चित्रकूट18जून2023*आषाढ़ मास की अमावस्या में लाखों श्रद्धालुओं ने कामदगिरि पर्वत के लगाए परिक्रमा।
चित्रकूट से संवाददाता संजय मिश्रा की रिपोर्ट यूपीआजतक।
चित्रकूट , भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में आषाढ़ मास की अमावस्या पर चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी मैं बिना जूते चप्पल के देश के विभिन्न राज्यों से लाखों श्रद्धालुओं ने मां मंदाकिनी नदी में स्नान कर कामदगिरि पर्वत का परिक्रमा कर राम मोहल्ला, भरत मिलाप, लक्ष्मण पहाड़िया, सीता कुंड सहित तमाम दार्शनिक स्थानों के दर्शन कर भगवान श्रीराम और माता जानकी व भैया लक्ष्मण के वनवास काल के समय पर चित्रकूट नगरी में बिताए गए 12 वर्ष के समय का अवलोकन किया। भगवान श्री राम को जब 14 वर्ष का वनवास हुआ था उस बनवास की अवधि में भगवान श्री राम माता जानकी एवं भैया लक्ष्मण 12 वर्ष का समय मां मंदाकिनी नदी के समीप कामदगिरि पर्वत पर रहकर ही व्यतीत किया था इसी पर्वत को आज कामतानाथ के नाम से जाना जाता है और इस पर्वत का परिक्रमा मार्ग लगभग 8 किलोमीटर है जिसे समस्त श्रद्धालु पैदल चल कर तय करते हैं। भगवान श्री राम की तपोस्थली पर राष्ट्रपति से लेकर विधायक तक जो भी जनप्रतिनिधि का आयोजन चित्रकूट धाम में होता है । उस जनप्रतिनिधि को भगवान श्री राम की तपोस्थली कामतानाथ के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है।
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