September 29, 2024

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कौशाम्बी23नवम्बर*यूपीआजतक न्यूज़ से कौशाम्बी की खास खबरें

कौशाम्बी23नवम्बर*यूपीआजतक न्यूज़ से कौशाम्बी की खास खबरें

[23/11, 17:38] +91 99191 96696: *अवैध अस्पतालों में हो रही मौत के बाद किस पर दर्ज होगा मुकदमा*

*एनजीटी के नियम के विपरीत चल रहे अस्पतालों को बंद कराने की अग्निशमन विभाग ने महीनों पूर्व डीएम सीएमओ से की सिफारिश*

*कौशाम्बी* जिले में स्वास्थ्य विभाग में दर दर पर कानून नियम का उल्लंघन हो रहा है मुख्य चिकित्सा अधिकारी अवैध कार्यों में लगे लोगों पर कार्यवाही करने से भय खा रहे हैं जिसके चलते अवैध तरीके से अस्पतालों का संचालन बन्द नही हो रहा है जहां इलाज के दौरान बेवजह मरीजों की मौत हो रही है अस्पतालों से लेकर सीएमओ कार्यालय तक आंकड़े गायब कर दिए जाते हैं आखिर बेवजह मरीजों की मौत के बाद मौत का जिम्मेदार कौन होगा मौत के बाद मुकदमा किस पर दर्ज होगा इस सवाल का जवाब देने वाला कोई नहीं है

जिले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद अवैध क्लीनिक नर्सिंग होम झोलाछाप डॉक्टरों के अस्पताल में मरीजों का इलाज करने में बाढ़ आ गई है एनजीटी के द्वारा बनाए गए नियमों के विपरीत क्लीनिक और अस्पतालों का संचालन नही हो रहा है अवैध अस्पतालों में स्प्रिंकलर सिस्टम ऑटोमेटिक नहीं लगाए गए हैं अंदर ग्राउंड पानी के टैंक नहीं लगाए गए हैं ओवरहेड टैंक नहीं लगाए गए हैं पंप जनरेटर प्रेशर मशीन की व्यवस्था नहीं है बिजली से चलाने के लिए पंप प्रेशर मशीन भी नहीं लगाई गई है सायरन पॉइंट फायर एक्सटिंग्विशर आदि सिस्टम निजी अस्पतालों में नहीं लगे हैं

वर्ष 2016 में नेशनल बिल्डिंग कोड बनाए जाने के बाद नियमों के विपरीत अस्पतालों को लाइसेंस दिए गए हैं स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2016 के बाद सैकड़ों अस्पतालों के लाइसेंस हेराफेरी कर जारी किए गए जिनमें एनजीटी के नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया गया है आखिर किस अधिकारी और कर्मचारी के दबाव में तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी और लिपिक ने अवैध संचालन को बढ़ावा दिया है अग्निशमन विभाग द्वारा जिला अधिकारी को 15 अक्टूबर को पत्र भेजकर एनजीटी के नियमों के विपरीत संचालित हो रहे अस्पतालों को बंद कराने की सिफारिश की है सीएमओ को भी अग्निशमन विभाग ने अवैध अस्पताल को बंद कराने के लिए पत्र भेजा है जिस पर सीएमओ ने फायर विभाग को वापस पत्र देकर पूछा है कि फिर इन अस्पतालों को बंद कर दिया जाए लेकिन अस्पतालो को बंद नहीं किया गया है जिससे अवैध क्लीनिक और अवैध अस्पतालों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के मोह माया का अंदाजा लगाया जा सकता है अब सवाल उठ रहा है कि अवैध तरीके से संचालित नर्सिंग होम क्लीनिक अस्पताल में मरीजों की मौत के बाद किस पर मुकदमा दर्ज होगा लेकिन इस बात का उत्तर देने वाला कोई नहीं है अवैध अस्पतालों के संचालन के बाद इलाज के दौरान मरीजों की हो रही मौत के मामले में सांसद विधायक और मंत्री ने भी चुप्पी साध रखी है जिससे मुख्य चिकित्सा अधिकारी का मनोबल बढ़ा हुआ है और अवैध अस्पतालों के संचालन में सीएमओ योगी सरकार के नियमों को चुनौती दे रहे हैं अस्पतालों के अभिलेख निशांत बाबू का पास था उनका स्थानांतरण हो गया जिसके बाद से अभिलेख विभाग में मौजूद नहीं है लेकिन उसके बाद भी अभिलेख खोजने का प्रयास नहीं किया गया दोषी जनों पर मुकदमा नहीं दर्ज कराया गया बताया जाता है कि सीएमओ साहब के आगे पीछे चक्कर लगाने वाला एक लिपिक पूरी अस्पताल की व्यवस्था से करोड़ों की अवैध वसूली में ब्यस्त है जिससे अवैध अस्पताल अवैध क्लीनिक अवैध नर्सिग होम पर कार्रवाई होती नहीं दिख रही है

[23/11, 17:38] +91 99191 96696: *तो फिर सड़को के बड़े गड्ढों को गड्ढा मुक्त करने के नहीं मिले निर्देश*

*लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का दावा गड्ढा मुक्त हो गई सड़क*

*कौशांबी* योगी सरकार ने 30 नवंबर तक सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का निर्देश दिया है जिले में लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता हरिवंश सिंह का दावा है कि 108 किलोमीटर सड़कों को गड्ढा मुक्त करना था 90% सड़कें गड्ढा मुक्त हो गई हैं शेष सड़कें 25 नवंबर तक गड्ढा मुक्त हो जाएंगी इसी तरह लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता का दावा है कि 116 किलोमीटर सड़क गड्ढा मुक्त करनी थी और पूरी सड़क गड्ढा मुक्त हो गई है प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधिशासी अभियंता अविनाश यादव का दावा है कि 130 किलोमीटर की 20 सड़क को गड्ढा मुक्त किया जाना था और संपूर्ण सड़क गड्ढा मुक्त हो गई हैं लेकिन जिले में तमाम निर्माणाधीन सड़क सुंदरीकरण सड़कें और चौड़ीकरण सड़कें वर्षों बीत जाने के बाद भी निर्मित नहीं हो सकी है इन सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं आखिर इन सड़कों में जो बड़े-बड़े गड्ढे हैं क्या योगी सरकार ने बड़े गड्ढों को गड्ढा मुक्त करने का निर्देश नहीं दिया था जिले की दर्जनों सड़कें अभी भी गड्ढे में तब्दील है लेकिन अधिकारी गड्ढा मुक्त का दावा कर रहे हैं

[23/11, 17:38] +91 99191 96696: *करोड़ों का बजट लेकर आधी निर्मित सड़क छोड़कर भागा ठेकेदार*

*एक सड़क का नहीं पूरा हुआ कार्य दूसरे सड़क का कर दिया गया ठेका*

*कौशाम्बी* जनपद मुख्यालय मंझनपुर जैसे अति महत्वपूर्ण स्थान की सड़कें गड्ढों में तब्दील है मरम्मत नहीं हो पा रही है चौड़ीकरण के नाम पर करोड़ों का बजट अधिकारी ठेकेदार को मुक्त कर कमीशन खोरी में मशगूल है मंझनपुर तहसील के पास से नए रोडवेज बस स्टॉप तक सड़क की मरम्मत कराया जाना था लेकिन मरम्मत के बजाय अधिकारियों ने इसे चौड़ीकरण में डाल दिया और इस सड़क को 2 खंड में करके ठेकेदारों को कार्य सौंप दिया आधी सड़क में वर्षों पहले बोल्डर ठेकेदार ने डाल दिया सूत्रों की मानें तो करोड़ों का भुगतान ठेकेदार को कर दिया गया और ठेकेदार फरार हो गया इसी सड़क में अपनी कमियों को छिपाने के लिए अधिकारियों ने रोडवेज बस स्टॉप से पाता पीसीओ तक डेढ़ किलोमीटर सड़क दो करोड़ 54 लाख में सड़क निर्माण का टेंडर कर दिया इस सड़क के निर्माण के मामले में अधिकारियों का कहना है कि कुछ दिनों में सड़क का निर्माण पूर्ण हो जाएगा लेकिन सवाल उठता है कि इसी के साथ जो वर्षों पूर्व तहसील तक सड़क निर्माण शुरू हुआ है वह अभी क्यों नहीं पूरा हो सका है इस सड़क में ठेकेदार को करोड़ों का भुगतान किए जाने के बाद अधूरी सड़क छोड़कर भागने वाले ठेकेदार पर मुकदमा दर्ज कराकर उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं कराई गई है इन तमाम सवालों के जवाब देने में अधिकारी बगले झांकने लगते हैं योगी सरकार के निर्देश के बाद भी यह सड़क गड्डा मुक्त नही हो सकी है

 

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