September 20, 2024

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कौशाम्बी14सितम्बर24*तकनीक के युग मे हिंदी रोटी- रोजगार के प्रदान करती है अवसर--बीएसए*

कौशाम्बी14सितम्बर24*तकनीक के युग मे हिंदी रोटी- रोजगार के प्रदान करती है अवसर–बीएसए*

कौशाम्बी14सितम्बर24*तकनीक के युग मे हिंदी रोटी- रोजगार के प्रदान करती है अवसर–बीएसए*

*हिंदी रस रसना चखे, करे दिलों पर राज।मधुर-मधुर से भाव से, हिंदी है सरताज*

*कौशाम्बी* महामाया राजकीय महाविद्यालय में 14 सितंबर को हिंदी दिवस के अवसर पर बाजरवाद और हिंदी विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ0 कमलेन्द्र कुमार कुशवाहा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवम महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो0 शैलेन्द्र तिवारी ने संयुक्त रूप से माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन करके किया डॉ0 कमलेन्द्र कुमार कुशवाहा ने कहा कि आज बजारवाद के दौर में भाषा के प्रतिमान बदल रहें है। आज बाजार भाषा के मापदंड तय कर रहा है। हमें सोशल मीडिया में भाषा के प्रयोग को लेकर बहुत सजग रहना होगा। हिंदी भाषा को सिनेमा के माध्यम से बाजार में जिस तरह प्रस्तुत किया जा रहा है, वह कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े कर रहा। हिंदी भाषा वर्तमान समय मे आमजन मानस की सबसे प्रिय भाषा है। हमारे देश के बुद्धिजीवियों के विचार अकसर महानगरों या शहरी उच्च और उच्च-मध्य वर्ग के आसपास घूमते रहते हैं। वे समझते हैं हिंदुस्तान यही है। जबकि एक अरब से ज्यादा जनसंख्या का यह देश है। संविधान स्वीकृत 22 भाषाओं के अलावा सैकड़ों भाषाएं, बोलियां हैं। तकनीक के युग मे हिंदी रोटी- रोजगार के अवसर प्रदान करती है। इसी क्रम में कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो0 अनिल कुमार सोनकर ने कहा कि हिंदी भाषा को लेकर हमे बेसिक शिक्षा से ही सजग रहना होगा। क्योंकि जब हमारे कोरे मस्तिष्क पर पहली बार अक्षर ज्ञान कराया जाता है तब उसकी छाप तजीवन हमारे जेहन में बखूबी बैठ जाती है
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य प्रो0 शैलेन्द्र तिवारी ने का कि हमारे दैनिक जीवन मे भाषा को एक प्रयोग के रूप में देखना चाहिए। हम जिस परिवेश में रहते है वहीं से भाषा के संस्कार ग्रहण करते हैं। वे संस्कार हमारे व्यक्तित्व में समाहित होकर भाषा की विशिष्टता को दर्शाते हैं कार्यक्रम का संयोजन और कुशल संचालन डॉ0 अजय कुमार एसोसिएट प्रोफेसर हिंदी द्वारा किया गया धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 रीता दयाल द्वारा किया गया।इस अवसर पर प्राध्यापक डॉ0 नीलम बाजपेई , डॉ0 भावना केसरवानी, डॉ0 पवन कुमार डॉ0 रमेश चंद्र ,डॉ0 राम प्रताप यादव, डॉ0 संतोष कुमार एवं डॉ0 शैलेश मालवीय तथा छात्र, छात्राएं उपस्थित रहे।

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