[20/10, 3:39 PM] +91 6307 708 783: रा किसानों के लिए यह उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) फ्री बोरिंग योजना 1985 से चल रही है। राज्य के छोटे और सीमांत किसानों ( Farmer ) को सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए मुफ्त बोरिंग योजना शुरू की गई है। इस यूपी फ़्री बोरिंग योजना ( Uttar Pradesh Free Boring Yojana ) का क्रियान्वयन उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा किया जाता है। नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) ने फ्री बोरिंग स्कीम के तहत विभिन्न हॉर्स पावर के पंपसेट खरीदने के लिए कर्ज की सीमा तय की है !
UP Free Boring Yojana
UP Free Boring Yojana
Uttar Pradesh Free Boring Yojana
यह योजना सिंचाई विभाग का प्रमुख कार्यक्रम है। योजनान्तर्गत पम्पसेट क्रय हेतु ऋण लेने पर किसानों ( Farmer ) को अनुदान दिया जाता है। योजना का लाभ उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) के अति-शोषित विकास खंडों को छोड़कर राज्य के सभी क्षेत्रों में लागू है। आइए जानते हैं यूपी फ़्री बोरिंग योजना ( Uttar Pradesh Free Boring Yojana )की विस्तृत जानकारी के बारे में।
उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) में ज्यादातर लोग खेती करते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा संचालित उत्तर प्रदेश फ्री बोरिंग योजना के तहत उत्तर प्रदेश के किसानों ( Farmer ) को मुफ्त बोरिंग दी जाएगी, इस यूपी फ़्री बोरिंग योजना ( Uttar Pradesh Free Boring Yojana ) के माध्यम से वे अपने खेतों की सिंचाई कर सकते हैं और अपनी सब्जियों और उपज को बढ़ावा दे सकते हैं।
इससे किसानों ( Farmer ) को आर्थिक मदद मिलेगी और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, इसलिए उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फ्री बोरिंग योजना बनाई है. ताकि किसानों के जीवन को उभारा जा सके, आज हम आपको इस लेख के माध्यम से यूपी फ़्री बोरिंग योजना ( Uttar Pradesh Free Boring Yojana ) के बारे में बताएंगे।
उत्तर प्रदेश मुफ्त बोरिंग योजना सब्सिडी
सामान्य जाति के छोटे और सीमांत किसानों के लिए अनुदान
छोटे किसानों के लिए बोरिंग पर सब्सिडी की अधिकतम सीमा 5,000/- रुपये निर्धारित की गई है।
सीमांत किसानों के लिए बोरिंग पर सब्सिडी की अधिकतम सीमा 7,000/- रुपये निर्धारित की गई है।
पंप सेट को खरीदकर बोरिंग पर लगाना अनिवार्य नहीं है।
छोटे किसानों को पंप सेट खरीद कर बोरिंग लगाने पर अधिकतम 4500/- रुपये का अनुदान मिलेगा।
यदि पम्पसेट को सीमांत किसानों द्वारा बोरिंग पर खरीदा एवं स्थापित किया जाता है, तो अधिकतम अनुदान रु. 6,000/- प्राप्त होगा।
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छोटे और सीमांत किसानों के लिए अनुदान
छोटे और सीमांत किसानों ( Farmer ) के लिए बोरिंग पर सब्सिडी की अधिकतम सीमा 10,000/- रुपये निर्धारित की गई है। यदि यूपी फ़्री बोरिंग योजना ( Uttar Pradesh Free Boring Yojana ) में बोरिंग से शेष राशि रू.10,000/- की सीमा के अधीन है, तो रिफ्लेक्स वाल्व, डिलीवरी पाइप, बेंड आदि जैसी सामग्री उपलब्ध कराने की अतिरिक्त सुविधा भी उपलब्ध होगी। बोरिंग पर पम्पसेट लगाने पर पम्पसेट क्रय करने पर अधिकतम 9,000/- रुपये का अनुदान प्राप्त होगा। तथापि, उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) बोरिंग पर पम्पसेट लगाना अनिवार्य नहीं है।
UP Free Boring Yojana में ऐसे करें आवेदन
उत्तर प्रदेश फ्री बोरिंग योजना आवेदन पत्र डाउनलोड करने के लिए लिंक पर क्लिक करें ( minorirrigationup.gov.in )।
फॉर्म को ऑनलाइन डाउनलोड करने के बाद एक प्रिंटआउट निकालना होगा।
इस यूपी फ़्री बोरिंग योजना ( Uttar Pradesh Free Boring Yojana ) के बाद फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारियों को भरकर अपने जिले के प्रखंड विकास अधिकारी/सहायक अभियंता, लघु सिंचाई विभाग कार्यालय उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) में जमा करना होगा.
एचडीपीई पाइपों के लिए सब्सिडी
90 मिमी आकार के एचडीपीई पाइप की लागत न्यूनतम 30 मीटर से अधिकतम 60 मीटर तक की 50% सब्सिडी दी जाएगी। यूपी फ़्री बोरिंग योजना ( Uttar Pradesh Free Boring Yojana ) अनुदान की राशि एचडीपीई पाइप की लागत का ५०% या अधिकतम ३०००/- रुपये अनुदान के रूप में होगी। किसानों ( Farmer ) की मांग को ध्यान में रखते हुए 22 मार्च 2016 से 110 एमएम एचडीपीई पाइप लगाने पर भी उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) सब्सिडी का प्रावधान किया गया है.
पंप सेट खरीदने के लिए सब्सिडी
यूपी फ़्री बोरिंग योजना ( Uttar Pradesh Free Boring Yojana ) के तहत नाबार्ड द्वारा विभिन्न हॉर्सपावर के पंपसेट के लिए बैंक ऋण की सीमा तय की गई है. किसान राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक की शाखा से ऋण प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा किसान ( Farmer ) योजनान्तर्गत जिलावार पंजीकृत पम्पसेट डीलरों से पम्पसेट क्रय करने की व्यवस्था भी लागू की गयी है। दोनों में से किसी एक प्रक्रिया को अपनाकर किसान पंपसेट खरीदकर अनुदान का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। योजना के तहत अनुदान का लाभ प्राप्त करने के लिए आईएसआई मार्क पंपसेट खरीदना अनिवार्य है। इस
[20/10, 4:00 PM] +91 99191 96696: *विकास कार्यों में धांधली के चलते मूलभूत सुविधाओं से उपेक्षित हो रहे हैं ग्रामीण*
*ग्राम सभा हरदुआ के विकास कार्यों में बड़े घोटाला की शिकायत की जांच के नाम पर हुई लीपापोती*
*कौशांबी* चायल बिकास खण्ड क्षेत्र के ग्राम सभा हरदुआ में धांधली की जांच के नाम पर जांच अधिकारियों ने आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है गांव के भ्रष्टाचार की रकम में जांच अधिकारियों ने हिस्सा वसूल लिया है जिससे एक नई जांच शुरू कराए जाने की जरूरत है योगी सरकार में ग्राम पंचायतों में जमकर धांधली हो रही है ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव मालामाल हो रहे हैं ब्लॉक से लेकर विकास भवन के अधिकारी कमीशन खोरी कर अपना हिस्सा वसूल रहे हैं जिससे योगी सरकार में ग्राम पंचायतों के विकास हकीकत में नहीं हो सके हैं विकास कार्यों में धांधली के चलते ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से उपेक्षित हो रहे हैं जिसका खामियाजा आने वाले विधानसभा चुनाव में योगी सरकार के प्रतिनिधियों को भुगतना पड़ेगा लेकिन फिर भी योगी सरकार के प्रतिनिधि सरकारी विकास कार्यों की धांधली में लगे जिम्मेदारों के कारनामों पर गंभीरता लेकर उन्हें दंडित कराने में तत्परता नहीं दिखाते हैं
ग़ौरतलब है कि विकास कार्यों के लिए मिलने वाली सरकारी रकम ग्राम सभा के जिम्मेदारों की कमाई का साधन बनकर रह गयी है गांव से लेकर विकास भवन तक 30% से अधिक रकम कमीशन खोरी में बट रही है नाली खड़ंजा सीसी रोड शौचालय आवास हैंड पंम्प रिबोर मरम्मत सहित विभिन्न योजनाओं में मिली लाखों की रकम में कमीशन खोरी कर योजनाओ को जिम्मेदारों ने जमकर पलीता लगाया है ग्राम सभा हरदुआ के दर्जनों ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान के इस कृत्य की शिकायत भी खंड विकास अधिकारी से लेकर जिला स्तर तक की लेकिन जांच के नाम पर बार-बार ग्राम प्रधान के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालकर उसे बचाने का भरसक प्रयास जांच अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है जिससे दोषी दंडित होने से बच जाते हैं
ग्राम सभा हरदुआ में प्रधानमंत्री आवास योजना में भी पात्रों को आवास देने के मामले में बनाई जाने वाली सूची में कई अपात्रों का नाम शामिल कर उन्हें आवास योजना का लाभ जिम्मेदारों ने पहुंचाया है जो ब्यवस्था पर एक बड़ा सवाल है हरदुआ ग्राम सभा में सरकारी रकम की धांधली में यदि आला अधिकारियों ने जांच कराई तो इस ग्राम सभा में बड़ा घोटाला उजागर होगा निष्पक्ष जांच के बाद ग्राम प्रधान ग्राम विकास अधिकारी पर आला अधिकारियों की गाज गिरना तय है लेकिन क्या भ्रष्ट प्रधान के कारनामों पर उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच हो पाएगी यह व्यवस्था पर बड़ा सवाल है।
*सुशील केसरवानी वरिष्ठ पत्रकार ब्यूरो चीफ अखंड भारत संदेश जनपद कौशाम्बी*
*9838824938*
[20/10, 4:00 PM] +91 95064 20852: कौशाम्बी
घटनाओं पर कंट्रोल नही कर पाए कोखराज इंस्पेक्टर को फिर भेजा गया डायल 112,संदीप तिवारी बने कोखराज प्रभारी,
कोखराज थाना क्षेत्र में लगातार हो रही घटनाओ पर नकेल नही कस पाने और पत्रकारों का फोन नही उठाने वाले कोखराज थाना प्रभारी इंसपेक्टर ज्ञान सिंह को एसपी राधेश्याम विश्वकर्मा ने डायल 112 में फिर से वापस भेज दिया।इंसपेक्टर प्रदील रॉय के गैर जनपद ट्रांसफर होने के बाद एसपी ने इंस्पेक्टर ज्ञान सिंह को डायल 112 से कोखराज की कमान सौंपी थी।लेकिन इंस्पेक्टर ज्ञान सिंह पत्रकारों के साथ साथ आम लोगो का फोन भी नही उठाते थे।जिसपर एसपी ने फटकार भी लगाई थी।वही कोखराज थाना क्षेत्र में लगातार घटनाए हो रही थी जिसपर इंस्पेक्टर कंट्रोल नही कर पा रहे थे ।बिसारा गांव में हत्या और भरवारी के पास लूट की घटनाओं के चलते एसपी राधेश्याम विश्वकर्मा ने इंस्पेक्टर ज्ञान सिंह को फिर से दायर 112 भेज दिया और पुलिस लाइन में तैनात इंस्पेक्टर संदीप तिवारी को कोखराज थाना की कमान सौंपी है।
रिपोर्ट
अशोक कुमार गुप्ता
लाइव इंडिया 7 न्यूज
कौशांबी
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