गुरुग्राम07नवम्बर*साइबर सिटी गुरुग्राम में खुले में नमाज पढ़ने का चल रहा विवाद अब गहराता जा रहा हैl
हिंदू पक्ष जहां खुले में पढ़ी जाने वाली नमाज का विरोध कर रहा है वही मुसलमान पक्ष सरकार से मांग कर रहा है कि उनकी वक्फ़ बोर्ड की जगहों वे पुरानी मस्जिदो पर हो रहे कब्जों को खाली करवाए जाए क्योंकि उन्हें भी खुले में नमाज पढ़ने का शौक नहीं है मजबूरन कारण वह खुले में नमाज पढ़ रहे हैं।
जमील अहमद ब्यूरो चीफ/ दिल्ली एनसीआर
गुरुग्राम
हमे मौजूदा वक़्त में गांधी जैसे महात्मा की जरूरत और हमे ढूंढना होगा गांधी को जिसने की थी सांझी विरासत की बात ..यह कहना है पूर्व राज्यसभा सांसद मोहम्मद अदीब का जो खुले में नमाज़ मामले को लेकर बैठक में शिरकत करने राजीव चौक ईदगाह में पहुंचे थे….अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रसिडेंट रहे मोहम्मद अदीब की माने तो यह शर्मनाक है कि खुदा की इबादत पुलिस की सुरक्षा में करवाई जा रही है…..अगर हमारी बात नही सुनी गई तो हम कोर्ट तक इस मामले को लेकर जाएंगे…..वही इस मामले में नागरिक एकता मंच के मोहमद अल्ताफ़ की माने तो दो दशकों से 108 जगहों पर खुले में नमाज़ की जाती रही थी लेकिन 2018 में खुले में नमाज विवाद के बाद इसे महज 37 चिन्हित स्थानों तक समेत कर रख दिया गया और अब उसमे से भी 8 स्थानों को जिला प्रशासन द्वारा रद्द कर दिया गया जो कि संविधानिक अधिकारियो का हनन है……
बाइट-:मोहम्मद अदीब(पूर्व राज्यसभा सांसद,ऑल इंडिया मजस्सिले मशवरात के वाइस प्रसिडेंट एवम ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर)
पूर्व राज्यसभा सांसद की माने तो भारत अब वो भारत नही रहा… इस देश की आज़ादी में हमारे पुरखो ने भी खून बहाया…लेकिन अब हमें 20 मिनिट की जुम्मे की नमाज़ तक नही पढ़ने दी जा रही है ….हम दुनिया को बताएंगे हम जमाते उलेमाओं और जमाते इस्लामियत को एक मंच पर ला कानूनी तरीको से संवैधानिक तरीको से अपने हकों की लड़ाई लड़ेंगे…. वही नागरिक एकता मंच के मोहमद अल्ताफ़ ने जिला प्रशासन द्वारा गठित संयुक्त समिति पर भी सवाल खड़े कर आरोप लागये की जिला प्रशासन ने जानबूझ कर आरएसएस विचारधारा से जुड़े मुस्लिम नुमाइंदों को इस संयुक्त समिति का हिस्सा बनाया….हमे कल हुई बैठक में बोलने तक नही दिया गया……
वही इस मामले में जमाते हिन्द उलेमा मुफ़्ती सलीम काज़मी की माने तो आज हुई बैठक में 21 लोगो के नाम शामिल कर यह तय किया गया कि जिला प्रशासन से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कि लड़ाई लड़नी पड़ी तो हम ने केवल अपने हकों की लड़ाई को लड़ेंगे बल्कि सरकार से बातचीत भी करेंगे कि मुसलमानों को बेवजह परेशान करना अब बंद किया जाए…..दरअसल जिला प्रशासन द्वारा खुले में नमाज अदा करने की 8 चिन्हित जगहों को रद्द करने के बाद मामला तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है।
तमाम लोग मौजूद रहे मुफ्ती सलीम कासमी,अल्ताफ
जमील अहमद,इमरान क़ुरैशी,शाबिर कासमी
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