[18/11, 7:52 AM] +91 97921 21202: *गलत क्या कह दिया कंगना ने? कंगना के बयान पर इतना आगबबूला क्यों हो रहे हैं ढोंगी पाखंडी.?*
रानी लक्ष्मीबाई से लेकर नेता जी सुभाषचंद्र बोस तक,
90 साल लंबे स्वतन्त्रता संग्राम में चंद्रशेखर आज़ाद भगतसिंह, राजगुरू, सुखदेव, रोशन सिंह, बिस्मिल अशफ़ाकउल्लाह सरीखे असंख्य अमर बलिदानियों समेत लगभग 7 लाख हिन्दूस्तानियों ने अंग्रेजों की बंदूकों की गोली खा कर या फांसी के फंदे को चूमकर अपने प्राणों का बलिदान दिया। उन 7 लाख बलिदानियों में एक भी कांग्रेसी नेता शामिल नहीं था। लेकिन आज़ादी के बाद 67 सालों तक इस देश की कई पीढ़ियों को लगातार यह पढ़ाया, रटाया गया कि “दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल…”
रानी लक्ष्मीबाई, से लेकर नेता जी सुभाषचंद्र बोस तक जिन
7 लाख बलिदानियों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया, क्या अंग्रेजों से वो बिना खड्ग, बिना ढाल के लड़ रहे थे.?
हो सकता है कांग्रेसी चमचों चाटुकारों को नही मालूम हो। लेकिन नेताजी सुभाषचंद्र बोस और उनकी जिस आज़ाद हिंद फौज को केवल सारा देश ही नहीं पूरी दुनिया जानती है। उनकी वह फौज चरखा नहीं चलाती थी। सूत नहीं कातती थी। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के इतिहास में अमर बलिदानी चंद्रशेखर आज़ाद जितना प्रसिद्ध हैं, उतना ही प्रसिद्ध उनका माउज़र भी है। भगतसिंह, उधम सिंह और मदनलाल ढींगरा ने अंग्रेज आततायियों की खोपड़ी पर चरखा और सूत की गठरी पटक कर उनको मौत के घाट नहीं उतारा था। उन्हें परलोक पहुंचाने का पुण्य भगतसिंह, उधम सिंह और मदनलाल ढींगरा की पिस्तौलों से बरसी बारूद के धमाकों ने किया था।
अतः पूरे देश की आंखों में 67 साल तक सफेद झूठ की यह धूल क्यों झोंकी गयी कि “दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल…” किसी आज़ाद देश की आज़ाद सरकार अपने देश, अपने देशवासियों के साथ ऐसा छल फरेब, ऐसी धोखाधड़ी नही करती। अतः कंगना ने गलत क्या कह दिया.?
यहां कुछ तथ्य प्रस्तुत कर रहा हूं जो यह संदेश देते हैं कि कंगना ने जो कहा सही कहा।
किसी देश को आज़ादी मिलने के बाद उस देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी किसी व्यक्ति को भीख में नहीं दी जाती। लेकिन यह सर्वज्ञात तथ्य है कि नेहरू को वह कुर्सी भीख में ही दी गयी थी। तत्कालीन कांग्रेस की सभी 15 राज्य कमेटियों में से 12 राज्य कमेटियों ने 25 अप्रैल 1946 को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में नेहरू नहीं सरदार पटेल के नाम का प्रस्ताव रखा था। शेष तीन राज्य कमेटियों ने किसी भी नाम का प्रस्ताव नहीं रखा था।
लेकिन मोहनदास करमचंद गांधी ने कितने शातिर हथकंडों दांवपेंचों के द्वारा नेहरू को प्रधानमंत्री का पद भीख में दे दिया था, इसका विस्तार से वर्णन 25 अप्रैल 1946 को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की उस बैठक में उपस्थित रहे आचार्य जेबी कृपलानी ने अपनी किताब “गांधी हिज लाइफ एंड थॉट्स” में तथा मौलाना आज़ाद ने अपने किताब “इंडिया विंस फ्रीडम” में किया है। अतः *कंगना ने गलत क्या कह दिया.?*
आज कंगना के खिलाफ गरज बरस रहे लंपटों, कांग्रेसी चाटुकारों को यह बताना जरूरी है कि 25 अप्रैल 1946 को कांग्रेस कार्यसमिति की वह बैठक जब हुई थी उस समय कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आज़ाद ही था। 15 अगस्त 1947 को देश जब आज़ाद हुआ था उस समय कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी आचार्य जेबी कृपलानी के ही पास थी।
किसी आज़ाद देश की आज़ाद सरकार का प्रधानमंत्री देश की आज़ादी की लड़ाई में अपने प्राणों का बलिदान करने वाले नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, चन्द्रशेखर आज़ाद, भगतसिंह सरीखे ज्ञात अज्ञात 7 लाख बलिदानियों की उपेक्षा तिरस्कार अपमान नहीं करता है। उन बलिदानियों के बजाय देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” से खुद को खुद ही सम्मानित नहीं करता। लेकिन नेहरू ने यही कुकर्म किया था। अतः *कंगना ने गलत क्या कह दिया.?*
किसी आज़ाद देश की आज़ाद सरकार के शासनकाल में विश्वविख्यात क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद की बेसहारा विधवा मां जगरानी देवी, जंगलों में लकड़ियां बीन कर, गोबर के उपले बनाकर बेच के अपना पेट भरने को मजबूर नहीं होती। अमर शहीद ऊधम सिंह का पौत्र अपनी दो वक्त की रोटी के लिए अपने सिर पर ईंटें ढोने की मजदूरी करने के लिए मजबूर नहीं होता। लेकिन नेहरू के शासनकाल में यह जघन्य पाप हुआ। लगातार 3 सालों तक यह पाप हुआ, तबतक हुआ जबतक जगरानी देवी जी की 1950 में मृत्यु नहीं हो गयी। शहीद ऊधम सिंह का पौत्र तो यूपीए शासनकाल में भी सिर पर ईंटें ढोने की मजदूरी ही कर रहा था। अतः *कंगना ने गलत क्या कह दिया.?*
जिसकी बहन आज़ादी की लड़ाई में जेल जाने का ढोंग कर के जेल के सुपरिंटेंडेंट के साथ उसकी कार में बैठकर अंग्रेज़ी फिल्में देखने के लिए सिनेमा हॉल जाया करती थी। अपनी उस बहन को किसी आज़ाद देश की आज़ाद सरकार का प्रधानमंत्री भारत का हाईकमिश्नर/राजदूत बनाकर लंदन मॉस्को वाशिंगटन समेत दुनिया के कई देशों में सम्मानित कराने का पाप नहीं करता। लेकिन नेहरू ने आज़ादी की लड़ाई के नाम पर देश के साथ यह घृणित दगाबाजी करने वाली अपनी उस बहन के लिए देश के साथ यह पाप किया था। अतः *कंगना ने गलत क्या कह दिया.?*
किसी आज़ाद देश की आज़ाद सरकार का प्रधानमंत्री क्या सरकारी खजाने से करोड़ों की रकम खर्च कर के अपनी मां के नाम पर मेडिकल कॉलेज समेत दर्जनों संस्थान बनवाता है? नेहरू ने ऐसा ही किया। लेकिन उसी नेहरू के शासनकाल में अमर बलिदानी चन्द्रशेखर आज़ाद की मां की 2 फुट की प्रतिमा अपने पैसों से लगाने की कोशिश जब कुछ देशभक्तों ने की तो उसी प्रधानमंत्री नेहरू की सरकार ने पुलिस की गोलियों की बरसात कर के तीन देशभक्तों को मौत के घाट उतरवा दिया, दर्जनों को अधमरा कर के अस्पताल भिजवा दिया। आज़ादी मिलने के बाद यह सरकारी पाप हुआ। खुलेआम बेखौफ हुआ। अतः *कंगना ने गलत क्या कह दिया.?*
किसी आज़ाद देश की आज़ाद सरकार के शासनकाल में आज़ाद, भगत, बिस्मिल, अशफाक सरीखे महान क्रंरिकरियों को सरकारी पाठ्यपुस्तकों में आतंकवादी नहीं लिखा जाता। लेकिन यह पाप इस देश में हुआ डंके की चोट पर, खुलेआम बेखौफ हुआ। अतः *कंगना ने गलत क्या कह दिया.?*
किसी आज़ाद देश की आज़ाद सरकार के शासनकाल में बटुकेश्वर दत्त सरीखे महान क्रांतिकारी से सरकार उसके क्रांतिकारी होने का प्रमाणपत्र मांगने का दुस्साहस, पाप नहीं कर सकती। लेकिन आज़ादी मिलने के बाद यह पाप हुआ। नेहरू के शासनकाल में ही हुआ। अतः *कंगना ने गलत क्या कह दिया.?*
आज़ाद भगत अशफ़ाक़ के घनिष्ठ साथी सहयोगी रहे बटुकेश्वर दत्त, मन्मथनाथ गुप्त, दुर्गा भाभी, शचींद्र नाथ बख्शी, शचींद्र नाथ सान्याल, रामकृष्ण खत्री सरीखे दर्जनों महान क्रांतिकारियों में से किसी को भी अगर पद्मश्री सरीखे सम्मान के योग्य भी नहीं समझे जाने का कुकर्म किया गया, डंके की चोट पर खुलेआम किया गया तो *Kangana Ranaut ने गलत क्या कह दिया.?*
जय हिंद
[18/11, 7:52 AM] +91 97921 21202: *यूपी पुलिस सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में 2426 अभ्यर्थियों के आवेदन निरस्त, जानें- क्यों उठाया गया कदम*
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड ने सब इंस्पेक्टर के पदों पर अप्लाई करने वाले अभ्यर्थियों के लिए महत्पूर्ण नोटिस जारी किया है। कई अभ्यर्थियों ने भर्ती परीक्षा में एक से अधिक आवेदन किए थे। ऐसे 2426 अभ्यर्थियों के आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं।
लखनऊ, । उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड ने सब इंस्पेक्टर के पदों पर अप्लाई करने वाले अभ्यर्थियों के लिए महत्पूर्ण नोटिस जारी किया है। कई अभ्यर्थियों ने भर्ती परीक्षा में एक से अधिक आवेदन किए थे। इनमें एक युवक ने तो आठ आवेदन तक कर डाले थे। इनमें ऐसे अभ्यर्थी भी थे, जिन्होंने एक आवेदन में त्रुटि होने अथवा गड़बड़ी की आशंका के चलते भी एक से अधिक आवेदन कर दिए थे। भर्ती बोर्ड ने एक से अधिक आवेदन करने वाले करीब पांच हजार अभ्यर्थियों की जांच के बाद 2408 अभ्यर्थियों के अंतिम आवेदन को स्वीकार कर परीक्षा की अनुमति दी गई है, जबकि 2426 अभ्यर्थियों के आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं।
[18/11, 7:52 AM] +91 97921 21202: *इंटरनेशनल कोर्ट के दबाव में झुका पाकिस्तान, कुलभूषण जाधव को बड़ी राहत*
पकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को एक बड़ी राहत मिली है. पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के अनुसार अपील करने का अधिकार देने के लिए संसद के संयुक्त सत्र में एक विधेयक पारित किया है. इससे पहले कोर्ट ने पाकिस्तान को बिना देरी के भारत को राजनयिक पहुंच मुहैया कराने को भी कहा था।
[18/11, 7:52 AM] +91 97921 21202: लखनऊ
13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण
13 दिसंबर से एक माह तक बनारस में बड़े कार्यक्रम
पीएम मोदी 13 दिसंबर को कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे
14 दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी दिल्ली वापस जाएंगे
भाजपा पदाधिकारियों का वाराणसी में सम्मेलन होगा
BJP शासित राज्यों के CM का वाराणसी में सम्मेलन
वाराणसी में पूरे देश के मेयर का सम्मेलन भी होगा
सभी जिला पंचायत अध्यक्षों का बनारस में सम्मेलन
इस मौके पर धर्माचार्यों का सम्मेलन भी कराया जाएगा।
[18/11, 10:34 AM] +91 99568 07721: *दबंगों द्वारा अवैध तरीके से कब्ज़ा की जा रही भूमिधरी की जमीन, निर्माण कार्य शुरू*
*पीड़ित ने लगाई उप जिलाधिकारी से लगाई गुहार*
कौशाम्बी जिले में भू माफियाओं की मनमानी सर चढ़कर बोल रही है जहां पर यह दबंग भूमाफिया अपनी मनमानी करते हुए भूमिधरी की जमीन पर कब्जा करते हुए नजर आ रहे हैं लेकिन पीड़ितों को सुनने वाला कोई नहीं है जब पीड़ितों द्वारा सदर कोतवाली पुलिस को सूचना दी गई तो पुलिस द्वारा टाल मटोल कर दिया गया लेकिन दबंग भू माफियाओं के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं की गई l यह दबंग भू माफिया तहसील मंझनपुर में चौकीदार होने का धौंस दिखाकर अपनी मनमानी करते हुए प्रार्थी की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर निर्माण करवा रहे हैं l पीड़ित ने उप जिलाधिकारी महोदय को दिए गए शिकायती पत्र में बताया कि प्रार्थी की जमीन मंझनपुर कोतवली के हाजीपुर पतौना स्थित हैं जिस पर गांव का ही एक दबंग द्वारा प्रार्थी की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर रहे हैं व निर्माण करवा रहे हैं l दबंग भूमाफिया भगवान दीन व उसका भाई अपने अन्य साथियों की मदद से प्रार्थी की उक्त जमीन पर अवैध रूप से निर्माण करा रहे हैं व दबंगई के बल पर प्रार्थी की भूमि पर कब्जा कर रहे हैं प्रार्थी द्वारा मना करने पर गाली गलौज व मारपीट पर उतारू हो रहे हैं l जिसकी सूचना पीड़ितों द्वारा सदर कोतवाली में दी गई जिस पर पुलिश मौके पर पहुच कर वापस चली आयी। इसके पीड़ित ने जिलाधिकारी महोदय को लिखित शिकायती पत्र के माध्यम से मामले को अवगत कराया कि प्रार्थी की जमीन पर दबंग भू माफियाओं द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर निर्माण कराया जा रहा है जिसमें जिलाधिकारी महोदय ने सदर एसडीम को जांच कर कार्यवाही करने का निर्देश दियाl अब देखना यह है कि क्या जिला प्रशासन इन गरीब ग्रामीणों की जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे को रोकने में कामयाब हो पाएगा या फिर दबंग भू माफियाओं की मनमानी ऐसे ही चलती रहेगी यह एक बड़ा सवाल है l *जेपी विश्वकर्मा prime news कौशाम्बी*
[18/11, 12:31 PM] +91 94154 94304: *?जांच के नाम पर प्रधानमंत्री आवास पर लगा ग्रहण..*
*?सरकार की भद्द कराने में जुटा प्रसाशनिक अमला*
*✍रिपोर्ट.अंजनी कुमार पांडेय।*
*कौशाम्बी ब्युरो।* स्नोफॉउंटेंन व हाईटेक बिल्डर्स की डीपीआर की जांच करके नगर पंचायतों ने फाइलें बहुत पहले ही जिले को भेज दी है। लेकिन अब उन फाइलों पर ग्रहण लगना तय माना जा रहा है। पहले तो कोरोना काल ने गरीबों के आशियाने पर कुंडली मारी लगभग सालों ऐसे ही चलता रहा जैसे ही कोरोना जैसे गंभीर महामारी से निजाद मिला वैसे ही नगर पंचायतों से गरीबों के आशियाने की फाइले जांचकर जिले में भेज दी गईं।
मगर कहते है गरीबी में आटा भी गीला होता है वही हाल जिले के गरीबों के साथ हुआ जैसे ही फाइल जिले में पहुँची वैसे ही उन फाइलों को एडीएम ने उपजिलाधिकारियों को जांच के लिये भेज दिया। अब वे फाइलें महीनों से जांच के नाम पर दम तोड़ रही हैं। वही गरीबो के सपनो के आशियाने पर ग्रहण लगता जा रहा है।
वहीं मालूम हो चुनाव की आहट ने गरीबों को और बेचैन कर दिया है उनका कहना है यदि अधिसूचना लगी तो आवासीय सपने भी चुनावी वादों में नारों की तरह खो जाएंगे। इंतजार ऐसा की महीनों बीतने के बाद भी गरीबों की छत पर प्रसाशनिक अधिकारियों ने कुंडली मारकर बैठ गए हैं।
अब तो ऐसे लग रहा है जैसे ये सरकारी मशीनरी सरकार की भद्द कराने में जुटी है। जांच के नाम पर फाइलों को टरकाना चाहती है जिससे भाजपा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर गरीब को पक्के मकान के सपने पर पूर्ण विराम लग दिया है या कुछ और ये तो आने वाला समय ही बताएगा कि फाइलें जांचकर वापस जिले पहुचती है या तहसीलों में अपना दम तोड़ देंगी।
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