September 28, 2025

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गोरखपुर18सितम्बर25*लोक निर्माण विभाग (PWD) में हो रहे भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ शिवसेना (शिंदे गुट) ने उठाया आवाज़।*

गोरखपुर18सितम्बर25*लोक निर्माण विभाग (PWD) में हो रहे भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ शिवसेना (शिंदे गुट) ने उठाया आवाज़।*

गोरखपुर18सितम्बर25*लोक निर्माण विभाग (PWD) में हो रहे भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ शिवसेना (शिंदे गुट) ने उठाया आवाज़।*

गोरखपुर*दिनांक 16सितम्बर 2025 हमीरपुर से योगेंद्र द्विवेदी की रिपोर्ट upaatak शिवसेना के प्रदेश महासचिव श्री मनोज उर्फ लल्लन दूबे, निवासी रूस्तमपुर, गोरखपुर के साथ एक गंभीर आपराधिक घटना घटी। लोक निर्माण विभाग, खंड–3 गोरखपुर के अभियंता डी. के. सिंह व रंजन कुमार सहित अन्य लोगों द्वारा उन्हें अनियमितताओं के विरुद्ध आवाज उठाने और आर टी आई के माध्यम से भ्रष्टाचार उजागर करने पर न केवल धमकाया गया बल्कि 10–15 अज्ञात लोगों के साथ मिलकर उनके साथ मारपीट, गाली-गलौज, जान से मारने की कोशिश एवं मोबाइल छीनने जैसी घटनाएं की गईं।

यह भी उल्लेखनीय है कि घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों में पूरी घटना दर्ज है। शिकायतकर्ता श्री मनोज उर्फ लल्लन दूबे ने तत्काल 112 नंबर पर सूचना दी तथा चौकी इन्चार्ज विश्वविद्यालय, गोरखपुर को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने हेतु तहरीर भी सौंपी, किन्तु अब तक एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई है।

महोदय, यह प्रकरण न केवल एक व्यक्ति पर हमला है बल्कि समाज में भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाने वाले प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। यदि इस प्रकार के जनप्रतिनिधि और समाजसेवी सुरक्षित नहीं रहेंगे तो आम जनता का मनोबल टूटेगा। शिवसेना उत्तर प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति की पक्षधर है और आपकी निष्पक्षता में पूर्ण विश्वास रखती है ऐसी स्थिति में हमारे पदाधिकारी के विरुद्ध यह आपराधिक कार्यवाही सर्वथा निंदनीय है।

अतः शिवसेना उत्तरप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष श्री अभय द्विवेदी और प्रदेश उपाध्यक्ष श्री स्नेहल करमरकर सहित सभी पदाधिकारियों की मा. मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी से मांग है कि—

१. इस प्रकरण की उच्च स्तरीय व निष्पक्ष जाँच कराई जाए।
२. नामजद अभियंताओं एवं शामिल सभी अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाए।
३. पीड़ित मनोज दूबे को सुरक्षा प्रदान की जाए।
४. लोक निर्माण विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की स्वतंत्र एजेंसी से जाँच कराई जाए।
५. ⁠पीड़ित मनोज दुबे पर लगी धराए BNS 312, 121(1), 132, 324(3), 109, 309(6), 333 को ख़ारिज कर जेल से रिहा किया जाए।

Taza Khabar