कौशाम्बी28मार्च24*4 महीने पहले बनी सड़क तालाब का शक्ल ले कर बनी जानलेवा*
*बीते 3 वर्षों के दौरान जिले में जितनी सड़के लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई गई है एक भी सड़क अपने मानक पर नहीं उतर सकी खरी*
*महेवाघाट कौशांबी* लोक निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि विभागीय अधिकारियों से लेकर ठेकेदारों की साठगाँठ के चलते सड़के कुछ महीने में ही खराब हो रही है सरकारी रकम पर डाका डालने के लिए विभागीय अधिकारियों के साथ ठेकेदारों का रैकेट सक्रिय है और इस रैकेट के जरिए सरकारी खजाने को सड़क निर्माण के झूठे ड्रामे के नाम पर लूटा जा रहा है सरकार को गुमराह करने के लिए सड़कों की मरम्मत मानक विहीन कराई जा रही है लेकिन हकीकत यह है कि इतनी घटिया क्वालिटी की मरम्मत लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में हो रही है कि सड़क बनने के 4 महीने में ही गड्ढे में तब्दील हो जाने के बाद भी ना तो ठेकेदार पर मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी कराई जाती है ना सड़क निर्माण की रकम रिकवरी कराई जाती है और ना ही ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड किया जाता है जिससे लोक निर्माण विभाग में ठेकेदार बेखौफ तरीके से सरकारी खजाना में डाका डाल रहे हैं और बिभागीय अधिकारी उनको संरक्षण दे कर अपना हिस्सा वसूली तक सीमित रह गए हैं बीते 3 वर्षों के दौरान जिले में जितनी सड़के लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई गई है एक भी सड़क अपने मानक पर खरी नहीं उतर सकी है विभाग के बढ़ते भ्रष्टाचार के मामले में महेवा घाट से पश्चिम शरीरा की सड़क के घटिया निर्माण का उदाहरण पूरे लोक निर्माण विभाग के भ्रष्टाचार को बेनकाब करने के लिए पर्याप्त है पश्चिम शरीरा से महेवाघाट संपर्क मार्ग में 4 महीने पहले निर्माण होने के बाद बैरमपुर के संकुल भवन के सामने यह रोड तालाब बन गयी है जानलेवा गड्ढे के चलते इस सड़क पर आए दिन लोग गिरकर चोटहिल होते है बीते 4 महीने के अंदर बनी यह रोड पूरी तरह से गयाब हो गई है लेकिन ना तो ठेकेदार पर मुकदमा दर्ज कराया गया ना ठेकेदार की गिरफ्तारी कराई गयी और ना ठेकेदार से सरकारी धन की रिकवरी कराई गई जिससे विभागीय अधिकारियों के हिस्सेदारी से इनकार नहीं किया जा सकता लोक निर्माण विभाग के ठेकेदारों द्वारा जिले में इस कदर घटिया निर्माण किया जा रहा है कि सड़क बनते ही उखड़ने लगती हैं और गड्ढे में तब्दील हो जाती है लेकिन विभागीय अधिकारी ठेकेदारों के आगे घुटने टेक चुके हैं अधिकारी मीटिंग में वाहवाही लूट रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत में योगी सरकार में अधिकारियों के भ्रष्टाचार से आम जनता ऊब चुकी है आखिर मीटिंग और बयानबाजी कर कब तक भ्रष्टाचार मुक्त की बात अधिकारी कर योगी सरकार को गुमराह करते रहेंगे मीटिंग के साथ-साथ जमीनी हकीकत को देखना होगा और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के भ्रष्टाचार को बेनकाब कर इन अधिकारियों के कारनामे को उजागर कर शासन को पत्र लिखकर इन्हें दंडित करना होगा तभी लोक निर्माण विभाग के भ्रष्टाचार पर विराम लग सकता है इलाके के लोगों ने डीएम कमिश्नर का ध्यान आकर्षित करते हुए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के भ्रष्टाचार को बेनकाब करने की मांग की है
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