जाऊं विदेश तो किस देश……….
गाजीपुर 26 अगस्त 24*चेतन प्रवाह कार्यक्रम के तहत सरस काव्यगोष्ठी का किया आयोजन
गाज़ीपुर यूपी आज तक हिमांशु राय की रिपोर्ट
गाजीपुर । साहित्य चेतना समाज’ के तत्वावधान में
‘चेतना-प्रवाह’ कार्यक्रम के अन्तर्गत गंगाप्रसाद रामप्रसाद इण्टर कॉलेज रूहीपुर के प्रबन्धक रामवृक्ष यादव के नगर के तिलक नगर काॅलोनी स्थित आवास पर एक सरस काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। अध्यक्षता बटुक नारायण मिश्र एवं संचालन सुपरिचित हास्य-व्यंग्यकार विजय कुमार मधुरेश ने किया। गोष्ठी का शुभारंभ वाणी-वंदना से हुआ। युवा कवि आशुतोष श्रीवास्तव ने अपनी कविता “आओ चलो अब ख़ुद में जी लें/दिन जो बचे दो-चार” सुनाकर श्रोताओं की प्रसंशा अर्जित की। इसी क्रम में संस्था के संस्थापक एवं वरिष्ठ व्यंग्यकार अमरनाथ तिवारी ‘अमर’ ने चर्चित व्यंग्य-कविता ‘जाऊॅं विदेश तो किस देश’ की पंक्तियां “यहीं करूॅंगा राजनीति का करोबार/देश में अपने अच्छा चलेगा यह व्यापार” सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। युवा नवगीतकार डाॅ.अक्षय पाण्डेय ने देश में वोट की राजनीति को केंद्र में रखते हुए अपना ‘किसको दूॅं मैं वोट’ शीर्षक नवगीत “तलघर में गहरी सुरंग है / क्या होगा तालों से/कुछ भी बचता नहीं यहाॅं पर / बड़े पेट वालों से/
मची हुई है छीना-झपटी/पूरी लूट-खसोट/होरी सोच रहा है मन में/किसको दूॅं मैं वोट”
सुना कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करते हुए तालियाॅं बजाने के लिए विवश किया।ओज के वरिष्ठ कवि दिनेश चंद्र शर्मा ने “आग नफरत की तुम तो जलाते रहे/लोग आते रहे और जाते रहे”सुनाकर श्रोताओं खूब तालियाॅं बटोरी। इसी क्रम में अपने धारदार मुक्तकों के लिए ख्यात,हास्य-व्यंग्य के वरिष्ठ कवि विजय कुमार मधुरेश ने अपनी हास्य-रचनाओं से श्रोताओं को खूब हॅंसाया साथ ही अपना मुक्तक “बन के नेता नया गुल खिलाते रहे/ भाषणों से हमेशा रिझाते रहे।
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