गोड्डा झारखंड से शैलेन्द्र कुमार गुप्ता ( यूपी आजतक)
गोड्डा झारखंड03अक्टूबर23*वाहन चेकिंग सिर्फ आम जनता के लिए अवैध कारोबार और बालू माफिया के लिए यह कानून क्यों नहीं*
तस्वीर तो आपने बहुत देखा होगा लेकिन आज जो तस्वीर हम आपको दिखाएंगे यह अनोखी तस्वीर है अपने वाहन चेकिंग का नाम इसी का जीता जागता तस्वीर आज हम आपको दिखाएंगे यह तस्वीर कहीं दूर की नहीं है यह तस्वीर झारखंड के गोड्डा जिला महागामा थाना की बाहर की यह तस्वीर है वाहन चेकिंग का किस तरह से उड़ रही है धज्जियां और माफिया ले रहे हैं मजे चलिए हम आपको पूरी कहानी बताते हैं सुना ही होगा आपने आये दिन सड़क दुर्घटना के बारे में कई खबर पढ़े होंगे जिसको लेकर जिला प्रशासन के द्वारा समय-समय पर वाहन चेकिंग का निर्देश भी निकाला जाता है l गोड्डा जिला अंतर्गत सभी थानों में वाहन चेकिंग अभियान चलाई जाती है लेकिन गोड्डा जिला में एक ऐसा भी थाना है जहां वाहन चेकिंग के दौरान आमजनता और माफियाओं के लिए कानून अलग-अलग हो जाती हैं, पहले आप इन तस्वीरों को अच्छी तरह से देखिए, फिर हम आपको बताएंगे की खेल क्या है।……..
जी हां हम बात कर रहे हैं झारखंड के गोड्डा जिला स्थित महागामा थाना की जहां समय-समय पर प्रशासन के द्वारा वाहन चेकिंग की जाती है, लेकिन पता नहीं क्यों आम जनता और माफियाओं के लिए यहां नियम कानून अलग क्यू हो जाती है। चेकिंग के दौरान यहां उन्ही की गाड़ियां पकड़ी जाती है जो आम जानता हैं, जो रसूखदार नहीं है , गाड़ी उन्हीं की जब्त होती जो जिस आम जनता की ऊपर से नीचे तक कोई पहुँच नहीं होती। आप स्क्रीन पर चल रहे दो तस्वीर देख पा रहे होंगे। जिसमें एक तस्वीर में महागामा के थाना प्रभारी और पुलिस बल के द्वारा वाहन चेकिंग किया जा रहा है, इस तस्वीर को देखने के बाद यह सब कोई कहेगा की महागामा पुलिस बहुत ही ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभा रही है। लेकिन जैसे ही आपकी नजर दूसरी तस्वीर पर पड़ेगी तो शायद आप हैरत में पड़ जाएंगेl वहीं दूसरी तस्वीर में कुछ ऐसे लोग हैं जो झारखंड में एनजीटी लगने के बाद भी खुलेआम मोटरसाइकिल से लेकर जुगाड़ गाड़ी पर बालू लोड कर तेज फर्राटेदार स्टाइल में महगामा थाना गेट के सामने से पार हो रही है l उनके सिर पर ना तो हेलमेट होती है ना ही बालू की चालान। अब आप ही बताईए न साहब इन बालू माफियाओं का कौन सा नियम और कानून है। जो आम जनता के कानून से अलग है। किया पता कहीं इन माफियाओं का यमराज से सेटिंग तो नहीं, या तो पुलिस जानती होगी उनके साथ कोई दुर्घटना नही होगी l अगर आप तस्वीरें को गौर से देखेंगे ,तो आपको तस्वीर में बिना हेलमेट के 2 पुलिस कर्मी भी नजर आएंगे। इनके साथ भी दुर्घटना नही होगी शायद इसलिए क्योंकि ये कानून के रखवाले है। अब सवाल यह उठता है की, क्या नियम ,कानून सिर्फ आम लोगो के लिए है ? क्या बालू माफियाओं, और रसूखदार लोगों के लिए संविधान में अलग कानून है ? अगर कानून के रखवाले ही कानून को तोड़ेंगे तो लोग कानून पर कैसे भरोसा कर सकते हैंl क्या बड़े बड़े आला अधिकारियो के पास इन सवालों का जवाब है। क्या इस सिस्टम में सुधार होगी और होगी तो कबतक क्योंकि ये सवाल आम जनता की है। और जगत न्यूज़ 24 उनकी आवाज बनकर ज़िला प्रशासन से यह सवाल पूछ रही है।
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