जयपुर08अप्रैल25*यूपीआजतक न्यूज चैनल पर अबतक की राजस्थान की महत्वपूर्ण खबरें
[08/04, 5:06 pm] +91 91198 57604: *_जयपुर बम कांड के दौरान जिंदा मिले बम के अभियुक्तों को आजीवन कारावास, कोर्ट ने की ये टिप्पणी_*
जयपुर : जयपुर बम कांड मामलों की विशेष अदालत ने 13 मई, 2008 को शहर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद चांदपोल हनुमान मंदिर के पास जिंदा मिले बम के मामले में चार अभियुक्तों शाहबाज हुसैन, मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान और सरवर आजमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सजा के साथ ही अदालत ने अभियुक्तों पर जुर्माना भी लगाया है. पीठासीन अधिकारी रमेश कुमार जोशी ने चारों अभियुक्तों को सजा सुनाते हुए कहा कि अभियुक्तों ने शहर को दहलाने के लिए बम प्लांट किया. ऐसे में उनके प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता है.
फैसला सुनाते हुए जस्टिस जोशी ने कहा कि सबसे बड़ा न्यायालय हमारा मन होता है. क्या सही है और क्या गलत, यह हमारा मन जानता है. अगर सजा हुई है तो गुनाह भी हुआ होगा. अदालत ने गत 4 अप्रैल को दोनों पक्षों की बहस सुनकर अभियुक्तों को विभिन्न धाराओं में दोषी मान लिया था. सजा सुनाने के बाद चारों आरोपी कोर्ट रूम से हंसते, मुस्कुराते हुए बाहर निकले. उनके चेहरे पर न तो किसी तरह की कोई शिकन रही और न ही अपराध को लेकर कोई अफसोस.
इन धाराओं में माना दोषी : अदालत ने चारों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121ए, 307 और 153ए के साथ ही विस्फोटक अधिनियम की धारा 4, 5 और 6 सहित यूएपीए एक्ट की धारा 13 और 18 में दोषी माना है. इन धाराओं में अधिनियम आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है.
यह रखी दलीलें : मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक सागर तिवाड़ी ने बताया कि मामले में 112 गवाहों के बयान दर्ज कराते हुए करीब 1200 दस्तावेजों को पेश किया गया है. वहीं, अन्य गवाहों के साथ पूर्व एडीजी एके जैन, मीडियाकर्मी प्रशांत टंडन और साइकिल कसने वाले दिनेश महावर को गवाह बनाया है. बचाव पक्ष के अधिवक्ता मिनहाजुल हक ने कहा कि घटना के तथ्य मूल घटना के समान हैं और उस मामले में हाईकोर्ट उन्हें बरी कर चुका है, इसलिए उन्हें इस मामले में भी बरी किया जाए.
मूल केस में बरी हो चुके हैं आरोपी : बम कांड के बाद पुलिस ने चारों आरोपियों के साथ ही एक अन्य को गिरफ्तार किया था. विशेष अदालत ने 18 दिसंबर, 2019 को शाहबाज हुसैन को बरी करते हुए शेष चारों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी. वहीं, हाईकोर्ट ने मार्च, 2023 में चारों आरोपियों की फांसी को सजा को रद्द करते हुए उन्हें दोषमुक्त कर दिया था और एक आरोपी को नाबालिग माना था. विशेष न्यायालय के फैसले के करीब आठ माह बाद अभियोजन पक्ष ने चांदपोल हनुमान मंदिर के पास मिले जिंदा बम को लेकर आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था. आरोप पत्र में मूल मामले के तथ्यों को दोहराते हुए समान धाराएं रखी गई थी.
इन्हें बनाया गया आरोपी : जयपुर में 13 मई 2008 को हुए बम ब्लास्ट के बाद सबसे पहले 8 सितंबर 2008 को शाहबाज हुसैन उर्फ शानू निवासी मौलवीगंज, उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद 23 दिसंबर 2008 को मोहम्मद सैफ, निवासी सरायमीर, आजमगढ़ उत्तर प्रदेश को और 29 जनवरी 2009 को मोहम्मद सरवर आजमी, निवासी चांदपट्टी, आजमगढ़, उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार किया गया. 23 अप्रैल 2009 को सैफुर्रहमान, निवासी आजमगढ़, उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार किया गया. वहीं, नाबालिग, निवासी निजामाबाद, उत्तर प्रदेश को 3 दिसंबर 2010 को पकड़ा गया था. मूल केस के बाद सभी अभियुक्तों को जिंदा बम मामले में 25 दिसंबर, 2019 को गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा साजिद बडा, शादाब, खालिद, इकबाल भटकल और रियाज भटकल फरार चल रहे हैं.
16 मिनट के अंतराल में इन जगहों पर हुए बम धमाके
13 मई 2008 की शाम करीब 7.20 बजे पहला बम ब्लास्ट खंदा माणक चौक, हवा महल के सामने हुआ. इसमें 1 महिला की मौत हुई, जबकि 18 लोग घायल हुए.
दूसरा बम धमाका बड़ी चौपड़ के पास मनिहारों के खंदे में ताला चाबी वालों की दुकानों के पास शाम करीब 7.25 बजे हुआ. इसमें 6 लोगों की मौत हुई. साथ ही 27 लोग घायल हुए.
तीसरा बम ब्लास्ट शाम करीब 7.30 बजे छोटी चौपड़ पर कोतवाली थाने के बाहर पार्किंग में हुआ. इनमें 2 पुलिसकर्मियों सहित 7 लोगों की मौत हुई, जबकि 17 लोग घायल हुए थे.
चौथा बम धमाका भी इसी समय दुकान नंबर 346 के सामने, त्रिपोलिया बाजार के पास हुआ. इसमें 5 लोगों की मौत और 4 लोग घायल हुए.
पांचवां बम धमाका चांदपोल बाजार स्थित हनुमान मंदिर के बाहर पार्किंग स्टैंड पर शाम 7.30 बजे हुआ. इनमें सबसे ज्यादा 25 लोगों की मौत हुई, जबकि 49 लोग घायल हुए.
छठा बम ब्लास्ट जौहरी बाजार में पीतलियों के रास्ते की कार्नर पर नेशनल हैंडलूम के सामने शाम करीब 7.30 बजे हुआ, जिसमें 8 लोगों की मौत और 19 लोग घायल हुए.
सातवां बम धमाका शाम 7.35 बजे छोटी चौपड़ पर फूलों के खंदे में हुआ, जिसमें 2 लोगों की मौत और 15 लोग घायल हुए.
आठवां बम धमाका जौहरी बाजार में सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के बाहर शाम 7.36 बजे हुआ, इसमें 17 लोगों की मौत हुई जबकि 36 लोग घायल हुए.
नौवें ब्लास्ट की कोशिश दुकान नंबर 17 के सामने चांदपोल बाजार में एक गेस्ट हाउस के बाहर करने की थी. बम में रात 9 बजे का टाइम सेट था, लेकिन 15 मिनट पहले बम स्कॉड टीम ने इसे डिफ्यूज कर दिया.
[08/04, 5:06 pm] +91 91198 57604: *_ज्ञानदेव आहूजा पर कार्रवाई, जूली को लेकर की गई टिप्पणी पर पार्टी ने किया निलंबित_*
जयपुर : नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को लेकर दिए गए बयान के बाद अब भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा पर गाज गिर गई है. बीजेपी ने आहूजा के विवादित बयान को गंभीरता से लेते हुए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही आहूजा को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा गया है. मंगलवार को भाजपा प्रदेश महामंत्री और पूर्व सांसद दामोदर अग्रवाल ने ज्ञानदेव आहूजा के निलंबन के आदेश जारी किए. वहीं, विवाद के बाद भीम सेना ने आहूजा के घर के बाहर लगी नेम प्लेट पर कालिख पोत दी है.
पार्टी इस तरह के बयान बर्दाश्त नहीं करती : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि जिस तरह का बयान ज्ञानदेव आहूजा ने दिया है, उस बयान से पार्टी बिल्कुल भी इत्तेफाक नहीं रखती है. इस तरह के बयानों का समर्थन पार्टी नहीं करती है. जैसे ही मामला संज्ञान में आया तत्काल प्रभाव से आहूजा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही उनसे तीन दिन में इस पूरे मामले पर जवाब मांगा है. राठौड़ ने कहा कि ज्ञान देव आहूजा से फोन पर बात हुई थी, जिसमें वह अपने इस बयान को लेकर सफाई दे रहे हैं. उनके अपने तर्क हैं, लेकिन जो बयान सामने आया है वह किसी भी मायने में सही नहीं कहा जा सकता. ऐसे में तत्काल प्रभाव से इसपर कठोर एक्शन लिया है. पार्टी किसी भी तरह से इस तरह के बयानों को लेकर या इस तरह के विचारों का समर्थन नहीं करती है.
ये लिखा नोटिस में : भाजपा प्रदेश महामंत्री और पूर्व सांसद दामोदर अग्रवाल ने ज्ञानदेव आहूजा को नोटिस जारी करते हुए कहा कि आप भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर निर्वाचित विधायक भी रह चुके हैं. आपने भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण करते समय यह प्रतिज्ञा की थी कि ‘मैं किसी भी रूप में अस्पृश्यता को नहीं मानता हूं, न उसे व्यवहार में आने देता हूं, मैं जाति, लिंग एवं मजहब के आधार पर किसी प्रकार के विभेद पर विश्वास नहीं करता हूं’. आपकी इस प्रतिज्ञा के आधार पर आपकी प्राथमिक सदस्यता स्वीकार की गई थी.
रामगढ़ जिला अलवर स्थित श्रीराम मंदिर में राजस्थान विधानसभा नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की ओर से पूजा अर्जना और दर्शन करने का विरोध करते हुए आपने कहा कि उनके मंदिर दर्शनोपरांत गंगाजल से मंदिर में छिड़काव किया जाएगा. इसके बाद समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई कि आपने उक्त श्रीराम मंदिर में जाकर गंगाजल से छिड़काव किया है. आपके इस प्रकार के कथन और कृत्य से पार्टी की छवि धूमिल हुई है. ऐसे में आपका उक्त कृत्य घोर अनुशासनहीनता की परिभाषा में आता है.
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के निर्देशानुसार आपको तुरंत प्रभाव से भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलम्बित किया जाता है. यह नोटिस भेज कर सूचित किया जाता है कि आपके विरुद्ध लगाए गए आरोप के संबंध में कोई स्पष्टीकरण देना हो तो तीन दिवस में लिखित में प्रदेशाध्यक्ष भाजपा राजस्थान को प्रस्तुत कर दें, अन्यथा यह समझा जाएगा कि आपको उक्त आरोप पर कुछ नहीं कहना है. इसके बाद आपके खिलाफ अग्रिम अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
आहूजा के घर के बाहर लगी नेम प्लेट पर कालिख पोती : भीम सेना के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रवि कुमार मेघवाल ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष टीकराम जूली और दलित समाज को नीचा दिखाने और राजनीतिक से जुड़े इस बयान से न केवल प्रदेश बल्कि देशभर के दलित समाज में आक्रोश है. उनके निजी आवास पर कालिख पोता है, यह हमारा छोटा सा विरोध था. जब तक ज्ञान देव आहूजा माफी नहीं मांग लेते, तक तक उन्हें इसी तरह के विरोध का सामना करना पड़ेगा. आहूजा संपूर्ण अनुसूचित जाति वर्ग और टीकाराम जूली से तब तक माफी नही मांग लेते, हम चुप्पी साधने वाले नहीं हैं. जहां भी वो नजर आएंगे उनका रास्ता रोका जाएगा, उनका मुंह काला किया जाएगा, उन्हें जूतों की माला पहनाई जाएगी.
ये था विवाद : बता दें कि रामनवमी के दिन अलवर की एक आवासीय सोसायटी में बने राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन हुआ था. इसमें नेता प्रतिपक्ष जूली भी शामिल हुए थे. अगले दिन यानी सोमवार को ज्ञानदेव आहूजा ने कहा ‘प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम बहुत बड़ा हुआ, लेकिन उसमें थोड़ी विसंगति रह गई. उन लोगों को भी बुलाया गया, जिन लोगों ने भगवान श्रीराम के अस्तित्व को चुनौती दी. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भगवान श्रीराम को काल्पनिक बताते हुए न्यायालय में हलफनामा दाखिल करवाया था. मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अयोध्या में ऐतिहासिक राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार किया था, इसलिए पार्टी नेताओं को ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. यह भगवान श्रीराम का मंदिर है.’ इसके बाद ज्ञानदेव आहूजा ने मंदिर में गंगाजल छिड़ककर पवित्र करते हुए पूजन करने की बात कही. आहूजा के इस बयान पर विवाद शुरू हो गया.
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