कौशाम्बी21अक्टूबर24*यूपीआजतक न्यूज चैनल पर खास खबरें
[21/10, 5:57 pm] +91 81156 50600: *सुग्रीव मित्रता,वाली वध,सीता खोज,अक्षय वध,लंका दहन,अंगद रावण संवाद का हुआ मंचन*
*अझुवा कौशांबी* आदर्श नगर पंचायत अझुवा की रामलीला मैदान में आयोजित रामलीला के छठवें दिन कार्यक्रम में फतेहपुर की रामलीला कंपनी द्वारा सुग्रीव मित्रता बाली वध सीता खोज अक्षय वध लंका दहन अंगद रावण संवाद दिखाया गया कथा प्रसंग के अनुसार सीता को खोजते राम हनुमान से मिलते हैं। हनुमान अपने आराध्य देव को पहचानकर कंधों में बिठाकर ऋष्यमूक पर सुग्रीव से मिलाते हैं, सुग्रीव अपनी पीड़ा उन्हें सुनाते हैं। प्रभु राम बाली का वध कर सुग्रीव को भयमुक्त करते हैं। इसके बाद सुग्रीव सीता माता की खोज शुरू करते हैं। वानर दल की एक टुकड़ी दक्षिण दिशा की ओर बढ़ती है। वो टुकड़ी समुद्र तट पर पहुंचती है, जहां दूर दूर तक सिर्फ समुद्र ही नजर आता है। जामवंत हनुमान को उनकी शक्तियां याद कराते हैं, और हनुमान हवाई मार्ग से समुद्र पारकर लंका पहुंच जाते हैं। हनुमान सीता जी को खोजते-खोजते अशोक वाटिका पहुंचते हैं। वहां सीता से उनकी मुलाकात होती है, सीता माता की आज्ञा से हनुमान वाटिका में फल खाना शुरू करते हैं और पूरी वाटिका को उजाड़ देते हैं। जब यह खबर रावण को मिलती है तो रावण अपने पुत्र अक्षय कुमार को भेजता है। मगर हनुमान अक्षय कुमार का वध कर देते हैं। फिर रावण का दूसरा पुत्र इंद्रजीत आता है और हनुमान को ब्रह्मास्त्र का उपयोग कर बांध कर सभा में ले जाता है। लीला में आगे दिखाया कि सभा में हनुमान व रावण के बीच संवाद होता है। रावण हनुमान को दंड स्वरूप पूंछ में आग लगाने का आदेश देता है। मगर हनुमान जी की पूंछ में आग लगते ही एक महल से दूसरे महल करते हुए पूरी लंका दहन कर देते हैं हनुमान श्रीराम को पूरा वृत्तांत बताते हैं ।इस दौरान विपिन मोदनवाल,रामबाबू मोदनवाल,मंजू केसरवानी,आशीष मोदनवाल,आशुतोष केसरवानी सहित सैकड़ों लोग रामलीला देख श्री राम की महिमा का जय जयकार करते रहे।
[21/10, 7:10 pm] +91 98391 01290: *चित्रकूट मानिकपुर विधायक ने बढ़ाया कौशांबी का गौरव–मनोज मिश्र*
*विधायक अविनाश चंद्र द्विवेदी को पर्यटन विभाग और विकास नियोजन समिति में सदस्य बनाए जाने पर खुशी*
*कौशाम्बी* जिले के यमुना नदी के किनारे के निवासी हमेशा हर वर्ग की लड़ाई लड़ने वाले पाठा की धरती पर अपना तिरंगा फहराने वाले मानिकपुर के ब्राह्मणों के गौरव युवाओं की शान विधायक अविनाश चंद्र द्विवेदी को उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग और विकास नियोजन समिति में सदस्य बनाए जाने पर अलग-अलग जगह पर लोगों ने खुशियां मनाया और कहा कि आज जिस प्रकार उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कौशांबी के लाल पर भरोसा जताया है उससे हम लोगों में हौसला अफजाई हुआ है इसके लिए हम उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी जी को बहुत-बहुत बधाई देते हैं जिन्होंने कौशांबी के और चित्रकूट के हित को देखते हुए एक ईमानदार स्वच्छ और सरल स्वभाव के व्यक्ति को समिति में दर्जा दिया विधायक जी हमेशा अपने सरल स्वभाव के चलते लोकप्रिय की मिसाल बनते जा रहे हैं हमेशा न्याय हित के लिए लड़ते रहे हैं कौशांबी जनपद में ही नहीं बुंदेलखंड के चित्रकूट में भी कौशांबी का नाम आगे ले जाने का कार्य करते रहे हैं पूरे संगठन से बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं इस मौके पर मनोज कुमार मिश्रा सुनील कुमार गर्ग आलोक तिवारी कुलदीप शुक्ला आकाश कुमार पाल उमेश पाल मोहित चतुर्वेदी प्रभात दुबे अंकित पांडे सुनील तिवारी सोनू तिवारी आदि लोगों ने बैठकर खुशियां मनाई एवं दूसरों को बधाइयां दी
[21/10, 7:36 pm] +91 99562 82731: *तीन दिवसीय स्काउट और गाइड प्रथम सोपान जांच शिविर का हुआ शुभारंभ*
*कौशाम्बी* एस ए वी इण्टर कॉलेज सैनी सिराथू कौशाम्बी में भारत स्काउट और गाइड उत्तर प्रदेश कौशाम्बी के तत्वावधान में स्काउट गाइड तीन दिवसीय प्रथम सोपान जांच शिविर का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्यालय के प्रधानाचार्य सतीश चंद्र शुक्ल ने कार्यक्रम आरंभ से पहले मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया । जिला संगठन कमिश्नर स्काउट श्यामबाबू यादव ने मुख्य अतिथि को स्कार्फ पहनाकर स्वागत किया साथ ही साथ विद्यालय स्काउट मास्टर कैप्टन कनौजिया ने मुख्य अतिथि व जिला संगठन कमिश्नर स्काउट श्याम बाबू यादव को बैच लगा कर स्वागत किया। मुख्य अतिथि ने बताया कि स्काउटिंग गाइडिंग से बच्चों को शैक्षिक, नैतिक, शारीरिक, मानसिक आदि का सर्वांगीण विकास होता है साथ ही स्काउट गाइड सेवा कार्य के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं स्काउट गाइड से अनुशासन भाईचारा व बाहरी जीवन जीने की एक कला है। श्याम बाबू यादव जिला संगठन कमिश्नर स्काउट ने स्काउट गाइड को ध्वज शिष्टाचार, नियम, प्रतिज्ञा, झंडा गीत,प्रार्थना, टोली का गठन, शैल्यूट, बायां हाथ मिलाना आदि के बारे में बताया। कार्यक्रम में स्काउट प्रभारी ऋषभदेव त्रिपाठी, स्काउट मास्टर कैप्टन कनौजिया, विवेक शुक्ला, गाइड कैप्टन श्रीमती कीर्ति कोटार्य आदि मौजूद रहे जो बच्चों को स्काउट और गाइड के व विषय की जानकारी प्रदानकर उत्साहवर्धन किये l
कार्यक्रम का संचालन श्याम बाबू यादव जिला संगठन कमिश्नर स्काउट के द्वारा किया गया
[21/10, 8:19 pm] +91 96216 39625: *बदलते मौसम में गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित निराश्रित गोवंश एवं पशुपालकों द्वारा पाले जा रहे पशुओं के खान-पान व रख-रखाव में दिया जाय विशेष ध्यान*
*कौशाम्बी।**जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने शासन के निर्देशानुसार बदलते मौसम में गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित निराश्रित गोवंश एवं पशुपालकों द्वारा पाले जा रहे पशुओं के खान-पान व रख-रखाव में विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश दिये हैं। अस्थाई गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशी तथा पशुपालकों द्वारा पाले जा रहे पशुओं के प्रबन्धन एवं खान-पान के सम्बन्ध में प्रमुख दिशा-निर्देश दिये गये हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी गो-आश्रय स्थलों में क्षमता के अनुरुप ही गोवंश संरक्षित किया जाय, यदि किसी गो-आश्रय स्थल में क्षमता से अधिक गोवंश हैं, तो उन्हें अन्य गो-आश्रय स्थलों में स्थानांतरित किया जाय अथवा गो-आश्रय स्थलों में अतिरिक्त शेड निर्माण कर क्षमता विस्तार किया जाय। गोवंश को आहार में दिये जा रहे चारे विशेषकर चरी तथा सूडान ग्रास की फसल में पानी की कमी के कारण हाइड्रोसाइनिक एसिड तथा नाइट्राइट विषाक्तता होने की प्रबल सम्भावना रहती है, चरी के खेत में समय-समय पर पर्याप्त सिंचाई की जाय। हरे चारे की फसल के खेत में यूरिया की टाप ड्रेसिंग की गयी हो या यूरिया डाला गया हो उस खेत के हरे चारे का उपयोग सिंचाई के उपरान्त कम से कम एक दिन बाद ही खिलाने में प्रयोग किया जाय। पशुओं को मात्र हरा चारा न खिलाया जाय, भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरली द्वारा दी गई एडवाइजरी के अनुसार यह उचित होगा कि पशुओं के आहार में 20 प्रतिशत हरे चारे के साथ 80 प्रतिशत गेहूं के भूसे को मिलाकर खिलाया जाय, जिससे नाइट्राइट तथा हाइड्रोसाइनिक एसिड की विषाक्तता का प्रभाव न्यूनतम हो।
हरे चारे की फसल को काटने के उपरान्त एक दिन खेत में छोडने के बाद ही कुटटी काटकर खिलाने के लिए प्रयोग में लाया जाय तथा हरे चारे को 6-8 घंटे (ऋतु अनुसार) से अधिक स्टोर न किया जाय। हरे चारे/भूसे से अनजान/ विशिष्ट प्रकार गंध आने पर प्रयोग न किया जाय। सूखे से प्रभावित अथवा हरे चारे की फसल जिसमें काफी समय से सिंचाई न की गई हो, ऐसे चारे को पर्याप्त सिंचाई करने के दो तीन दिन के उपरान्त ही पशुओं को काटकर खाने के लिए दिया जाय तथा हरे चारे को सूखे भूसे के साथ मिश्रित करके ही खिलाया जाय, जिसमें साइनाइड विषाक्तता का प्रभाव न पड़े। समस्त उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी/ पशु चिकित्साधिकारियों द्वारा सूखे से प्रभावित अथवा सिंचाई रहित चरी के सेवन से पशुओं में सम्भावित सायनायड एवं नाईट्राईट प्वाइजनिंग के उपचार के लिए सोडियम थायोसल्फेट/मिथिलीन ब्लू तथा खेती में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न विषाक्तता के उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सभी पशु चिकित्सालयों पर सुनिश्चित करा ली जाय। इसके लिए अपनी-अपनी मांग मुख्य पशुचिकित्साधिकारी को दे दी जाय ताकि तद्नुसार व्यवस्था के लिए कार्यवाही की जा सकें।
भीगे हुये तथा नमी युक्त पशुआहार एवं चारे व साइलेज में फफूँद का प्रकोप होने के कारण एफलाटाक्सिन की विषाक्तता होने की सम्भावना रहती है। फफूँद युक्त भूसा तथा पशु आहार गोवंशों/पशुओं को न दिया जाय। पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिये धान की पराली का प्रयोग, उसे खेतों से संग्रह कर गो-आश्रय स्थलों में रखा जाय तथा गो-शालाओं में चारे के उपयोग में लाये जाने वाले हरे चारे में पराली की उपयुक्त मात्रा में मिश्रित कर लिया जाय। मानक अनुसार धान की पराली की कुटटी बनाकर 25 प्रतिशत तक हरे चारे के साथ मिलाकर बैगनेला बीमारी होने का खतरा उत्पन्न हो जाता है। भीगी हुई पराली को किसी भी दशा में पशुओं को हरे चारे के रुप में न खिलाया जाय। पशुओं के पीने के लिए स्वच्छ जल की व्यवस्था की जाय, हमेशा ताजा जल ही पिलाया जाना उत्तम होगा।
पानी की चरही में चूना नियमित रुप से डाला जाय, जिससे गोवंश को स्वच्छ एवं जीवाणु रहित जल के साथ कैल्शियम की भी पूर्ति हो सकें तथा पानी की चरही में शैवाल (काई) न पनपने पाये। वर्षा काल के पश्चात गो-आश्रय स्थलों में जल भराव की समस्या का निराकरण मिटटी की पटाई समतलीकरण तथा जल निकासी के उपाय करके पूर्ण कर लिया जाय (भण्डारित भूसे को भीगने से बचाने के पर्याप्त उपाय किया जाना आवश्यक है। सम्बन्धित गो आश्रय स्थल के संचालक तथा ग्राम पंचायत सचिव द्वारा गोवंशों को दिये जा रहे हरे चारे व अन्य आहार की गुणवत्ता जांच प्रतिदिन की जायें एवं इस सम्बन्ध में प्रभारी उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी/पशु चिकित्साधिकारी से भी विचार विमर्श किया जाना आवश्यक है। पशुओं/गोवशों को प्रत्येक 03 माह पर कृमिनाशक दवा पशु चिकित्साधिकारी की सलाह अनुसार एवं देखरेख में निर्धारित खुराक देकर कराया जाय।
शेड तथा पानी की चरही में नियमित रुप से सफाई व्यवस्था वा प्रक्रिया सुनिश्वित करायी जाय। गोशाला/गो-आश्रय स्थल में विद्युत् उपकरण अथवा विद्युत तार गोवंशों की पहुंच से दूर रहें, जिससे विद्युत दुर्घटना से बचाव हो सके। टीकाकरण से वचित/बचे हुये गोवंशों को गलाघोटू (एच०एस०), लंगडिया (बी०क्यू०) तथा अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण प्राथमिकता पर पशुचिकित्साधिकारियों द्वारा करा लिया जाय। सभी गो आश्रय स्थलों पर रात्रिकालीन गो-सेवक/चौकीदार नियुक्त किया जाय। मुख्य पशुचिकित्साधिकारी एवं समस्त उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों/पशुचिकित्साधिकारियों सहित गो-आश्रय स्थल से जुड़े समस्त अधिकारी अपने मुख्यालय पर रात्रि निवास करना सुनिश्चित करें। स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरुप मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए समुचित जानकारी पशुपालकों को उपलब्ध करायी जाय तथा गो-आश्रय स्थलों में बीमारियों का टीकाकरण अवश्य कराया जाय।
[21/10, 8:32 pm] +91 99191 96696: *आंगनबाड़ी केंद्रों में नहीं पहुंच रहा खाद्यान्न भूख से बिलबिला रहे बच्चे*
*60 लाख रुपए तिमाही की खाद्यान्न योजना के हेरा फेरी में कौन-कौन अधिकारी शामिल*
*बिना भोजन बने कैसे सात करोड रुपए साल के कन्वर्जन मनी का हो रहा है भुगतान*
*कौशाम्बी।* आंगनबाड़ी केंद्र में तीन वर्षों से 6 वर्ष के बच्चों को दोपहर में भोजन दिए जाने की योजना व्यवस्था की पटरी से उतर चुकी है आंगनबाड़ी केंद्रों में दोपहर भोजन की व्यवस्था न होने से छोटे-छोटे मासूम बच्चे भूख से बिल बिला उठते हैं लेकिन उन्हें केंद्रों में भोजन नहीं मिलता है कुछ केंद्रों में स्कूल के शिक्षकों द्वारा आंगनबाड़ी के बच्चों को भोजन दे दिया जाता है जिससे उन्हें कुछ राहत मिल जाती है लेकिन तमाम आंगनबाड़ी केंद्रों में दोपहर भोजन की योजना पूर्ति विभाग और बाल विकास परियोजना अधिकारी के साठगांठ के चलते भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में 1300 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र में 2000 कुंतल से अधिक खाद्यान्न का वितरण किया जाना है लेकिन खाद्यान्न का वितरण नहीं हो रहा है इस खाद्यान्न के भ्रष्टाचार में कौन-कौन अधिकारी हिस्सेदार हैं अभी तक मामले की जांच कर खाद्यान्न योजना में हिस्सेदार अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कराकर उनकी गिरफ्तारी नहीं कराई गई है।
आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति इतनी बदतर है कि सुबह से केंद्र में पहुंचने वाले बच्चे दोपहर होने तक छोटे-छोटे बच्चे भूख से बिलबिला रहे हैं योजना को पारदर्शी तरीके से संचालन करने के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अभी तक प्रयास नहीं हुए हैं इस संबंध में जिला पूर्ति अधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया तो 12:30 बजे दोपहर को उनका कार्यालय कक्ष बंद था वह कार्यालय में मौजूद नहीं थे पूर्ति निरीक्षक नगरी क्षेत्र से बातचीत हुई तो वह संतोष जनक जवाब नहीं दे सकी हैं इस संबंध में बाल विकास परियोजना अधिकारी सिराथू से बात की गई तो उनका कहना है कि खाद्यान्न की लिस्ट पूर्ति विभाग को भेजी जा रही है खाद्यान्न का उठान होगा तो आंगनबाड़ी केंद्र तक खाद्यान्न पहुंचाया जाएगा जब की सूत्रों की माने तो बीते महीनों के खाद्यान्न का उठान हो चुका है और ठेकेदार से साठगांठ कर 2000 कुंतल खाद्यान्न माफियाओं के हाथों बेच लिया गया है लेकिन जब सीडीपीओ से पूछा गया कि बीते महीना में आंगनबाड़ी केंद्र तक खाद्यान्न नहीं पहुंचा तो वह अपना गुनाह जिला पूर्ति अधिकारी पर थोपने लगे हैं जिससे यह लगता है कि ठेकेदारों के साथ पूर्ति विभाग और बाल विकास परियोजना अधिकारी की करोड़ो के खाद्यान्न योजना के घोटाले में हिस्सेदारी है जिससे आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को दिए जाने वाला भोजन योजना व्यवस्था की पटरी से उतर चुकी है आखिर दोपहर भोजन योजना को चौपट करने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर इन पर क्या कार्रवाई होगी यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
दोपहर भोजन योजना में खाद्यान्न के अलावा कन्वर्जन मनी में भी करोड़ो का घोटाला है जब आंगनबाड़ी केंद्र में खाद्यान्न नहीं पहुंचता है तो भोजन बनाने के लिए मिलने वाला 3 रुपए 75 पैसा प्रति छात्र प्रतिदिन के हिसाब से कन्वर्जन मनी की रकम कहां खर्च होगी विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो आंगनवाड़ी में 55000 के लगभग पंजीकृत बच्चों के बीच 2 लाख रुपए प्रतिदिन कन्वर्जन मनी की रकम सरकार भुगतान कर रही है और यह रकम कहां गायब हो रही है यह बड़ी जांच का विषय है लेकिन विभागीय अधिकारी योजना को पारदर्शी तरीके से चलाने के लिए तैयार नहीं दिखाई पड़ रहे है जिला कार्यक्रम सुरेश गुप्ता का स्थानांतरण हो चुका है लेकिन उनके कार्यकाल में भी इस योजना में बड़े घोटाले हुए हैं और योजना की पारदर्शी तरीके से शासन प्रशासन ने जांच कराई तो वर्तमान जिला पूर्ति अधिकारी वा पूर्व जिला पूर्ति अधिकारी के साथ-साथ वर्तमान जिला कार्यक्रम अधिकारी और पूर्व जिला कार्यक्रम अधिकारी का गुनाह उजागर होना तय है इतना ही नहीं योजना से जुड़े अन्य अधिकारियों के भी गुनाह उजागर होंगे इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा इस मामले में उन्हें कोई जानकारी नहीं है अब सवाल उठता है कि आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे भूख से बिलबिला रहे हैं मुख्य विकास अधिकारी को योजना के संचालक की असफलता की जानकारी नहीं है जिससे व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं।
[21/10, 8:32 pm] +91 99191 96696: *प्राथमिक विद्यालय तथा उच्च प्राथमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण कर डीएम ने दिये आवश्यक दिशा-निर्देश*
*कौशाम्बी।* जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी द्वारा प्राथमिक विद्यालय-यूसुफपुर, नन्दा का पुरवा एवं मोहम्मदाबाद तथा उच्च प्राथमिक विद्यालय मोहम्मदाबाद एवं पुरखास का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया जिलाधिकारी ने विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान डिजिटल उपस्थिति रजिस्टर, अध्यापकों की उपस्थिति, छात्र-छात्राओं की उपस्थिति, साफ-सफाई एवं भोजन की गुणवत्ता सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं को देखा।
उच्च प्राथमिक विद्यालय पुरखास के निरीक्षण के दौरान विद्यालय में प्रार्थना करायी जा रही थी, विद्यालय में 09 अध्यापक एवं एक चतुर्थ कर्मचारी तैनात है, जिसमें से मात्र 02 अध्यापक ही उपस्थित पाये गये। विद्यालय में नामांकित 613 के सापेक्ष मात्र 235 छात्र/छात्रायें ही उपस्थित पाये गये। इ0प्र0अ0 अनीता द्विवेदी, सहायक अध्यापक ऋषि कुमार दिवाकर एवं सहायक अध्यापक कमला देवी सीएल पर थी, जो अस्वीकृत था। सहायक अध्यापक सुनीता केसरवानी सीसीएल पर थी। निरीक्षण के दौरान सहायक अध्यापक नीतू सिंह एवं विभा पटेल विद्यालय में उपस्थित पायी गई। जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए विद्यालय में पायी गयी कमियों को दूर कराने एवं कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश सम्बन्धित को दियें।
इसी प्रकार प्राथमिक विद्यालय-यूसुफपुर के निरीक्षण के दौरान सहायक अध्यापक दुर्जन सिंह, अजय कुमार, बृजेश सिंह एवं शिक्षा मित्र आयास अहमद उपस्थित पाये गये, जबकि स0अ0 प्रभाकर सिंह सीएल पर थे। विद्यालय में नामांकित 145 छात्र/छात्राओं के सापेक्ष मात्र 91 छात्र/छात्रायें उपस्थित पायी गई। जिलाधिकारी ने प्रधानाध्यापक को निर्देशित करते हुए कहा कि बच्चों को टैबलेट के माध्यम से भी शिक्षि प्रदान की जाय।
उच्च प्राथमिक विद्यालय मोहम्मदाबाद के निरीक्षण के दौरान विद्यालय में नियुक्त स0अ0-अंशमान सिंह, आराधन तिवारी, अनिल सरोज, विकास यादव, प्रगति साहू, अनिल वर्मा एवं शिक्षामित्र सविता विद्यालय में पढ़ाते हुए पाये गये। जबकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कमला कांत अनुपस्थित पाये गये। जिलाधिकारी क्लास रूम में पहॅुचकर बच्चों से कुछ प्रश्न भी पूछे, जिसका बच्चों द्वारा सही जवाब दिया गया। विद्यालय में नामांकित 322 बच्चों के सापेक्ष मात्र 276 बच्चें ही उपस्थित पाये गये।
प्राथमिक विद्यालय नन्दा का पूरा के निरीक्षण के दौरान प्रधानाध्यापक सचिन भाई पटेल, स0अ0-पंकज यादव, अभिराम सिंह, चन्द्रमणि तिवारी एवं शिक्षामित्र-आयशा कौशर एवं चिन्ता सिंह विद्यालय में उपस्थित पाये गये, जबकि शिक्षामित्ररत्नाकर सिंह अनुपस्थित पाये गयें। जिलाधिकारी द्वारा बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता की जॉच की गई, जिस पर बच्चों द्वारा सही जवाब दिया गया।
[21/10, 8:32 pm] +91 99191 96696: *सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सराय अकिल का डीएम ने औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का लिया जायजा*
*जिलाधिकारी ने ऐएनसी जॉच को और सुदृढ़ बनाये जाने के दियें निर्देश*
*कौशाम्बी।* जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सराय अकिल का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान सभी सभी अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित पायें गये जिलाधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टरों की उपस्थिति, ओपीडी कक्ष, आईपीडी लैब, फार्मेसी, आयुष्मान एवं डिलेवरी कक्ष सहित अन्य कक्षों का निरीक्षण किया। उन्होंने डॉक्टरो को निर्देशित करते हुए कहा कि मरीजों के इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी, लापरवाही बरतते हुए पाये जाने पर सम्बन्धित के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जायेंगी। उन्होंने वहॉ पर उपस्थित महिला डॉक्टरों से महिलाओं के इलाज सम्बन्धी जानकारी प्राप्त करते हुए ऐएनसी जॉच को और सुदृढ़ बनाये जाने के निर्देश दियें। इसके साथ ही उन्होंने महिला डॉक्टरों से कहा कि महिलाओं को ऐएनसी-एच एवं आरपी के बारे में भी जागरूक किया जाय। उन्हांने अस्पताल में रिकार्ड मेंटीनेन्स करने के लिए और अधिक ध्यान देने के लिए कहा तथा इनीमिया वार्ड को और अच्छे ढंग से चलाने के भी निर्देश दियें। इसके साथ ही उन्होंने डेंगू मरीजों के बारे में पूछ-तॉछ कर जानकारी प्राप्त की, जिस पर बताया गया कि सराय अकिल क्षेत्र में अभी डेगूं से पीड़ित कोई भी मरीज नहीं मिला है। उन्होंने लेबर रूम के डिलेवरी रजिस्टर को चेक किया, जो कि संतोषजनक पाया गया। निरीक्षण के दौरान साफ-सफाई की व्यवस्था बेहतर पायी गई।
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