव में आ रही स्थाई बाधा का निरीक्षण किया जिसमें एक खेत में भारी मात्रा में पानी का भंडारन भरा मिला। जिससे खेत का पानी सपरार बांध में उतारने के दिशा अधीनस्थ अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए है। पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश का पानी समेटकर बहने वाली सपरार नदी पर झांसी जिला के सबसे अधिक क्षेत्रफल में फैला कमला सागर बांध सपरार डैम के नाम से जाना जाना है। जिससे मऊरानीपुर शहर की प्यास बुझाने के साथ साथ किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए छोटी बड़ी नहरों के माध्यम से पानी भेजा जाता है। परन्तु कुछ वर्षो से मऊरानीपुर तहसील क्षेत्र में मानसूनी वर्षा बहुत कम होने से बांध पूरी क्षमता से भर नही पा रहा है। जिससे इस वर्ष भी दो सितंबर तक हुई मानसूनी वर्षा के चलते अभी भी बांध में छप्पन फीसदी पानी कम भर पाया है जबकि मानसून वापसी ओर है। दो सितंबर तक सपरार बांध 44 प्रतिशत ही इस वर्ष में भर सका है। सपरार बांध में इस समय 730 फीट वारिस का पानी भर गया है जबकि इसमें 737 लेबल भरने की क्षमता है। अधिशाषी अभियंता प्रखंड एवं सहायक अभियंता सिंचाई विभाग का कहना है कि सपरार नदी के बहाव में आ रही रुकावटों का मौके पर जाकर अवलोकन किया गया। जिसमें नदी के पानी को रोकने में सबसे अधिक समस्या लघु सिंचाई विभाग ने ग्राम नबादा के पास एक तथा ग्राम बोंडा के पास दो चैकडैम बना देने से हो गई है जिस कारण से सपरार बांध में ठीक तरह से बरसाती पानी नही पहुंच पा रहा है। वही अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान एक किसान के खेत में भारी मात्रा में बरसाती पानी एकत्र हुआ मिला। जिससे अधिशासी अभियंता ए के भारती व सहायक अभियंता सौरभ श्रीवास्तव ने बताया की गड़गऊ नाले से खेत तक नाली खोदकर खेत में रुके हुए पानी को नाली के रास्ते सपरार बांध में पहुंचाने के लिए अधीनस्थ अधिकारियों को दिशा निर्देश दे दिए गए है। वही पंचम खंड सिंचाई विभाग के अंतर्गत आने वाले ग्राम बड़ागांव के पास सिजार बांध करीब डेढ़ दशक पूर्व चौधरी चरन सिंह परियोजना अंतर्गत निर्मित किया गया था। लेकिन उसमें पानी के भंडारण की क्षमता बहुत कम होने से सिर्फ एक ही माईनर करीब 15 किलोमीटर दूर तक जाकर आस पास के खेतों की सिंचाई के लिए पानी कम वेग में उपलब्ध हो पाता है। जबकि सिजार नदी की जलधारा को रोककर बनाए गए बांध से कभी भी हरपुरा, खिलारा, बसरिया, धायपुरा आदि ग्रामों के पास से निकली सिजार नही के नीचे बसे ग्रामों के किसानों के लिए पानी कभी भी नहीं छोड़े जाने से क्षेत्र के ग्रामों के खेत प्यासे रह जाते है। जिससे उपरोक्त क्षेत्र के किसानों ने इस वर्ष सिंचाई विभाग से सिजार नदी नही के रास्ते भी पानी छोड़े जाने की मांग संबंधित विभाग के उच्च अधिकारियों से की है।
संवाददाता सुरेन्द्र द्विवेदी यूपी आजतक झांसी।
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