June 22, 2025

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गाजीपुर25अगस्त24*प्रेमचंद साहित्य को सामाजिक यथार्थ से जोड़ा संजीव उस परंपरा को आगे बढ़ाया :रामावतार शर्मा

गाजीपुर25अगस्त24*प्रेमचंद साहित्य को सामाजिक यथार्थ से जोड़ा संजीव उस परंपरा को आगे बढ़ाया :रामावतार शर्मा

गाजीपुर25अगस्त24*प्रेमचंद साहित्य को सामाजिक यथार्थ से जोड़ा संजीव उस परंपरा को आगे बढ़ाया :रामावतार शर्मा

— कथाकार संजीव पर केंद्रित समकालीन सोच विशेषांक का विमोचन

गाजीपुर यूपी आजतक हिमांशु राय की रिपोर्ट

 

गाजीपुर । शहर के एम जे आर पी पब्लिक स्कूल के सभागार में आयोजित एक समारोह में वरिष्ठ साहित्यकारों ने कथाकार संजीव पर केंद्रित समकालीन सोच विशेषांक का विमोचन किया । इस अवसर पर समकालीन सोच परिवार द्वारा आयोजित गोष्ठी में बोलते हुए वक्ताओं ने कथाकार संजीव के कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संजीव गरीब,किसान, मजदूर और शोषित पीड़ित जनता की आवाज बुलंद करने वाले एक सशक्त कथाकार है। वीरेंद्र यादव ने संजीव को प्रेमचंद की परंपरा का कथाकार बताया। रोहिणी अग्रवाल ने कहा कि समकालीन सोच परिवार ने उन पर विशेषांक प्रकाशित कर प्रशंसनीय कार्य किया है।समकालीन सोच के संपादक राम नगीना कुशवाहा ने कहा कि संजीव का कथा साहित्य मेहनतकश जनता का साहित्य है। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार रामावतार ने कहा कि साहित्य केवल समाज का दर्पण ही नही होता बल्कि वह समाज को दिशा भी देता है । प्रेमचंद पहले कथाकार है जिन्होंने साहित्य को सामाजिक यथार्थ से जोड़ा और चंद्रकांता के पाठको को गोदान तक ले गये । संजीव ने अपने कथा साहित्य के माध्यम से उस परंपरा को आगे बढाया है। संगोष्ठी में रविभूषण, प्रेमकुमार मणि,शिव मूर्ति, शिव कुमार यादव, संजीव चंदन, योगिता यादव, बलभद्र, सुधीर सुमन, संजय सुमति, श्रीकांत पांडेय आदि वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। संचालन रामजी सिंह यादव और आभार व्यक्त बद्री सिंह ने किया। सभागार में प्रमुख लोग पूर्व सांसद जगदीश सिंह कुशवाहा, अशोक सिंह , पत्रकार प्रमोद कुमार राय, डा रामबदन सिंह, अमरीका यादव, जनार्दन आदि मौजूद रहे।

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