September 29, 2025

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कौशाम्बी28सितम्बर25*मंथरा के कान भरने पर कैकेयी ने मागां भरत को राजतिलक तो राम को वनवास*

कौशाम्बी28सितम्बर25*मंथरा के कान भरने पर कैकेयी ने मागां भरत को राजतिलक तो राम को वनवास*

कौशाम्बी28सितम्बर25*मंथरा के कान भरने पर कैकेयी ने मागां भरत को राजतिलक तो राम को वनवास*

*महराज दशरथ के पुत्र वियोग विलाप देखकर दर्शकों की आंखों हुई नम*

*भगवान राम के वन गमन करने पर शोक में डूबा आयोध्या रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई*

*कौशाम्बीं* मुख्यालय मंझनपुर स्थित हिन्दु धर्म सभा श्री रामलीला कमेटी के द्वारा रामलीला मंचन कार्यक्रम में राम विवाह के बाद शनिवार को लीला में दिखाया गया कि अयोध्या नरेश महाराज दशरथ ने विचार किया कि राम को अयोध्या का राजा बनाया जाए। उन्होंने अपने मंत्री सुमंत को बुलाकर बड़े बेटे राम को राजा बनाए जाने के लिये राज्याभिषेक की तैयारी करने का आदेश दिया। यह सूचना जैसे ही महारानी कैकेयी की दासी मंथरा को प्राप्त हुई उसने महारानी के कान भरना शुरू कर दिया। राम के वनवास की लीला का सजीव मंचन किया गया। महराज दशरथ द्वारा पुत्र वियोग का विलाप देख कर बैठे दर्शकों की आंखों से नम हो गई।बता दे कि मंझनपुर में चल रहे हिन्दु धर्म सभा श्री रामलीला कमेटी के द्वारा आठवें दिन महाराज दशरथ द्वारा राजा बनाये जाने की घोषण होती है जिसमें सूचना कैकयी को होती है तो वह महारानी कैकेयी की दासी मंथरा को प्राप्त हुई, उसने महारानी के कान भरना शुरू कर दिया। महारानी कैकेयी मंथरा की बातों को मानकर राजा दशरथ से अपने पुराने दो वरदान मांगे। रघुकुल की रीति को निभाते हुए राजा दशरथ रानी कैकेयी को वरदान दें देते हैं। कैकेयी ने अपने पुत्र भरत को राजतिलक और कौशल्या पुत्र राम को चौदह वर्ष का वनवास मांगा। भगवान राम को सूचना मिलते ही वह वन गमन को तैयार हो गए। जैसे ही भगवान राम के वन गमन की सूचना महराज दशरथ को हुई, वो विचलित और व्याकुल हो गए। भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के साथ वन गमन करने को प्रस्थान किया। वैसे ही राजा दशरथ फूट-फूट कर रोने लगे और पूरी अयोध्या नगरी में शोक छा गया। भगवान राम वन गमन करने को तैयार हो गए। इसके बाद भगवान राम तमसा नदी के किनारे पहुंचे। जहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया। इस मौके पर रामलीला कमेटी के अध्यक्ष आशीष केसरवानी उर्फ बच्चा, महामंत्री पंकज शर्मा, पंकज गामा, उपाध्यक्ष ज्ञानचन्द्र गुप्ता, सुशील नामदेव, संगठन मंत्री झल्लर चौरासिया, कोषाध्यक्ष सोनालाल केशरवानी, अजय वर्मा, मंत्री सुनील नामदेव, रोहित गुप्ता, राजू, राजीव केसरवानी, रिकंू केसरवानी, डा0 अवधेश पाण्डेय, मुकुन्दी लाल, भूपचन्द्र अग्रहरि, नीरज, सुभाष, रज्जन श्रीवास्तव, राकेश मिश्रा, नवीन, राहुल, लखन, मथुरा, अमित रामलीला कमेटी के पदाधिकारी एवं आस-पास क्षेत्र के लोग मौजूद रहें।

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