कौशाम्बी4जुलाई25*बीसीपीएम कौशाम्बी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने के डीएम ने दिए निर्देश*
*प्रभारी चिकित्साधिकारियों को बीसीपीएम एवं बीपीएम के कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश*
*कौशांबी।* जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने आज उदयन सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक की।बैठक में जिलाधिकारी ने सभी चिकित्साधिकारियों को जिम्मेदारीपूर्वक अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन करने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाय। उन्होंने बीसीपीएम कौशाम्बी द्वारा आशा चयन में पैसे की मांग किए जाने का प्रकरण संज्ञान में आने पर नाराजगी प्रकट करते हुए आज सायं तक बी.सी.पी.एम. के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश देते हुए कहा कि आज सायं तक एफ.आई.आर नहीं कराई जाती है तो प्रभारी चिकित्साधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने पूर्व में तैनात प्रभारी चिकित्साधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा कि प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम 05 ऐसे आशाओं को चिन्हित किया जाय, जिनके द्वारा ठीक प्रकार से कार्य नहीं किया जा रहा है, इन आशाओं को नोटिस देकर निकालने की कार्यवाही सुनिश्चित किया जाय। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रत्येक ब्लॉक में 02 ऐसे सी.एच.ओ. को चिन्हित किया जाय, जिनके द्वारा ठीक प्रकार से कार्य नहीं किया जा रहा है, उनके विरुद्ध भी कार्यवाही सुनिश्चित किया जाय।
जिलाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा कि वी.एच.एस.एन.डी. सेशन पर सभी संबंधित स्वास्थ्य कार्मिकों की उपस्थिति तथा आवश्यक उपकरण सुनिश्चित किया जाय तथा अधीनस्थों के साथ बैठक कर स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए प्रगति सुनिश्चित किया जाय। मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाय। क्षेत्र भ्रमण अवश्य किया जाय। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत लाभार्थियों एवं आशाओं के भुगतान में भी प्रगति तथा परिवार कल्याण कार्यक्रमों में लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अपर मुख्य चिकित्साधिकारियों को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक से पूर्व अपने ब्लॉक में बैठक कर स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा कि हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया जाय।
बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी ने हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की देखभाल के लिए अधिकारियों को गोद दिए जाने का सुझाव दिया, जिस पर जिलाधिकारी ने हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं को अधिकारियों को दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मानक तय करते हुए प्रत्येक विकासखंड में शून्य से 3 वर्ष आयु के 500 बच्चों को चिन्हित किया जाय तथा आकांक्षात्मक विकास खण्डों में शत-प्रतिशत बच्चों को चिन्हित किया जाय, ताकि इन बच्चों को एचबीवाईसी किट दिया जा सके। उन्होंने यूनिसेफ एवं डब्लूएचओ के प्रतिनिधियों से कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान आमजन को स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवं टीकाकरण के प्रति जागरूक किया जाय। उन्होंने कहा कि स्टाफ नर्स एवं ए.एन.एम. को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ही समुचित प्रशिक्षण दिया जाय। उन्होंने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को एम.सी.पी. कार्ड का अवलोकन करने तथा पाई गई कमियों को दूर कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने चिन्हित किए गए कुपोषित बच्चों की सूची ब्लाक वार उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन सब-सेंटरों पर ए.एन.एम. का पद रिक्त है, उन सभी सब-सेंटरों की सूची उपलब्ध कराई जाय। उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को बीसीपीएम एवं बीपीएम के कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना की प्रगति की समीक्षा के दौरान लक्ष्य निर्धारित कर आयुष्मान कार्ड बनाए जाने के कार्य में तेजी से प्रगति लाने के निर्देश दिए।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी विनोद राम त्रिपाठी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 संजय कुमार सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहें।
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