November 24, 2024

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जबलपुर12नवम्बर24*दुनिया पर तीसरे विश्व युद्ध का खतरा, सनातन धर्म से ही विश्व कल्याण: मोहन भागवत*

जबलपुर12नवम्बर24*दुनिया पर तीसरे विश्व युद्ध का खतरा, सनातन धर्म से ही विश्व कल्याण: मोहन भागवत*

जबलपुर12नवम्बर24*दुनिया पर तीसरे विश्व युद्ध का खतरा, सनातन धर्म से ही विश्व कल्याण: मोहन भागवत*

जबलपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि सभी चाहते हैं कि भारत विश्वगुरु बने लेकिन कुछ लोग अपने स्वार्थ के कारण इसकी राह में बाधाएं खड़ी कर रहे हैं भागवत ने कहा कि यदि वे भारत के मार्गदर्शक बनने की बात करें तो विवाद नहीं होगा, लेकिन यदि हिंदुत्व के मार्गदर्शक बनने की बात हो, तब विवाद आरंभ हो जाता है।

उन्होंने कहा कि आधुनिक वैज्ञानिक युग में भी धार्मिक और आध्यात्मिक ग्रंथों का सिर्फ व्यावसायिक उपयोग हो रहा है, जिससे समाज में संघर्ष और विभाजन की स्थिति बनी हुई है भागवत ने विश्व के आस्तिक और नास्तिक विचारधाराओं में बंट जाने की ओर इशारा किया और कहा कि इस विभाजन के कारण ही विश्व आत्मिक शांति के लिए भारत की ओर देख रहा है।

आरएसएस प्रमुख 11 नवंबर 2024 को जबलपुर में योगमणी ट्रस्ट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में “विश्व कल्याण हेतु हिंदुत्व की आवश्यकता” विषय पर बोल रहे थे भागवत ने हिंदुत्व को विश्व कल्याण के लिए आवश्यक बताया उन्होंने कहा कि आज का विश्व ज्ञान और साधनों से संपन्न है लेकिन उचित मार्गदर्शन के बिना है विश्व की नजरें भारत पर टिकी हैं। भारत के पास भौतिक सुख-संपदा के साथ आत्मिक शांति देने की शक्ति है। भागवत ने कहा कि पश्चिमी सभ्यता में हुआ विकास अधूरा रहा है। धर्म तथा राजनीति जैसे क्षेत्रों को व्यापार में बदल दिया गया है। इसकी वजह से ही विश्व युद्धों जैसे संहारक संघर्ष हुए।

*प्राचीन संस्कृति ही विश्व के कल्याण में सहायक हो सकती है*
भागवत ने सनातन धर्म को मानव धर्म का पर्याय बताया और कहा कि सनातन धर्म ही हिंदू धर्म है जो विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हिंदुत्व के मूल में भारत की प्राचीन संस्कृति निहित है जो संपूर्ण विश्व के कल्याण में सहायक हो सकती है।

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