[22/12, 12:04 PM] Sarita Chandra Maurya Gonda: *सीएचसी कर्नलगंज में सरकारी दवाओं को जलाने के गंभीर मामले में जिला प्रशासन कुंभकर्णी नींद में,लीपापोती जारी*
*कर्नलगंज, गोंडा।* तहसील मुख्यालय स्थित सीएचसी कर्नलगंज में बीते दिनों जीवन रक्षक दवाओं,सीरप,इंजेक्शन जलाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है,वहीं दवाओं के जलाए जाने का वीडियो वायरल होने पर विभाग में हड़कंप मचा है। जबकि उक्त मामले के संज्ञान में आने के बाद भी अभी तक जिले स्तर के आलाअधिकारी मूकदर्शक बने हैं। वहीं कार्रवाई के भय से अपना दामन बचाने हेतु अस्पताल प्रशासन अनर्गल बयानबाजी करते हुए सफाई देकर मामले में लीपापोती करने में लगा है। इसी के साथ सीएचसी में कूड़े के ढेर में भारी मात्रा में यह दवाएं जलाए जाने का मामला सामने आने और अभी तक कोई कार्रवाई ना होने से सीएचसी प्रशासन और विभागीय अधिकारियों को गंभीर सवालिया कठघरे में खड़ा करते हुए अनेकों सवालों को जन्म दे रहा है जो काफी चर्चा में है।
विदित हो कि शासन की ओर से गरीबों के इलाज के लिए प्रति वर्ष लाखों रुपयों की दवाएं सरकारी अस्पतालों पर आती हैं। वहीं आए दिन सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों पर बाहर से दवा लिखने,जांच कराने और मरीजों के शोषण करने के आरोप लगते रहते हैं। इसी बीच बीते दिनों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्नलगंज में गरीबों को निःशुल्क दी जाने वाली भारी मात्रा में जीवन रक्षक दवाओं, इंजेक्शन, टेबलेट को कूड़े के ढेर के रूप में आग के हवाले कर जलाकर राख में तब्दील करने का दृश्य कैमरे में कैद हो जाने से उसका वीडियो गुरुवार की देर शाम को वायरल हुआ था,वीडियो वायरल होते ही स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। ऐसे में अनेकों गंभीर सवाल खड़े हुए कि सरकारी अस्पताल में यह जीवन रक्षक दवाएं,सीरप, इंजेक्शन क्यों जलाई गईं। क्या कमीशन के फेर में मरीजों को अस्पताल से देने के बजाए बाहर से दवाएं लिखी जाती हैं जो इतनी मात्रा में सरकारी दवाएं बच गईं या अन्य कारणों से सरकारी दवाऐं ठिकाने लगाई गईं। अगर यह दवाएं एक्सपायर थीं तो भी उन्हें परिसर के भीतर कैसे जला दिया गया। जबकि प्रोटोकॉल के मुताबिक कोई भी दवा खराब या एक्सपायर हो जाने के बाद दवा कंपनी को इस संबंध में सूचित किया जाता है। दवाएं जलाई नहीं जातीं बल्कि उन्हें आबादी से दूर जमीन में दबा देने का प्रावधान है। क्योंकि इन्हें जलने से खतरनाक रासायनिक तत्व लोगों की सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। उपरोक्त घटनाक्रम के संबंध में विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक गुरुवार 16 दिसंबर 2021 को सीएचसी संबंधित एक गंभीर शिकायत के क्रम में निरीक्षण होने की पूर्व सूचना स्थानीय अस्पताल प्रशासन को हो जाने से कहीं अस्पताल में व्याप्त अन्य अनेकों घोर अनियमितता और कारनामों पर पर्दा डालने हेतु किये गये हरसंभव प्रयासों में कुछ चूक हो जाने से यह कारनामा किसी जागरूक नागरिक या निष्पक्ष पत्रकार के नजर में आ जाने से कैमरे में कैद होकर वीडियो वायरल हो गया जिसमें स्पष्ट और स्वच्छ नजरों से भारी मात्रा में सरकारी दवायें जलते हुए दिखाई पड़ रही हैं जो अस्पताल प्रशासन के भ्रष्ट कारनामों को उजागर कर रहा है। हालांकि निरीक्षण करने आये सीएमओ श्री आर.एस केसरी एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक श्री घनश्याम का भी निरीक्षण महज खानापूर्ति तक सीमित रहा और शायद विभागीय लोगों पर कृपादृष्टि होने से उनकी नजर अस्पताल के काले कारनामों पर नहीं पड़ी। यही नहीं सीएचसी में अधीक्षक सुरेश चंद्र सहित कई चिकित्साधिकारियों द्वारा खुलेआम मरीजों का शोषण करते हुए कमीशन खोरी के चक्कर में प्रायः बाहर की लिखी जा रही दवाओं,जांच के साथ ही डिलीवरी/इलाज जांच के एवज में मरीजों से भारी मात्रा में अवैध धन उगाही कर दवाऐं, इंजेक्शन आदि बाहर से लाने को मजबूर करने के अलावा अस्पताल के कुछ डाक्टरों और स्टाफ नर्स द्वारा अस्पताल से जुड़े दलालों से सांठगांठ कर कस्बे में चुनिंदा स्थानों पर अवैध रूप से संचालित क्लीनिक नुमा कमरों में डिलीवरी और आपरेशन कराने के कारनामें भी आये दिन चर्चा में है जो किसी के शिकायत होने पर विभागीय पैठ होने अथवा अधिकारियों को चढ़ावा मिलने से निरीक्षण की पूर्व सूचना हो जाने के फलस्वरूप सब कुछ व्यवस्थित कर लिया जाता है जो निरीक्षण के समय अधिकारियों को नहीं दिखाई पड़ता और जांच अधिकारी भी सब कुछ समझते हुए जांच खानापूर्ति कर सीएचसी में जलपान करके वापस हो जाते हैं जिससे इस काकस पर अंकुश नहीं लग रहा है। जबकि लोगों के अनुसार यदि गहनता से उच्चाधिकारियों द्वारा अस्पताल में मौजूद सभी अनियमितताओं, भ्रष्टाचार और सम्पूर्ण प्रकरण की जांच करने के साथ ही समय समय पर औचक निरीक्षण किया जाय तो सरकारी अस्पताल में बड़े पैमाने पर व्याप्त विभिन्न कारनामों, मरीजों के शोषण,अवैध वसूली और अस्पताल में खराब एवं धूल फांक रहे चिकित्सा उपकरण तथा अस्पताल के सामने मंडी की तरह सजी दवा और जांच की दुकानें जो अस्पताल प्रशासन के कारनामों की खुद बखुद गवाही दे रही हैं,से अस्पताल में व्याप्त गंभीर अनियमितताओं, भ्रष्टाचारित कारनामों,अवैध उगाही,कमीशनखोरी आदि का खुलासा हो सकता है।वहीं अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार,मरीजों के शोषण और कमीशन खोरी के चक्कर में प्रायः बाहर की लिखी जा रही दवाओं,जांच के साथ ही डिलीवरी/इलाज के एवज में मरीजों से भारी मात्रा में अवैध धन उगाही,अस्पताल परिसर में सरकारी आवासों पर अधीक्षक सहित कई चिकित्सकों द्वारा प्राईवेट प्रेक्टिस कर मरीजों से अवैध वसूली आदि कारनामों को संज्ञान में होने के बावजूद जानबूझकर कर सीएमओ और जिला प्रशासन द्वारा नजरंदाज करने से उनकी कार्यप्रणाली को सवालिया घेरे में खड़ा करते हुए शासन-प्रशासन के दावों की पोल खुल रही है।
[22/12, 12:27 PM] Sarita Chandra Maurya Gonda: *ग्राम पंचायत देवतहा में शशि सिंह बनी नवनिर्वाचित ग्रामप्रधान*
गोंडा। जनपद के विकासखंड रुपईडीह अन्तर्गत ग्राम पंचायत देवतहा में पँचायत चुनाव की आज मतगणना सम्पन्न हुई। जिसमें शशि सिंह पत्नी अभिनव प्रताप सिंह ने अपने निकटतम प्रत्याशी अजीरुन निशा को काफी मतों से शिकस्त देकर प्रधान पद पर निर्वाचित हुईं। मिली जानकारी के मुताबिक़ ग्रामपंचायत देवतहा में प्रधान पद के लिये अंजली, कमला देवी,ज्ञानमती,अजिरुन निशा तथा शशि सिंह चुनाव लड़ रही थीं। चुनाव के बाद मंगलवार को हुई मतगणना में प्रत्याशी अजिरुन निशा को 515 और शशि सिंह को 727 वैध मत प्राप्त हुये। जिससे चुनाव अधिकारी द्वारा शशि सिंह को प्रधान पद के लिये निर्वाचित घोषित कर उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
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