जम्मू कश्मीर21जून25*योगेन्द्र यादव माफ़िविर सावरकर को अंडमान में कोई सश्रम कारावास नही था,
बल्कि उसे नारियल से तेल निकालने के डिपार्टमेंट में क्लर्क के तौर पर नियुक्ति थी,
★ जब वह जेल गया उस समय उसका वजन 124 पाउंड था और जब बाहर आया तो 144 पाउंड था, आख़िर जेल में रहकर यह संघी गद्दार तंदुरुस्त कैसे हुवा…?
जेल में बाकी कैदियों को एक टाइम भी भरपेट भोजन नही मिलता था लेकिन इस गद्दार को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की मुखबिरी करने के ईनाम में पकवान खाने को मिलता था तभी तो इसका शारिरिक वजन दिन प्रतिदिन बढ़ता गया…!
★ आख़िर अंग्रेजी हुकूमत इस मुखबिर को 60₹ महीने पेंशन क्यों देती थी, उस समय 60₹ में 3 तोला से ज़्यादा सोना ‘Gold’ खरीदा जा सकता था…!
उस समय के तहसीलदार को भी इतनी पगार नही थी लेकिन इस “समलैंगिक” को थी तो क्यों थी…? इस संघी ने अंग्रेजो की ब्रिटिश सेना में द्वितीय विश्वयुद्ध में हिन्दुओ को शामिल होने का आहवान क्यों किया जबकि यह अंग्रेजो से लड़ने को आगे क्यों नही आया…?
More Stories
मिर्जापुर: 7अगस्त 25 *पांच दिनों से दिन रात एक कर लगातार लगे हैं उप जिलाधिकारी सदर गुलाब चन्द्र*
मिर्जापुर:7 अगस्त 25 *जनसमस्याओं को लेकर सौंपा पत्रक*
कानपुर नगर7अगस्त25*पुलिस कर्मियों को राखी बांधकर उनका सम्मान किया गया।